संजय सिंह। मोतिहारी में शुक्रवार की सुबह बाइक पर सवार बदमाशों ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) नेता कामेश्वर साहनी की हत्या कर दी। कामेश्वर साहनी को चार गोली लगी है। घटना स्थल पर ही उनकी मौत हो गई। बिहार में नई सरकार गठन के बाद यह पहली राजनीतिक हत्या है। घटना को लेकर ग्रामीणों ने जमकर बवाल काटा। लोग शव उठाने का भी विरोध करते रहे हैं। पुलिस ने लोगों को समझा बुझाकर मामला शांत करवाया। घटना पर राजनीतिक दल के नेताओं ने नाराजगी भी जताई है।

 

वीआईपी नेता की हत्या की जांच पुलिस तीन बिंदुओं पर कर रही है। सहनी का संबंध नक्सलियों के साथ भी रहा है। पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि इस घटना के पीछे नक्सलियों का हाथ तो नहीं है। कामेश्वर पर कई अपराधिक मामले पहले से भी दर्ज हैं। अपराधिक घटनाओं को लेकर पहले की रंजिश के संदर्भ पर पुलिस जांच को आगे बढ़ा रही है।

 

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वीआईपी के बड़े नेता थे साहनी

मोतिहारी में कामेश्वर साहनी वीआईपी के बड़े नेता माने जाते थे। चुनाव के दौरान वे राजनीतिक रुप से सक्रिय भी थे। पुलिस राजनीतिक विद्वेष के कारण हत्या के एंगल से भी जांच कर रही है। हाई प्रोफाइल हत्या को लेकर पुलिस ने घटना स्थल पर डॉग स्क्वायड और FSL टीम को भी बुलाया था। टीम ने घटना स्थल से महत्वपूर्ण साक्ष्य भी जुटाए। आस पास में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही अपराधियों को पकड़ा जाएगा।

 

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राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि घटना में शामिल अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाय। पूर्व मंत्री और आरजेडी नेता जमील अहमद ने आरोप लगाया है कि सरकार के गठन होते ही अपराधियों ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। सरकार को अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। इससे लोगों के मन में कानून के प्रति विश्वास पैदा होगा।