अच्छी नौकरी और करियर के लिए छात्र 12वीं के बाद अलग-अलग कोर्स करते हैं। छात्रों के पास हजारों कोर्स चुनने के विकल्प मौजूद होते हैं लेकिन ज्यादातर छात्र या तो इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई करते हैं या फिर BA, BCom, BSc, BBA,BCA जैसे कोर्स करते हैं। इन सब कोर्स के अलावा भी छात्रों के पास कुछ विकल्प हैं लेकिन कुछ छात्र किताबी पढ़ाई के बजाय प्रैक्टिक्ल नॉलेज लेना चाहते हैं। उन छात्रों के लिए B.Voc कोर्स एक अच्छा विकल्प हो सकता है। 

 

B.Voc कोर्स का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ वोकेशन है। यह तीन साल का डिग्री कोर्स है। इस कोर्स की खास बात यह है कि इसमें आपको इंडस्ट्री में काम आने वाली स्किल सिखाई जाती हैं। इन्हीं स्किल्स के आधार पर आप जॉब मार्केट में अपनी जगह बना सकते हैं। सैलरी वैसे तो आपकी योग्यता और इस कोर्स में आपने कितना सीखा इस बात पर निर्भर करती है लेकिन आम तौर पर फ्रैशर को 15 हजार से 25 हजार रुपये तक सैलरी मिल सकती है। 

 

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कौन कर सकता है अप्लाई?

इस कोर्स के लिए 12वीं पास छात्र या फिर आईटीआई पास आउट अप्लाई कर सकते हैं। ज्यादातर B.Voc कोर्सेज में 12वीं की स्ट्रीम को लेकर कोई खास भी बाध्यता नहीं है। हालांकि, एडमिशन फॉर्म भरने से पहले आप जिस कॉलेज, यूनिवर्सिटी और संस्थान में अप्लाई कर रहे हैं उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर योग्यता देख लें।

 

इसमें 10वीं के बाद भी छात्र अप्लाई कर सकते हैं लेकिन उसके लिए आपको 10वीं के बाद दो साल की आईटीआई का कोर्स करना जरूरी है। इस कोर्स में हर साल एडमिशन होता है और देशभर में कई कॉलेज इस कोर्स को करवाते हैं। हर कॉलेज का एडमिशन प्रोसेस अलग हो सकता है, जिसमें एंट्रेंस एग्जाम, इंटरव्यू या फिर कोई और एप्टीट्यूड टेस्ट हो सकता है। यह कोर्स 3 साल में 6 सेमेस्टर में बंटा हुआ है। अगर आप किसी कारणवश पहले साल में इस कोर्स को छोड़ देते है तो आपको डिप्लोमा का सर्टिफिकेट भी मिलता है। वहीं तीनों साल की पढ़ाई पूरी करेंगे तो आपको ग्रेजुएशन की डिग्री मिलेगी। 

किस स्ट्रीम में कर सकते हैं अप्लाई?

अगर आपको ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में करियर बनाना है तो आप B.Voc ऑटोमोबाइल इंजीनियर कोर्स कर सकते हो। इसके अलावा आप होटल मैनेजमेंट, मेटल कन्स्ट्रक्शन,इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, एंटरटेनमेंट, रिटेल मैनेजमेंट और हेल्थकेयर B.Voc कोर्स करते हैं। इस कोर्स में आपको प्रैक्टिकल ज्यादा करवाया जाता है। पूरा कोर्स उन स्किल्स को सीखाने पर केंद्रीत रहता है जिनकी जॉब मार्केट में डिमांड है।

 

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क्या हैं इस कोर्स के फायदे?

इस कोर्स में किताबी पढ़ाई के बजाय स्किल सीखने पर ध्यान दिया जाता है।  B.Voc में छात्रों के पास अलग-अलग स्ट्रीम में कोर्स करने का मौका मिलता है, जिस कारण छात्र अपनी पसंद के फील्ड में काम सीख सकते हैं और नौकरी पा सकते हैं। इस कोर्स की खास बात यह है कि इसमें छात्रों को पढ़ाई के साथ नौकरी करने का मौका भी मिल सकता है। इस कोर्स में यह भी सिखाया जाता है कि इंडस्ट्री कैसे काम करती है जिससे छात्र भविष्य में अपना बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं। इस कोर्स वाले छात्रों को कंपनियां भी ज्यादा पसंद करती हैं क्योंकि इनके पास जरूरी स्किल और प्रैक्टिस होती है। बैचलर ऑफ वोकेशन कोर्सेज छात्रों को न केवल देश में बल्कि विदेश में भी नौकरी के काबिल बनाती है। 

 

इसमें छात्रों को बेहतर ट्रेनिंग के लिए मशीन दी जाती है। हर छात्र काम की बारीकी को अच्छे से समझ सके इसके लिए स्विस ट्रेनर की निगरानी में हर छात्र को व्यक्तिगत तौर पर मशीन पर ट्रेनिंग दी जाती है। इस कोर्स में छात्र हर साल 6 महीने यूनिवर्सिटी या कॉलेज में रहकर सीखते हैं और बाकी 6 महीने इंडस्ट्री में ट्रेनिंग दी जाती है।

 

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B.Voc कोर्स के बाद करियर

इस कोर्स को ज्यादातर वही छात्र करते हैं जिन्हें इस कोर्स के बाद इंडस्ट्री में जॉब करनी होती है। इस कोर्स में आप जिस स्ट्रीम का चयन करते हो उसी इंडस्ट्री में आपको नौकरी मिल सकती है। 

 

  •  मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट
  •  रेडियोग्राफी टेक्नोलॉजिस्ट
  • ऑपरेशन थिएटर टेक्निशियन
  • डायलिसिस टेक्निशियन
  • सॉफ्टवेयर डेवलपर
  • वेब डेवलपर
  • डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर
  • आईटी प्रोजेक्ट मैनेजर
  • टेक्निकल कंसल्टेंट
  • सेल्स एग्जीक्यूटिव
  • सेल्स मैनेजर,
  • मर्चेंडाइजर
  • ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
  •  बैंकिंग जॉब
  • बीमा 
  • डिजिटल मीडिया
  • एनीमेशन

B.Voc कोर्स के बाद यह सब जॉब आप कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ छात्र इस कोर्स के बाद भई पढ़ाई करने का विकल्प चुनते हैं। इस कोर्स के बाद M.Voc, MBA, PG डिप्लोमा कोर्स बेहतर विकल्प हैं।