अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई 2025 में सीरिया के लिए अमेरिकी नीति में होने वाले बदलाव की घोषणा की थी। उन्होंने इस बात के संकेत दिए थे कि अमेरिका अब सीरिया पर लगे एकतरफा प्रतिबंधों को हटाकर नए नेतृत्व से बातचीत को तैयार है। जिस बात के संकेत दिए गए थे उस बात की पुष्टि अमेरिकी अधिकारी ने कर दी है। सरकार ने बताया कि सीरिया इस्लामिक स्टेट समूह से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय गठबंधन में शामिल होगा। अल-शरा के संगठन को 4 महीने पहले ही अमेरिका ने आतंकवादी समूह की लिस्ट से बाहर किया था।

 

यह घोषणा व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप और सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा की मुलाकात के बाद हुई। सीरिया के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि देश के किसी नेता ने अमेरिका की आधिकारिक यात्रा की है। सीरियाई राष्ट्रपति अहमद ने कहा कि यह यात्रा एक 'नए युग' का हिस्सा है जिसमें हम अमेरिका के साथ सहयोग करेंगे। इससे यह समझा जा सकता है कि मिडिल ईस्ट में अमेरिकी विदेश नीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। 

 

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सीरिया 90वां देश

सीरिया इस वैश्विक संगठन में शामिल होने वाला 90 वां देश बनेगा। इस संगठन का उद्देश्य इस्लामिक स्टेट के अस्तित्व को खत्म करना और मिडिल ईस्ट में विदेशी आंतकवादियों के एंट्री को रोकना है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अहमद अल-शरा को अपना समर्थन दिया था। आपको बता दें कि पहले अमेरिकी सरकार ने उन्हें आतंकवादी घोषित किया गया था। 

 

दोनों देशों के बीच हुई मीटिंग के बाद बताया गया कि अमेरिकी वित्त विभाग, विदेश और कॉमर्स विभागों के साथ मिलकर सीरिया पर लगे सभी प्रतिबंध हटाए जाएंगे। साथ ही निवेशकों के आसानी के लिए नए नियम और उपायों की घोषणा की जाएगी। इन उपायों में प्रशासन सीजरक्ट को 180 दिनों के लिए निलंबित भी कर रहा है, जिसके तहत 2019 से पहले सीरियाई सरकार पर प्रतिबंध लगा हुआ था।

 

मुलाकात के कई घंटों के बाद मीडिया से बात करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'हम सीरिया को एक बेहद सफल देश बनते देखना चाहते हैं' उन्होंने आगे कहा, 'मुझे ऐसा लगता है कि यह नेता ऐसा कर सकता है। मुझे सचमुच ऐसा लगता है'

 

सीरिया और अमेरिका के बीच राजनयिक संबंध 2012 से निलंबित हैं। अमेरिका अब सीरिया को वाशिंगटन में अपना दूतावास फिर से खोलने की अनुमति देगा। इससे पहले भी दोनों नेताओं के बीच तीन बार मुलाकात हो चुकी है।

 

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सीरियाई राष्ट्रपति का इतिहास

अल-शरा कुछ समय पहले तक अल-कायदा की एक ब्रांच का नेतृत्व कर रहे थे। यह समूह 9/11 हमलों और कई बड़े अन्य हमलों के लिए जिम्मेदार था। इस साल तक भी अल-शरा हयात तहरीर अल-शाम के नेता थे जिसे अमेरिका आधिकारिक तौर पर 4 महीने पहले तक आतंकवादी संगठन मानता था। अल-शरा पर 1 करोड़ डॉलर का इनाम भी रखा गया था।

 

वित्त विभाग ने कुछ दिन पहले ही अल-शरा को अपनी 'विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी सूची' से हटा दिया था। सीरिया में चले सैन्य अभियान के बाद इनके राष्ट्रपति बनने के बाद से अपनी सार्वजनिक छवि को नरम करने के लिए काम किया है। अब वह 13 साल के युद्ध के बाद विदेशी सपोर्ट के साथ सीरिया का पुनर्निर्माण करने का प्रयास कर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'उनका अतीत बहुत बुरा रहा हैसच कहूं तो मुझे लगता है कि यदि आपका अतीत खराब नहीं होता तो आपके पास कोई मौका नहीं होता'

अल शरा का शासन

मीडिया से बात करते हुए अल शरा ने कहा कि ट्रंप ने उनके अतीत के बारे में उनसे बात नहीं की। उन्होंने केवल सीरिया के वर्तमान और भविष्य पर ध्यान केंद्रित किया। आपको बता दें कि अल-शरा के शासन में सीरिया के अलावी अल्पसंख्यकों की हत्या, सुन्नी बेडौइन लड़ाकों और ड्रूज मिलिशिया के बीच घातक हिंसा बहुत बड़ा मुद्दा रहा है। ट्रंप हमेशा से अल-शरा का समर्थन करते नजर आए हैं। इसके साथ ही अमेरिका ने यह भी कहा है कि वह नई सीरियाई सरकार की कार्रवाईयों पर नजर रखेगा जिसमें इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में कदम उठाना।