बिहार विधानसभा चुनावों में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने सीमांचल क्षेत्र में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल का खेल बिगाड़ दिया। करीब 24 सीटों पर ओवैसी की पार्टी ने महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया। सीमांचल AIMIM ने अपना पिछला प्रदर्शन दोहराते हुए 5 सीटों पर जीत हालिस की है। बिहार चुनाव में मिली शानदार जीत के बाद ओवैसी और उनकी पार्टी के हौसले बुलंद हैं।

 

ऐसे में बिहार की तर्ज पर AIMIM ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में विपक्षी इंडिया गठबंधन की परेशानी बढ़ाने का मन बना लिया है। AIMIM आगामी चुनाव में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बीजेपी के खिलाफ गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने जा रही है। 

ओवैसी ने क्या कहा?

दरअसल, मीडिया ने जब असदुद्दीन ओवैसी से उत्तर प्रदेश के आगामी चुनावों पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश में तो हम जाएंगे, उत्तर प्रदेश में दरी नहीं बिछाएंगे। यूपी में जो MY और PDA की जो झूठ बातें करते हैं उनके खिलाफ जाएंगे।' उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार में आकर अखिलेश यादव ने जो बातें कीं उसका नतीजा आपने देख लिया है। बिहार में अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के मुस्लिम नेताओं ने महागठबंधन और तेजस्वी यादव के लिए प्रचार किया था। बिहार चुनाव के दौरान भी ओवैसी कई बार अखिलेश पर जुबानी वार कर चुके हैं। 

 

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यूपी में ओवैसी बनाएंगे गठबंधन 

ओवैसी ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए तैयार हैं। उन्होंने यूपी में एनडीए और इंडिया गठबंधन के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात कही। उन्होंने कहा, 'यूपी में हम हमारी बहन पल्लवी पटेल, चन्द्रशेखर आजाद और स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ मिलकर कोशिश करेंगे और विकल्प मजबूत करेंगे।' उनके इस बयान से साफ है कि ओवैसी अब अखिलेश यादव के लिए समस्या बनने वाले हैं। वह मुस्लिम-दलित समीकरण को यूपी में मजबूत करने की कोशिश करेंगे। बिहार के सीमांचल में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद अब ओवैसी की पार्टी की नजर उत्तर प्रदेश पर है। 

अखिलेश यादव को दी चेतावनी

ओवैसी ने एक इंटरव्यू में कहा कि महागठबंधन ने उन्हें बिहार में कमजोर करने की कोशिश की थी। इसका परिणाम उन्हें भुगतना पड़ा है। उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वह उन्हें यूपी में कमजोर समझते हैं। इस बार चुनाव में उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। सांसद ओवैसी ने कहा, 'इस बार हम उत्तर प्रदेश चुनावों में असर दिखाने नहीं, जीत दर्ज करने के लिए चुनावी मैदान में उतरेंगे।' बिहार चुनाव में अखिलेश यादव पर ओवैसी हमलावर रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने बिहार में अपने प्यादे भेजकर हमको कमजोर करने की कोशिश की थी लेकिन हम भी सियासी शतरंज खेलना जानते हैं। ओवैसी ने अखिलेश यादव का नाम लेकर साफ कहा कि वह उन्हें यूपी में परेशान करेंगे। 

AIMIM के साथ सपा का होगा गठबंधन?

असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव से बदला लेने की बात कही है। उनके इस बयान पर समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने कहा कि वह अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से AIMIM के साथ गठबंधन को लेकर बात करेंगे। उन्होंने कहा कि मेरी राय यह है कि उन्हें गठबंधन में शामिल किया जाना चाहिए। हालांकि, अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी जिस तरह से एक दूसरे पर आक्रामक हैं उससे लगता है कि एसटी हसन की राय शायद ही अखिलेश यादव मानें। इससे पहले AIMIM ने अखिलेश यादव पर आरोप लगाया था कि सपा को 90 फीसदी मुस्लिम वोट देते हैं लेकिन मुस्लिमों के मुद्दे पर अखिलेश यादव की जुबान तक नहीं खुलती। AIMIM ने सूबे में मुस्लिम और दलितों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने और आगामी विधानसभा चुनाव मजबूती से लड़ने की बात कही है।

 

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यूपी की मुस्लिम सियासत

उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुस्लिम समुदाया की हिस्सेदारी करीब 20 प्रतिशत है। मुस्लिम वोटर यूपी की 403 सीटों में से करीब 143 सीटों पर असर रखते हैं। करीब 43 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार तय करते हैं। अगर इन 43 सीटों पर मुस्लिम समुदाय एक होकर किसी पार्टी या उम्मीदवार को वोट कर दे तो उसका जीतना तय है। इन्हीं 43 सीटों पर ज्यादातर मुस्लिम विधायक जीतते हैं।

 

राम मंदिर आंदोलन के बाद से समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी को मुस्लिम समुदाय वोट करता आया है। बीजेपी की हिंदू वोटरों पर अच्छी पकड़ है तो विपक्ष मुस्लिम-दलित समीकरण के जरिए सत्ता हासिल करने की कोशिश में है। ऐसे में मुस्लिम वोटों के बंटने का खतरा भी है। 2022 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम समाजवादी पार्टी के साथ आए तो इसका फायदा अखिलेश यादव को मिला। उनकी पार्टी 47 सीटों से बढ़कर 111 सीटों पर पहुंच गई। इसके बाद अखिलेश याजव ने पीडीए का नारा दिया और इसका फायदा उन्हें 2024 के लोकसभा चुनावों में मिला। नतीजा यह रहा की कांग्रेस और सपा मिलकर यूपी में 43 सीटों पर चुनाव जीत गईं। सपा ने अकेले प्रदेश की 80 में से 37 सांसद जीते।