बिहार कांग्रेस में मचे घमासान के बीच पार्टी ने सोमवार की रात एक बड़ा और सख्त कदम उठाया। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सात बागी नेताओं को पार्टी से छह साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया। इन बागी नेताओं की प्राथमिक सदस्यता भी खत्म कर दी गई। कुछ दिन पहले ही बिहार कांग्रेस ने 43 नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इन पर चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और अनुशासनहीनता का आरोप है। सोमवार को ही सभी नेताओं ने पार्टी को अपना जवाब भेजा। इसके कुछ समय बाद ही निष्कासन की खबर आ गई।
बाकी नेताओं के जवाब पर अनुशासनात्मक समिति ने कहा कि उनके जवाब संतोषजनक नहीं थे। पार्टी ने बागी नेताओं पर पार्टी मंचों से बाहर भ्रामक बयानबाजी करने, संगठन की मर्यादा का उल्लंघन करने और पार्टी के सक्षम पदाधिकारियों के निर्देशों का जानबूझकर अवहेलना करने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि इन नेताओं ने प्रिंट और सोशल मीडिया पर टिकट लूट के निराधार आरोप जड़े। पार्टी के फैसलों की खूब आलोचना की। उनकी इस बयानबाजी से पार्टी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची।
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बता दें कि बिहार के बागी नेताओं ने अपने वरिष्ठों पर टिकट बेचने का आरोप लगाया था और कहा था कि चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को लेना होगा। अब अनुशासन समिति ने कहा कि प्रत्याशियों का चयन पर्यवेक्षकों, प्रदेश चुनाव समिति और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की समीक्षा के बाद केंद्रीय पर्यवेक्षक अविनाश पांडे की सहमति से पारदर्शी तरीके से किया गया था। बागी सातों नेताओं को बाहर करने का आदेश बिहार कांग्रेस की अनुशासन समिति के अध्यक्ष कपिलदेव प्रसाद यादव ने जारी किया।
इन नेताओं पर पार्टी ने गिराई गाज
- कांग्रेस सेवा दल के पूर्व उपाध्यक्ष आदित्य पासवान
- बीपीसीसी के पूर्व उपाध्यक्ष शकीलुर रहमान
- किसान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राज कुमार शर्मा
- प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राज कुमार राजन
- अति पिछड़ा विभाग के पूर्व अध्यक्ष कुंदन गुप्ता
- बांका जिला कांग्रेस अध्यक्ष कंचना कुमारी
- नालंदा जिला कांग्रेस अध्यक्ष रवि गोल्डन
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पटना में धरना भी दे चुके बागी
बिहार में कांग्रेस ने 60 सीटों पर चुनाव लड़ा था। मगर पार्टी को सिर्फ छह सीटों पर जीत मिली। निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पार्टी में बगावत की आवाज उठी। पार्टी के 43 नेताओं के एक धड़े ने प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर जमीनी कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने और टिकट बेचने का आरोप लगाया था। शुक्रवार को बागी नेताओं ने पटना में धरना भी दिया था। इसमें कांग्रेस के बागी नेताओं ने 'टिकट चोर गद्दी छोड़' की नारेबाजी भी की थी। वहीं बिहार महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शरबत जहां फातिमा भी अपने पद से इस्तीफा दे चुकी हैं। बताया जा रहा है कि वह टिकट न मिलने नाराज थीं।
