प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित राम मंदिर के शिखर पर धर्मध्वज फहरा दिया है। इस मौके पर उनके साथ गर्भगृह में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे। पीएम दिल्ली से अयोध्या से महर्षि वाल्मिकी एयरपोर्ट पहुंचे जहां उनका राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया। इसके बाद हेलीकॉप्टर के जरिए साकेत महाविद्यालय पहुंचे। पीएम ने महाविद्यालय से रोड शो करते हुए सप्त मंदिर पहुंचे।

 

पीएम मोदी के दौरे के कारण अयोध्या में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत कुल 6970 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इनमें ATS के कमांडो, NSG स्नाइपर्स, साइबर एक्सपर्ट और टेक्निकल टीमें शामिल हैं। 

 

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कार्यक्रम के बारे में जानें

झंडा 10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा है। ध्वज पर सूरज की तस्वीर और उस पर कोविदारा पेड़ की तस्वीर के साथ 'ॐ' लिखा है। झंडा पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर आर्किटेक्चर स्टाइल में बने 'शिखर' पर फहराया जाएगा, जबकि आसपास का 800 मीटर का परकोटा मंदिर के अलग-अलग आर्किटेक्चर को दिखाएगा।

 

अयोध्या मंदिर और शहर को फूलों से सजाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के लिए लगभग 100 टन फूलों का इस्तेमाल किया गया है। इस कार्यक्रम से पहले ही बड़ी संख्या में लोग राम के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे हैं। इस मौके पर विदेश से भी कई लोगों के आने की उम्मीद है। 

पीएम का कार्यक्रम

पीएम ऑफिस के बयान में कहा गया है कि भगवा झंडा गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देगा और राम राज्य के आदर्शों को दिखाएगा। अयोध्या में पीएम ने सप्त मंदिर में दर्शन और पूजा अर्चना किया, जहां महर्षि वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी से जुड़े मंदिर हैं। साथ ही पीएम शेषावतार मंदिर और माता अन्नपूर्णा मंदिर भी गए, जहां वे राम दरबार गर्भ गृह में दर्शन और पूजा किया।

 

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कार्यक्रम की विशेषता

यह कार्यक्रम मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ रहा है, जो राम और सीता की विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त के साथ मेल खाता है। यह तिथि नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस को भी दर्शाती है। इन्होंने 17वीं शताब्दी में अयोध्या में 48 घंटे तक ध्यान किया था।

आपको बता दें कि पीएम मोदी ने 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर का 'भूमि पूजन' किया था और 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह 22 जनवरी 2024 को हुआ था।