अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपना वह पुराना दावा दोहराया है जिसे भारत बार-बार खारिज कर चुका है। बुधवार को ट्रंप ने कहा कि उन्होंने व्यापार और टैरिफ की धमकी देकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम किया और दोनों देशों को परमाणु युद्ध से बचा लिया।
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों को 350 प्रतिशत टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने की धमकी दी थी। इसके बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उन्हें फोन किया और कहा कि वे युद्ध नहीं करेंगे।
यह भी पढ़ें: 7 साल में 415 करोड़ कहां से कमाए? अल-फलाह ट्रस्ट के चेयरमैन पर ED ने क्या कहा?
350 प्रतिशत टैरिफ की धमकी
अमेरिका-सऊदी निवेश सम्मेलन में ट्रंप बोले – ‘मैं झगड़े सुलझाने में बहुत अच्छा हूं। भारत और पाकिस्तान परमाणु हथियारों के साथ लड़ने वाले थे। मैंने दोनों से कहा – लड़ो मत, वरना मैं दोनों देशों पर 350% टैरिफ लगा दूंगा। अमेरिका के साथ व्यापार बंद हो जाएगा।’
ट्रंप ने दावा किया कि दोनों देशों ने मना किया। फिर उन्होंने कहा – ‘ठीक है, युद्ध बंद करो, मैं टैरिफ हटा दूंगा। मैं नहीं चाहता कि परमाणु की धूल लॉस एंजिल्स तक पहुंचे।’ उन्होंने आगे कहा कि मोदी ने फोन करके कहा – ‘हम युद्ध नहीं करेंगे।’ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी फोन कर के शुक्रिया अदा किया।
बहुत बार दोहरा चुके हैं यह दावा
मई 2025 से अब तक ट्रंप बहुत बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की और युद्ध रोका। 10 मई को ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि लंबी बातचीत के बाद दोनों देश पूर्ण युद्धविराम पर राजी हो गए।
भारत ने हमेशा खारिज किया दावा
भारत ने साफ कहा है कि किसी तीसरे देश (अमेरिका) ने मध्यस्थता नहीं की। 7 मई को पहलगाम हमले में 26 नागरिक मारे गए थे। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया और पाकिस्तान व PoK में आतंकी ठिकानों पर हमला किया।
यह भी पढ़ें: लाल किला ब्लास्ट से चर्चा में आई अल-फलाह यूनिवर्सिटी की कहानी क्या है?
10 मई को भारत-पाकिस्तान के डीजीएमओ (सैन्य संचालन महानिदेशक) के बीच सीधी बात हुई थी। पाकिस्तान ने ही बातचीत की मांग की थी। दोनों देशों ने आपसी समझ से गोलीबारी रोकने का फैसला लिया। भारत शुरू से कहता आ रहा है – यह हमारा द्विपक्षीय मामला है, किसी बाहरी की भूमिका नहीं थी। ट्रंप का यह दावा भारत ने हर बार खारिज किया है, फिर भी वे इसे बार-बार दोहरा रहे हैं।
