भारत ने पाकिस्तान के साथ लगने वाली अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने यह फैसला लिया है। मोदी सरकार ने यह फैसला पहलगाम अटैक पर जवाब देते हुए लिया है। अटारी बॉर्डर बंद करने के साथ-साथ भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 4 और कड़े फैसले लिए हैं। इसमें सबसे अहम सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला है।


कैबिनेट कमेटी के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय ने बताया है कि अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने बताया है कि अटारी बॉर्डर के जरिए जो भी वैध दस्तावेजों के साथ भारत आए थे, उन्हें 1 मई तक इसी रास्ते से वापस लौटना होगा।

 

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कारोबार पर पड़ सकता है असर

अटारी बॉर्डर भारत के पंजाब के अमृतसर जिले के अटारी गांव और पाकिस्तान के वाघा गांव के बीच ग्रैंड ट्रक रोड पर है। इसे अटारी-वाघा बॉर्डर भी कहा जाता है। यह इकलौती बॉर्डर है, जहां से सड़क के रास्ते आवाजाही होती है। इस बॉर्डर के जरिए सिर्फ लोग ही आते-जाते नहीं हैं, बल्कि यहां से कारोबार भी होता है। 


अब भारत ने अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया है। इसका मतलब हुआ कि अब इस बॉर्डर के रास्ते न तो भारतीय पाकिस्तान जा सकेंगे और न ही पाकिस्तानी भारत आ सकेंगे। आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 में अटारी बॉर्डर के जरिए 71,563 लोगों ने आना-जाना किया था।

 


इसका एक बड़ा असर कारोबार भी होगा। पुलवामा अटैक के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच कारोबार लगभग बंद हो गया है। हालांकि, अटारी बॉर्डर के जरिए अभी भी कारोबार चल रहा था। इससे यहां के छोटे कारोबारी प्रभावित हो सकते हैं। स्थानीय कारोबारियों का कहना है कि इससे कारोबार पर असर तो पड़ेगा लेकिन पहलगाम में जो हुआ, वह गलत था।

 

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कारोबार पर कैसे पड़ेगा असर?

अटारी बॉर्डर के जरिए भारत और पाकिस्तान के बीच ठीकठाक कारोबार होता था। इस रास्ते से भारत सोयाबीन, चिकन फीड, सब्जियां, लाल मिर्च और प्लास्टिक के दाने जैसी चीजें पाकिस्तान में भेजता था। दूसरी तरफ पाकिस्तान से ड्राय फ्रूट, जिप्सम, सीमेंट, कांच, सेंधा नमक और कई जड़ी-बूटियां आती थीं।


भारत और पाकिस्तान के बीच अटारी बॉर्डर पर अटारी लैंड पोर्ट के जरिए कारोबार होता है। अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बना यह भारत का पहला लैंड पोर्ट है। यह 120 एकड़ में फैला है। लैंड पोर्ट असल में चेक पोस्ट ही होता है, जहां कस्टम से लेकर इमिग्रेशन तक की सुविधा होती है। भारत और पाकिस्तान के बीच जमीन से होने वाला यही एकमात्र कारोबारी रास्ता है।


हालांकि, पुलवामा अटैक के बाद अटारी बॉर्डर से होने वाले कारोबार में गिरावट भी आई है। लैंड पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (LPAI) के मुताबिक, 2017-18 में इस रास्ते से दोनों मुल्कों के बीच 4,148 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। 2019-20 में यह घटकर 2,772 करोड़ रुपये पर आ गया। 2023-24 में अटारी बॉर्डर से 3,887 करोड़ रुपये का कोराबार किया गया था। तब भारत और पाकिस्तान के बीच 6,871 कार्गो की आवाजाही हुई थी।

 

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कारोबारियों का क्या है कहना?

अटारी बॉर्डर बंद होने के कारण कारोबारी थोड़ी चिंता में है लेकिन उनका कहना है कि वे सरकार के फैसले के साथ हैं। अटारी के एक कारोबारी ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, 'अटारी बॉर्डर बंद होने से हमारे कारोबार पर बिल्कुल असर पड़ेगा लेकिन पहलगाम में जो हुआ, वह गलत था।'


एक और स्थानीय कारोबारी ने कहा, 'पर्यटकों पर हमला करना गलत था। हम देश के साथ हैं। जिस हिसाब से मोदीजी देश चला रहे हैं, चलाने दो। हम प्रधानमंत्री मोदी के फैसले के साथ हैं।'

 


अटारी के एक कारोबारी राजिंदर सिंह रुबी ने कहा, 'कश्मीर में भारतीयों पर हमला बहुत निंदनीय है। अगर पाकिस्तानी आतंकियों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है तो बॉर्डर बंद होनी चाहिए। सरकार ने जो भी फैसला लिया है, वह सही है। हमेशा की तरह प्रधानमंत्री मोदी का फैसला इस बार भी सही है।'


इस बीच अटारी-वाघा बॉर्डर भी सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। सिर्फ यहीं नहीं, बल्कि पाकिस्तान के साथ लगने वाली सीमाओं पर हाई अलर्ट है। जम्मू-राजौरी-पुंछ हाईवे पर भी आने-जाने वाली गाड़ियों की चेकिंग की जा रही है।