उत्तर प्रदेश के नोएडा में साल 2006 में हुए निठारी कांड में आरोपी सुरेंद्र कोली को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को बरी करते हुए उसकी रिहाई का आदेश दे दिया है। इससे पहले सुरेंद्र कोली की इसी मामले में दोषी पाया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को दोषमुक्त बताते हुए उसकी रिहाई के आदेश दे दिए हैं। इस आखिरी मामले में बरी होने के साथ ही अब सुरेंद्र कोली की रिहाई का रास्ता साफ हो चुका है क्योंकि बाकी मामलों में उन्हें पहले ही बरी किया जा चुका है।

 

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि अगर सुरेंद्र कोली किसी अन्य मामले में वॉन्टेड नहीं है तो उन्हें तुरंत रिहा कर दिया जाए। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुरेंद्र कोली और दूसरे आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर को इसी मामले में बरी कर दिया था। इसी साल इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कुल 14 याचिकाएं दायर की गई थीं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें खारिज कर दिया था।

 

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सुरेंद्र कोली बरी कैसे हुए?

 

साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सुरेंद्र कोली को दोषी पाया था। इसके खिलाफ सुरेंद्र कोली ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की थी। इसकी वजह थी कि सुरेंद्र कोली को 12 अन्य मामलों में बरी कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ ने सुरेंद्र कोली की क्यूरेटिव पिटीशन स्वीकार कर ली थी। फैसला सुनाते हुए जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि सुरेंद्र कोली को बरी किया जाता है।

 

अपनी क्यूरेटिव पिटीशन में सुरेंद्र कोली ने दावा किया था कि जिन सबूतों के आधार पर उन्हें दोषी ठहराया गया, बाद में वही सबूत अन्य केस में भरोसे के लायक नहीं माने गए और उन्हें उन मामलों में बरी किया गया।

 

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क्या है निठारी कांड?

 

साल 2006 में नोएडा के निठारी गांव से बहने वाले एक नाले में कई बच्चों और महिलाओं के कंकाल पाए गए थे। यह नाला कारोबारी मोनिंदर सिंह पंढेर के घर से पीछे से बहता था। सुरेंद्र कोली पंढेर के घर  पर नौकर के तौर पर काम करते थे। कई बच्चों और महिलाओं के संदिग्ध तरीके से गायब होने और फिर कंकाल बरामद होने के बाद पंढेर और कोली को गिरफ्तार कर लिया गया था।

 

इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के करवाई गई और कुल 16 केस दर्ज किए गए। सुरेंद्र कोली पर हत्या, अपहरण रेप और सबूत मिटाने जैसे आरोप लगे। शुरुआत में पंढेर पर आरोप लगे कि उन्होंने मानव अंगों की तस्करी की। बाद में कई अन्य मामलों में भी उनका नाम शामिल हुआ।

 

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CBI ने आरोप लगाए कि सुरेंद्र कोली ने कई महिलाओं की हत्या की और उनके शरीर को कई टुकड़ों में काटकर शरीर के हिस्से पंढेर के घर के पीछे फेंक दिए। CBI के मुताबिक, पंढेर के घर से के पीछे से कुल 19 लोगों के शवों के हिस्से बरामद हुए। CBI केस मुख्य रूप से सुरेंद्र कोली के बयानों पर आधारित था। साल 2009 से 2017 के बीच सुरेंद्र कोली को 12 मामलों में दोषी पाया गया और पंढेर को दो मामलों में दोषी करार दिया गया।

 

साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने भी सुरेंद्र कोली को दोषी ठहराए जाने को सही माना और एक केस में मौत की सजा भी बरकरार रखी। साल 2023 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुरेंद्र कोली और पंढेर को बाकी बचे मामलों में बरी कर दिया और CBI की आलोचना की। अब इसी फैसले के आधार पर सुरेंद्र कोली को सभी मामलों में बरी कर दिया गया है। पंढेर को पहले ही सभी मामलों में बरी किया जा चुका है। वहीं, सुरेंद्र कोली अभी तक जेल में हैं।