दिल्ली में लाल किला के बाहर हुए ब्लास्ट की जांच NIA कर रही है। इस मामले में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी केंद्र में आ गई है, क्योंकि इस धमाके को जिसने अंजाम दिया था, वह उमर मोहम्मद इसी यूनिवर्सिटी से जुड़ा था। इससे पहले पुलिस ने इस यूनिवर्सिटी से जुड़े दो और डॉक्टर मुजम्मिल गनई और शाहीन सईद को भी गिरफ्तार किया था, जो जैश से जुड़े हुए थे। उमर भी इन दोनों के संपर्क में था। 


अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की भी एंट्री हो गई है। मंगलवार को ED ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की है। ED ने ओखला स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के ऑफिस समेत दिल्ली-एनसीआर में कई ठिकानों पर छापा मारा है।


न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ED की टीम मंगलवार तड़के 5 बजे से अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े 25 से ज्यादा ठिकानों पर छापा मार रही है। छापेमारी अभी भी जारी है।

 

यह भी पढ़ें-- ट्रैफिक के बीच कार में धमाका, उड़ गए परखच्चे; ब्लास्ट का सबसे खतरनाक वीडियो

ED की एंट्री कैसे हुई?

लाल किला के बाहर हुए ब्लास्ट में NIA और दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की थी। इसी आधार पर ED ने भी केस दर्ज किया है। 


न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, ED इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) के तहत कार्रवाई कर रही है। इस मामले में वित्तीय और कथित आतंकी फंडिंग की जांच कर रही है।

 

 

न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि अल-फलाह ट्रस्ट और इससे जुड़ी संस्थाओं की भूमिका की जांच चल रही है। बताया जा रहा है कि इससे जुड़ी 9 शेल कंपनियां हैं, जो सभी एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं। यह भी सामने आया है कि अलग-अलग कंपनियों और खातों में एक ही मोबाइल नंबर और ईमेल है।

 

यह भी पढ़ें-- लाल किला: ब्लास्ट से 7 घंटे पहले 12वीं के छात्र की वह पोस्ट, जो अब हो रही वायरल

डॉ. उमर से जुड़े दो करीबी गिरफ्तार

पुलिस के मुताबिक, 11 नवंबर को लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के बाहर कार में धमाका हुआ था। यह धमाका जिस कार में हुआ था, उसे डॉ. उमर मोहम्मद चला रहा था। डीएनए में भी इसकी पुष्टि हो गई है।


पुलिस का मानना है कि फरीदाबाद में डॉ. मुजम्मिल गनई और डॉ. शाहीन सईद की गिरफ्तार से डॉ. उमर बौखला गया था। वह कार में विस्फोटक रखकर ले जा रहा था और तभी उसमें धमाका हो गया। इस धमाके में 15 लोगों की मौत हो चुकी है। 


केंद्र सरकार ने इसे 'आतंकी घटना' माना है। इस मामले की जांच NIA कर रही है। इस मामले में डॉ. उमर के दो करीबियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सोमवार को ही NIA ने उमर के करीबी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को गिरफ्तार किया था।