हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इंडिया जस्टिस रिपोर्ट का हवाला देकर प्रदेश सरकार पर खूब निशाना साधा। उन्होंने सरकार पर कानून-व्यवस्था के मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। इसके अलावा पुलिस विभाग की नियुक्तियों में कथित भेदभाव का जिक्र किया। हुड्डा ने दावा किया कि हरियाणा में 80 से अधिक गैंग एक्टिव हैं। यह हत्या, लूट, डकैती और फायरिंग जैसी वारदातों में लिप्त हैं। मगर बीजेपी सरकार कानून-व्यवस्था के मामले में लापरवाह रवैया अपना रही है।

 

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने हरियाणा की कानून-व्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। इंडिया जस्टिस रिपोर्ट ने एक बार फिर भाजपा सरकार को आईना दिखाया है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 साल में हरियाणा पुलिस की रैंकिंग 8वें स्थान से खिसककर 14वें स्थान पर पहुंच गई है। देश के 18 बड़े राज्यों में हरियाणा पुलिस 14वें नंबर पर है। यहां तक कि बिहार भी हरियाणा से चार पायदान ऊपर है। पड़ोसी राज्य पंजाब 7वें स्थान पर है।

 

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'एससी-ओबीसी के साथ भेदभाव कर रही सरकार'

हुड्डा ने आगे कहा कि जस्टिस इंडिया की रिपोर्ट से पता चलता है कि बीजेपी सरकार किस तरह एससी और ओबीसी के साथ भेदभाव कर रही है। पुलिस में एससी अधिकारियों के मामले में हरियाणा 18 राज्यों में 17वें नंबर पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार एससी अधिकारियों को न के बराबर नियुक्ति कर रही है। वहीं एससी सिपाहियों के मामले में भी हरियाणा फिसड्डी है। ओबीसी कांस्टेबल के मामले में प्रदेश का 17वां स्थान है।

'कांस्टेबल के 38.9 फीसद पद खाली'

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया कि हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल स्तर के करीब 38.9 फीसद पद खाली है। महिला पुलिस अधिकारियों के 17.8 फीसद पद रिक्त हैं। कर्मचारी वर्कलोड से जूझ रहे हैं। पंजाब जहां हर पुलिसकर्मी पर 2604 रुपये खर्च करता है तो वहीं हरियाणा में यह सिर्फ 1908 रुपये है। केरल में करीब 23992 आबादी पर एक पुलिस थाना है। वहीं हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्र में 1,09,325 की आबादी पर एक थाना है।

 

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कर्मचारियों का ही विभाग से उठ चुका विश्वास: हुड्डा

हुड्डा ने कहा कि न केवल जनता बल्कि पुलिस अधिकारी भी पुलिस विभाग पर अपना विश्वास खो चुके हैं। यही कारण है कि हाल ही में एडीजीपी रैंक के एक अधिकारी और एक एएसआई ने आत्महत्या कर ली। कांग्रेस ने मौजूदा जज की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की लेकिन सरकार टालमटोल कर रही है। साफ जाहिर है कि सरकार पूरे मामले में लीपापोतीकरनाचाहती है।