उपराष्ट्रपति पद से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर जगदीप धनखड़ ने सबको हैरान कर दिया था। जुलाई के बाद से वह किसी सार्वजनिक मंच पर नहीं दिखे थे। उन्होंने पद से इस्तीफा देने के कारणों पर भी सपष्टता से अपना पक्ष नहीं रखा था लेकिन अब करीब 4 महीने बाद वह सार्वजनिक मंच पर दिखाई दिए। वह राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े डॉ मनमोहन वैद्य की किताब के लॉन्च पर भोपाल गए थे। जगदीप धनखड़ ने इस कार्यक्रम में इस्तीफे के कारणों की ओर भी इशारा किया। उन्होंने इस कार्यक्रम में कहा कि जो जागकर भी सोया है उसे जगा नहीं सकते हैं।
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस कार्यक्रम में आरएसएस के विचारों की तारीफ की। उन्होंने मंच पर पहुंचते ही पहले तो गहरी सांस ली और फिर कहा, 'चार महीने बाद बोलने का मौका मिला तो बात करूंगा। समय कम है और पूरा गला अभी नहीं खुल पाया है। फिर भी आने का मौका मिला है तो मैं बात करूंगा। 'उन्होंने धार्मिक नेताओं और मीडिया से जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की एकता, भरोसा, परंपरा और संस्थाओं की मजबूती ही भारत को आगे ले जा सकती है।
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जगदीप धनखड़ ने अपने भाषण की शुरुआत हिंदी में की। उन्होंने कहा कि अगर वह इंग्लिश में बात करेंगे तो लोग उसे तोड़-मरोड़ कर गलत अर्थों में पेश करेंगे। धनखड़ ने कहा, 'हम एक ऐसे दौर में जी रहे हैं जहां लोग अपनी सोच से ही सच को तय कर लेते हैं, भले ही आप उसे नकारते रहें।' इसके बाद उन्होंने इंग्लिश में कहा कि आरएसएस को लेकर गलतफहमियां और झूठे आरोप लगते रहे हैं लेकिन यह किताब इन सब मिथकों को तोड़ती है और दिखाती है कि आरएसएस वास्तव में भारत को सशक्त बनाने वाली ताकत है।
'फ्लाइट के लिए कर्तव्य नहीं छोड़ सकता'
जब जगदीप धनखड़ मंच पर भाषण दे रहे थे तो उनकी टीम का एक शख्स मंच पर आया और उनको फ्लाइट टाइम के बारे में बताया। धनखड़ ने कहा कि वह फ्लाइट पकड़ने के लिए अपना कर्तव्य नहीं छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा, 'मैसेज आ गया, समय कम है। कितना समय है 7:30? मैं फ्लाइट पकड़ने की चिंता से अपने कर्तव्य नहीं छोड़ सकता और दोस्तों मेरा हाल का अतीत इसका सबूत है।' धनखड़ की इस बात पर लगों की हंसी छूट गई। जगदीप धनखड़ की इस बात को उनके इस्तीफे से जोड़कर देखा जा रहा है।
क्यों कहा गला पूरा नहीं खुला?
जगदीप धनखड़ चार महीने बाद पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। धनखड़ ने भाषण के अंत में यह भी इशारा किया कि वह अपने मन की पूरी बात नहीं कह सके। उन्होंने अपने चिर परिचित अंदाज में कहा, 'समय की वजह से पूरा गला खुल नहीं पाया। आपके सामने फिर आने का मौका मिलेगा।'
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जगदीप धनखड़ ने आगे कहा, 'भगवान करे कोई नैरेटिव के चक्र में ना फंस जाए। इस चक्रव्यूह में जो फंस गया तो निकलना मुश्किल है।' उनकी इस बात पर पूरे हॉल में शांति हो गई। इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं अपना उदाहरण नहीं दे रहा हूं। इस बात पर सभी ठहाके लगाकर हंसने लगे।
जुलाई में दिया था इस्तीफा
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन इस्तीफा दिया था। लास्ट बार वह सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। उसके बाद वह किसी सार्वजनिक मंच पर दिखाई नहीं दिए थे। अब उनके इस भाषण पर पूरे देश की निगाहें थीं। जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दिया था लेकिन विपक्ष ने इसे सरकार के साथ मतभेद बताया था। धनखड़ की इस यात्रा पर भी कांग्रेस ने सवाल उठा दिया है। एयरपोर्ट पर धनखड़ को लेने बीजेपी का कोई नेता नहीं पहुंचा था। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर यूज एंड थ्रो की नीति का आरोप लगाया।
