बिहार के चर्चित राजगीर के जंगलों के ठीक दक्षिण में झारखंड की सीमा तक फैले क्षेत्र को नवादा जिला कहा जाता है। इसी जिले में बहने वाली सकरी नदी इसे दो हिस्से में बांटती है। मगही भाषी क्षेत्र नवादा का मुख्यालय नवादा शहर में ही है। 1845 में गया के सब डिवीजन के रूप में स्थापित नवादा को साल 1973 में नया जिला बनाया गया। लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने साल 1952 में सर्वोदय मूवमेंट की शुरुआत की थी तो सर्वोदय आश्रम की स्थापना की थी जो इसी जिले के सोखोदेवरा गांव में मौजूद है। इसी जिले में एकतारा जंगल, काकोलात वाटरफॉल, फुलवरिया रेजरवायर, कोल महादेव डैम और पुरैनी रेजरवायर जैसे प्राकृतिक संसाधन हैं। 

 

नवादा के इतिहास की बात करें तो इसकी स्थापना राजा बृहद्रथ ने की थी। इस क्षेत्र में गुप्त और मार्य वंश का भी वर्चस्व रहा है। माना जाता है कि नवादा के हडिया में मौजूद सूर्य नारायण मंदिर को द्वापरयुग में राजा जरासंध के समय बनवाया गया था। बता दें कि हंडिया क्षेत्र राजगीर की पहाड़ियों से घिरा हुआ है। प्राकृतिक संसाधनों के लिए मशहूर नवादा की 78 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। पशुपालन और अन्य मजदूरी से जुड़े काम ही आजीविका के प्रमुख साधन हैं।

 

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राजनीतिक समीकरण

 

झारखंड की सीमा पर बसे इस जिले की पांचों विधानसभा सीटें नवादा लोकसभा क्षेत्र में आती हैं। नवादा लोकसभा सीट पर 2009 से ही एनडीए का कब्जा बरकरार है। अगर मौजूदा स्थिति के हिसाब से देखा जाए तो यहां महागठबंधन मौजूद है। इस मजबूती को कमजोर करने के लिए एनडीए ने 2020 में जीते आरजेडी के विधायकों को अपने पाले में कर लिया है। बीजेपी की मजबूत सीट वारसलीगंज में जीतने के लिए आरजेडी ने बाहुबली अशोक महतो को अपने साथ लिया है। अशोक महतो ने चुनाव लड़ने के लिए ही शादी की और अपनी पत्नी को यहां से मैदान में उतार दिया है। 

विधानसभा सीटें

 

रजौली- इस सीट पर पिछले 2 चुनाव से आरजेडी के प्रकाश वीर चुनाव जीत रहे थे। इस बार काफी पहले ही तेजस्वी यादव ने संकेत दे दिया था कि प्रकाश वीर को टिकट नहीं मिलेगा। वजह थी कि प्रकाश वीर ने लोकसभा चुनाव में एनडीए के पक्ष में प्रचार किया था। अब वही प्रकाश वीर तेज प्रताप के जनशक्ति जनता दल के टिकट पर मैदान में हैं। एनडीए के खाते से यह सीट लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के खाते में गई है और उसने विमल राजवंशी को टिकट दिया है। आरजेडी ने इस बार जेडीयू से आईं पिंकी भारती को टिकट दिया है।

 

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हिसुआ- लगातार तीन बार हिसुआ में जीत चुकी बीजेपी को कांग्रेस ने 2020 में हरा दिया था। कांग्रेस ने फिर से उन्हीं नीतू कुमारी को टिकट दे दिया है। पिछली बार हार गए पूर्व विधायक अनिल सिंह को ही बीजेपी ने एक बार फिर मौका दिया है। जन सुराज ने यहां से सूर्य देव प्रसाद को टिकट दिया है।

 

नवादा- इस सीट पर 2015 में आरजेडी जीती थी लेकिन 2019 के चुनाव में यहां से जेडीयू ने बाजी मार ली थी। 2020 में फिर से आरजेडी की विभा देवी यादव ने जीत हासिल की। अब वह विभा देवी जेडीयू में पहुंच गई हैं और जेडीयू ने उन्हें टिकट दे दिया है। वहीं, आरजेडी ने पूर्व विधायक और जेडीयू से आए कौशल यादव को टिकट दे दिया है। 

 

गोबिंदपुर- गोबिंदपुर में भी 2020 में आरजेडी ही जीती थी। हालांकि, इस बार आरजेडी ने अपने विधायक मोहम्मद कामरान को टिकट न देकर पूर्व विधायक पूर्णिमा यादव को उतारा है। मोहम्मद कामरान निर्दलीय उतर गए हैं। यहां से इस बार लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) मैदान में है और उसने बिनीता मेहता को टिकट दिया है।

 

वारसलीगंज- इस सीट पर पिछले दो चुनाव से बीजेपी जीत रही है। इस बार आरजेडी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए थे लेकिन आखिरी वक्त में कांग्रेस के सतीश कुमार ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। अब यहां से आरजेडी अनीता बीजेपी की मौजूदा विधायक अरुणा देवी को चुनौती देंगी। अनीता बाहुबली अशोक महतो की पत्नी हैं।

जिले का प्रोफाइल

 

कुल 2494 वर्ग किलोमीटर में फैला यह जिला पहले गया का हिस्सा हुआ करता था। अब इस जिले में कुल 14 प्रखंड, 4 नगर पालिका और 182 ग्राम पंचायत हैं। लगभग 22.19 लाख से ज्यादा की जनसंख्या वाले नवादा में लिंगानुपात 939 है। यानी 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 939 है। जिले की साक्षरता दर 59.76 प्रतिशत है और जनसंख्या घनत्व 890 है। यानी 1 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में कुल 890 लोग रहते हैं।

 

RJD-3
कांग्रेस-1
BJP-1