ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज 2025-26 सीरीज का पहला टेस्ट ऐक्शन से भरपूर रहा। पर्थ स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले के पहले दिन (21 नवंबर) 19 विकेट गिरे। इंग्लैंड की टीम अपनी पहली पारी में 172 रन पर ऑलआउट हुई। वहीं ऑस्ट्रेलिया ने पहले दिन स्टंप्स तक 9 विकेट के नुकसान पर 123 रन बनाए। मुकाबले के दूसरे दिन भी विकेट गिरने का सिलसिला जारी रहा और ऑस्ट्रेलिया का बचा हुआ एक विकेट चटकाने के बाद अपनी दूसरी पारी में बैटिंग करने उतरी इंग्लिश टीम 164 रन पर सिमट गई।

 

इंग्लैंड को पहली पारी के आधार पर 40 रन की बढ़त मिली थी। इस तरह उसने ऑस्ट्रेलिया के सामने 205 रन का टारगेट रखा, जिसे देखते हुए लग रहा था कि मुकाबला तीसरे दिन तक खींच जाएगा लेकिन ओपनिंग करने उतरे ट्रेविस हेड ने 83 गेंद में 16 चौके और 4 छक्के उड़ाते हुए 123 रन ठोक दूसरे दिन ही कंगारू टीम को 8 विकेट से जीत दिला दी, जिससे क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) को करोड़ों को नुकसान हो गया है।

 

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ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड को कैसे लग गया चूना?

पर्थ टेस्ट की पहली तीन पारियों में खराब बल्लेबाजी और आखिरी पारी में ट्रेविस हेड की आक्रामक बैटिंग से 124 साल बाद कोई एशेज टेस्ट 2 दिन में खत्म हुआ। इस मुकाबले का 847 गेंद में ही नतीजा निकल गया। यह गेंद के हिसाब से एशेज इतिहास का तीसरा सबसे छोटा टेस्ट रहा। पर्थ टेस्ट दो दिन तक ही चल पाने से ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड को 18 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होना तय है।

 

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पर्थ स्टेडियम में पहले दिन 51 हजार 531 दर्शक आए थे। वहीं दूसरे दिन 49,983 दर्शकों की मौजूदगी रही। मुकाबले के तीसरे दिन भी स्टेडियम फुल रहने की संभावना थी और लगभग सभी टिकट बिक चुके थे लेकिन मैच जल्दी समाप्त होने से क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को टिकट बिक्री से होने वाली कमाई पर बड़ा असर पड़ने वाला है। AAP की रिपोर्ट के मुताबिक, बोर्ड को 3 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर की चपत लगेगी। बता दें कि पिछले महीने ही क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपने सालाना मीटिंग में जानकारी थी कि पिछले वित्त वर्ष में उसे लगभग 65 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।