दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में हुए जी 20 सम्मेलन का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बहिष्कार किया। उनकी गैर-मौजूदगी में समूह के 19 अन्य देशों ने पेरिस समझौते के समर्थन में संयुक्त घोषणापत्र पर साइन किया। खास बात यह है कि जी 20 का यह घोषणा पत्र अमेरिका की सलाह के बिना तैयार किया गया। इससे अमेरिका इतना भड़क गया कि व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने इस कदम को शर्मनाक तक करार दिया, क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने खुद ही सम्मेलन के आखिरी में घोषणापत्र पर हस्ताक्षर न करने की अपील वैश्विक नेताओं से की थी।

 

अमेरिका के साथ डिप्लोमैटिक विवाद के साथ भले ही दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में जी 20 सम्मेलन संपन्न हो गया है। मगर अब एक नया विवाद भी उठ गया है। दरअसल, अगला जी-20 सम्मेलन अमेरिका में होना है। नियम के तहत मौजूदा होस्ट देश रोटेटिंग प्रेसीडेंसी अगले देश को सौंपता है। लेकिन अमेरिका के बहिष्कार के बाद दक्षिण अफ्रीका ने साफ कर दिया है कि वह अमेरिका दूतावास के किसी प्रतिनिधि को नहीं सौंपेंगे। दक्षिण अफ्रीका ने बताया कि जी 20 अध्यक्षता को बाद में हैंडओवर किया जाएगा।

 

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किसी ढंग के अधिकारी को भेजे अमेरिका: दक्षिण अफ्रीका

साउथ अफ्रीका के विदेश मंत्री रोनाल्ड लामोला ने साफ शब्दों में कहा कि अमेरिका जी 20 का सदस्य है। अगर वह प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं तो अब भी किसी ढंग के व्यक्ति को भेज सकते हैं। यह लीडर्स का सम्मेलन है। सही तौर पर राष्ट्राध्यक्ष या उनके द्वारा नियुक्त विशेष दूत व कोई मंत्री आ सकता है।

'प्रोटोकॉल का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा'

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा कि जी-20 की बागडोर अमेरिकी प्रभारी को सौंपने के अमेरिकी प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है। राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता विंसेंट मैग्वेन्या ने कहा, 'राष्ट्रपति किसी जूनियर दूतावास अधिकारी को जी-20 की अध्यक्षता नहीं सौंपेंगे। यह प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शिखर सम्मलेन में भाग लेना या नहीं लेने? यह अमेरिका का खुद का फैसला है।'

 

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रामफोसा और ट्रंप के बीच तनाव की वजह क्या?

अगस्त महीने में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने अमेरिका की यात्रा की थी। उस वक्त डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में रामफोसा की सरकार पर श्वेत अफ्रीकन लोगों की हत्या का आरोप लगाया था। जब रामफोसा ने अपनी बात रखनी चाही तो ट्रंप ने उसको भी खारिज कर दिया। जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने के पीछे भी ट्रंप ने यही वजह बताई। उन्होंने कहा कि अमेरिकी अधिकारी इस शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे, क्योंकि मेजबान देश की अश्वेत बहुसंख्यक सरकार श्वेत अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रही है। अब दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका के बीच श्वेत और अश्वेत की लड़ाई बढ़ती जा रही है।