logo

ट्रेंडिंग:

पर्यटकों की खातिर आतंकियों से भिड़ने वाले सैयद आदिल हुसैन शाह कौन थे?

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों में से एक सैयद आदिल हुसैन शाह भी थे। सैयद पर्यटकों को घुड़सवारी कराते थे। आतंकवादियों से लड़ने की कोशिश में उन्हें गोली मार दी गई थी।

Syed Adil Hussain Shah killed in Pahalgam terror attack

सैयद आदिल हुसैन शाह, Photo Credit: PTI

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों में से एक सैयद आदिल हुसैन शाह भी हैं, जो इलाके में घोड़े की सवारी का काम करते थे। 22 अप्रैल को अंनतनाग जिले के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में सैयद ने अदम्य साहस का परिचय दिया। इस हमले में आतंकवादियों ने टूरिस्ट को निशाना बनाया, जिसमें 26 लोगों की जान गई। आदिल ने पर्यटकों की जान बचाने के लिए एक आतंकी से उसकी राइफल छीनने की कोशिश की लेकिन इस दौरान दूसरे आतंकी ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। 

 

यह भी पढ़ें: 'हमारा कोई लेना-देना नहीं', पहलगाम अटैक पर पाकिस्तान ने क्या कहा?

 

अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य 

आदिल अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे और उनकी कमाई से परिवार का भरण-पोषण होता था। उनकी बहादुरी से कई लोगों की जिंदगियां बची और उनकी शहादत ने देशभर में सम्मान अर्जित किया। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उनके जनाजे की नमाज में हिस्सा लिया और उनके परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। आदिल की इस बहादुरी ने उन्हें पहलगाम का सच्चा हीरो बना दिया। उनके पिता सैयद हैदर शाह और मां ने न्याय की मांग की है, जबकि उनके चाचा शहीद बुग सिंह ने सरकार से परिवार के लिए सहायता की अपील की।

'हमले की कड़ी निंदा करता हूं'

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के हपतनार में हुसैन के अंतिम संस्कार के बाद मीडिया से बात करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, 'मैं इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। इस कायरतापूर्ण हमले में एक गरीब स्थानीय मजदूर की मौत हो गई। वह बहादुर था। पर्यटकों को बचाने की कोशिश में उसकी जान चली गई। मैंने यह भी सुना है कि उसने एक आतंकवादी से बंदूक छीनने की भी कोशिश की थी। तभी उसे निशाना बनाया गया और गोली मार दी गई।'

 

यह भी पढ़ें: चश्मदीद ने सुनाई कहानी, कैसे ‘कलमा’ की जानकारी ने बचा ली जान

टेरर अटैक में मारे गए एकमात्र मुस्लिम 

बता दें कि सैयद आदिल हुसैन इस नृशंस हमले में मारे गए एकमात्र स्थानीय और एकमात्र मुसलमान थे। मंगलवार को कम से कम 5-6 आतंकवादी कुर्ता-पायजामा पहने हुए, घाटी के चारों ओर घने देवदार के जंगल से बैसरण के मैदान में आए और एके-47 से गोलीबारी शुरू कर दी। पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।


और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap