सियासत में एक महिला, उसकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा एक सेक्स सीडी और फिर कत्ल। ये वे सारी वजहें हैं, जिनकी वजह से राजस्थान की सियासत का यह अध्याय इतना कुख्यात है कि इस पर साहित्यकारों ने कहानी बुनी, निर्देशकों ने फिल्में बनाईं और कंटेंट क्रिएटर्स ने काले अध्याय को कालजयी बनाने के लिए जी-जान लगा दिया। उस महिला का कद इतना बड़ा कि जब वो सड़कों पर चले तो लोग इंतजार करें कि कहां उसकी गाड़ी रुके और एक झलक मिल जाए। वह पेशे से नर्स थी। उसे गानों का शौक था, वह हिरोइन बनना चाहती थी। राजस्थान में कलाकार के तौर पर छा जाने का जुनून था। 

उसकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं थीं, राजनीति के गलियारों में बुजुर्ग हो रहे नेताओं से उसकी नजदीकी ऐसी थी कि उसका जिक्र तक छिड़ जाने पर मदहोश होने लगते थे। एक के बाद एक कई एल्बम और फिर सियासत में मजबूती से जमते कदम। एल्बम एक और आया। वह भी सीडी की शक्ल में। सीडी भी ऐरी-गैरी नहीं, सेक्स सीडी।  उस महिला के अरमानों ने आसमान छुआ तो हकीकत ने ऐसी पटखनी दी कि उसकी लाश तक नहीं मिली। राजस्थान की सियासत में अधेड़ राजनेताओं से अवैध संबंध, ब्लैकमेलिंग और सियासत में चमकने की शॉर्ट ट्रिक आजमाने वाली ये महिला और कोई नहीं, भंवरी देवी थीं।

कौन थी भंवरी?
भंवरी देवी, एक आम लड़की थी, जिसके कुछ सपने थे। वह शादीशुदा थी, पेशे से नर्स थी और जोधपुर जिले के बोरूंदा गांव की रहने वाली थी। एक नट परिवार में पैदा हुई लड़की की शादी अमरचंद नाम के एक शख्स से हुई थी। भंवरी देवी को नजदीक से जानने वाले लोग यह समझते हैं कि यह रिश्ता मजबूरी का था। भंवरी के अरमान बड़े थे, इतने बड़े कि जिसे अमरचंद कभी पूरा नहीं कर पाता। यही अरमान, उसे नाजायज रिश्तों और ब्लैकमेलिंग के दलदल में ऐसे ले आया कि जिसमें उसे डूब जाना पड़ा। डूबे हुए लोग, बचते नहीं हैं, उनका मरना तय होता है। भंवरी देवी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। 

भंवरी देवी, राजस्थानी फिल्मों और एल्बमों में हिरोइन थीं। वे चाहती थीं कि उन्हें ऐसी ख्याति मिले, जिससे सूबे भर उन्हें पहचानें, उनके नाम से जानें। वे फेमस हुईं लेकिन दूसरी वजहों से। हिरोइन बनने की चाह में भंवरी, अस्पताल से गायब रहती। यह बात, प्रशासनिक अधिकारियों को नागवार गुजरने लगी। उसे अस्पताल प्रशासन ने सस्पेंड कर दिया। वह नहीं चाहती थी कि उसकी नौकरी जाए। संगीत में उतनी सफलता मिली नहीं थी और जीने-खाने के लिए पैसों की जरूरत किसे नहीं होती है। वह नौकरी की बहाली के लिए राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता रामसिंह विश्नोई के बेटे मलखान से जा मिली।

दोस्ती, अवैध संबंध और ब्लैकमेलिंग
मलखान, भंवरी देवी को देखकर फिदा हो गए। एक महत्वाकांक्षी महिला और राजनेता की दोस्ती, इतनी आगे बढ़ी कि राजस्थान के सियासी गलियारों में इस बेमेल दोस्ती की चर्चा होने लगी। दोस्ती, कब जिस्मानी ताल्लुकात में बदल गई, किसी को कानोंकान खबर तक नहीं हुई। कहते हैं कि दोनों की एक बेटी भी हुई। भंवरी की राजनीतिक हसरतें बढ़ने लगीं। भंवरी देवी को लगने लगा कि सियासत में उन्हें सिर्फ मलखान नहीं आगे बढ़ा सकते तो उन्होंने कांग्रेस नेता परसराम मदेरणा के बेटे महिपाल मदेरणा से भी रिश्ते बनाए। एक ही वक्त में, भंवरी देवी का अफेयर, मलखना से भी था, महिपाल मदेरणा से भी था। जब सियासत में आने की जिद, विधायकी का टिकट और मनचाहे रुपये मिलने में अनाकानी होने लगी तो भंवरी देवी के मन में ब्लैकमेलिंग और सेक्स सीडी बनाने की जिद पनपने लगी। उन्हें उकसाने वाली कोई और नहीं बल्कि मलखान सिंह विश्नोई की बहन इंद्रा थी। इंद्रा और भंवरी देवी में एक ऐसी दोस्ती थी, जिसने एक की जान निगली, एक को सलाखों के पीछे पहुंचाया। 

सियासत का पेचीदा खेल
राजस्थान के लूणी से कांग्रेस पार्टी के विधायक थे मलखान सिंह। उनकी दोस्ती महिपाल मदेरणा से थी। वे राजस्थान सरकार में ही कांग्रेस के मंत्री थे। मलखान सिंह विश्नोई चाहते थे के वे मंत्री बनें। यही उनकी बहन भी चाहती थी। मलखान और उनकी बहन इंद्रा ने दोस्ती की आड़ में दोस्त को राजनीतिक रूप से दरकिनार करने की पूरी प्लानिंग तैयार कर ली। प्लान ये था कि अगर महिपाल मदेरणा को ठिकाने लगा दिया जाए तो मंत्री की कुर्सी मलखान सिंह को मिल सकती है। इंद्रा ने इस काम को अंजाम देने के लिए भंवरी देवी का इस्तेमाल एक टूल की तरह किया। पहले इंद्रा ने अपनी ननद को ही उकसाया कि महिपाल मदेरणा को अपने झांसे में फंसाए लेकिन वह राजी नहीं हुई। 

सेक्स, सीडी और सियासत का टेढ़ा खेल

इंद्रा ने भंवरी देवी से कहा कि वह महिपाल मदेरणा के साथ नाजायज रिश्तों का फायदा उठाए। वह एक सेक्स सीडी बनवाए, जिससे उसकी सारी हसरतें पूरी हो सकती हैं। भंवरी देवी के रिश्ते महिपाल से भी थे और मलखान से भी। दोनों की सेक्स सीडी उसने चुपके से बना ली थी और ब्लैकमेल करने लगी थी। वह अपने लिए उसने विधायकी की टिकट मांगी। इंद्रा सोच रही थी कि वह उसके भाई का काम बनाएगी लेकिन यह दांव उल्टा पड़ गया था। ऐसा कहा जाने लगा कि भंवरी देवी दोनों को ब्लैकमेल करने लगी। 

भंवरी देवी ने दोनों नेताओं के साथ सेक्स सीडी बनवाई। वह नेताओं से कहती रही कि उसे भी विधायकी का टिकट चाहिए। दोनों नेताओं ने भवंरी देवी को झांसा दिया। उसने लंबा इंतजार किया लेकिन सब्र का बांध टूट गया। वह जयपुर पहुंची और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कुछ नेताओं से जा मिली। यह चर्चा जोर-शोर से फैली कि उसके पास एक सेक्स सीडी है, जिसकी जद में महिपाल और मलखान दोनों हैं।

महिपाल और मलखान, दोनों को भंवरी देवी से डर लगने लगा। ब्लैकमेलिंग के जाल में दोनों फंस गए। दोनों ने जब बातचीत की पैरवी की भंवरी देवी भी बात के लिए तैयार हुई। भंवरी देवी की शर्तों को पूरा करने के लिए महिपाल मदेरणा इतना मजबूर हो गया कि वह ब्लैकमेलिंग के रुपये देने के लिए भी राजी हो गया। भंवरी देवी ने उससे 60 लाख रुपये मांगे थे।इसकी कुछ किश्तें भी भंवरी देवी के पास पहुंच चुकी थीं।

जिसने कहा भाभी, उसी ने रची साजिश

एक वक्त तक, भंवरी देवी का साथ इंद्रा खुद देती रही। वह उसे भाभी कहती थी। उसे इस बात की खबर थी कि भंवरी देवी के जिस्मानी ताल्लुकात महिपाल मदेरणा से हैं इसलिए उसी ने सबसे पहले कहा कि वह एक सेक्स सीडी बनाए।महिपाल ने जाने क्या कहा कि भंवरी देवी का ध्यान, महिपाल से हटकर, मलखान पर चला गया। मलखान और उसके रिश्ते बने तो एक बेटी पैदा हुई। अब पूरे विश्नोई समाज में यह बात फैल गई कि मलखान, उसकी बेटी का नाजायज बाप है। वह अपनी बेटी के लिए इंसाफ मांगने लगी। यह बात, इंद्रा को नागवार गुजरी। उसने सोचा कि अब बहुत हुआ, इसे ज्यादा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है, वरना ये महिला गले की फांस बन जाएगी। इंद्रा अब इस जुगत में लग गई कि कैसे सेक्स सीडी भंवरी देवी से छीनी जाए। भंवरी देवी के दोनों आशिक, महिपाल और मलखान दोनों को लगने लगा कि यह महिला सिर्फ ब्लैकमेल कर रही है, इसे ठिकाने लगाना जरूरी है। भंवरी देवी के अपहरण की ऐसी कथा रची गई, जिसकी कहानी भी चौंकाने वाली है।

कार का पेमेंट और मर्डर का प्लाट
भंवरी देवी के पास एक कार थी, जिससे वह खूब चलती थी। उसी कार को साल 2011 में उसने बेच दिया। उस कार का पेमेंट भंवरी देवी को मिला नहीं था।सोहनलाल नाम का एक शख्स उस कार का ग्राहक बना था। उसने भंवरी देवी से कहा कि अगर कार के बकाए रुपये चाहिए तो घर आ जाओ। भंवरी देवी को एक कॉल गया। भंवरी देवी को लगा कि पैसे मिलने वाले हैं लेकिन मिलने वाली थी मौत। इसका उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं था। भंवरी देवी घर से पैसे वसूलने निकलीं लेकिन उसके बाद कहां गईं, किसी को कुछ भी खबर नहीं है। 

भवंरी देवी की कार खरीदने वाले सोहनलाल पर ही उसके अपहरण के आरोप लगे। उसने भंवरी देवी को विशनाराम गैंग के हवाले कर दिया था। मकसद था कि सेक्स की सीडी किसी तरह से हासिल की जाए। भंवरी देवी राजी नहीं हुई। वह कार में ही जोर-जोर से चीखने-चिल्लाने लगी। विशनराम घबरा गया और उसका गला दबाकर मार डाला। भंवरी देवी की विधायक बनने की हसरत अधूरी रह गई, मौत मिल गई। विशनराम ने ही उसकी लाश को जला दिया और उसकी राख को राजीव गांधी लिफ्ट नहर में विसर्जित कर दिया।

एक पहेली ही रही भंवरी की मौत
भंवरी देवी की मौत एक पहेली बनी रही। एक हाई प्रोफाइल मर्डर, जिसकी रडार पर कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता थे। भंवरी देवी का पति अमरचंद यह कहता रहा कि उसकी हत्या कैबिनेट मंत्री महिपाल ने कराई है। उसने 1 सितंबर 2011 को पहली बार केस दर्ज कराया था। यह मामला तूल पकड़ा। राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा तो जांच की कमान CBI को सौंप दी गई। इस केस में जितने आरोपियों के नाम आए, सब जेल में ठूंस दिए गए। हरियाणा सरकार में मंत्री महिपाल और विधायक मलखान सिंह भी जेल गए। उनके साथ 16 अन्य लोग भी जेल पहुंचे।

 

भंवरी देवी मर्डर केस में सोहनलाल, कैलाश जाखड़, शहाबुद्दीन, कुंभाराम और विशनाराम जैसे कई आरोपी हैं, जिन्हें जमानत मिल चुकी है। ये 10 साल तक जेल की सलाखों के पीछे रहे। हैरान करने वाली बात ये है कि खुद भंवरी देवी का पति अमरचंद भी इस केस में आरोपी है और वह भी अपहरण और हत्या के इस कांड में शामिल रहा है। 

जिस नहर से भंवरी देवी की हड्डियां बरामद हुईं, उसकी जांच में अमेरिकी जांच एजेंसी FBI तक शामिल हुईं। रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया कि हड्डियां भंवरी देवी की ही हैं। CBI और FBI के एक्सपर्ट की गवाही, इस केस की दिशा-दशा तय कर करेगी लेकिन यह ऐसा मामला था जिस पर कई फिल्में बनीं। सबसे चर्चित कहानी मल्लिका शेरावत और ओम पुरी की फिल्म डर्टी पॉलिटिक्स की रही। इस फिल्म की खूब चर्चा हुई थी।