तेज रफ्तार से चलने वाली इंटरनेट की दुनिया में मंगलवार शाम को हड़कंप मच गया। X, ChatGPT समेत ढेरों वेबसाइटें ठप पड़ गईं। हुआ यह था कि इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस देने वाली क्लाउडफ्लेयर (Cloudflare) में तकनीकी खराबी आ गई। इस कारण 3-4 घंटे तक तमाम बड़ी वेबसाइटें डाउन हो गईं। भारत में शाम साढ़े पांच बजे से ही कई वेबसाइटों में दिक्कत आने लगी थीं। रात लगभग साढ़े 9 बजे तक दिक्कत रही। कई यूजर्स ने बताया कि इस आउटेज के कारण वेबसाइट खोलने पर 'Error Code 500' दिखा रहा था।
हो क्या गया था? दरअसल, यह सारा आउटेज क्लाउडफ्लेयर के नेटवर्क में फेल्योर होने के कारण हुआ था। क्लाउडफ्लेयर ने बताया था कि इंटरनल सर्विसेस में दिक्कतें आ रही हैं, जिस कारण API और डैशबोर्ड में परेशानी आ रही है।
लेकिन क्लाउडफ्लेयर में तकनीकी खराबी से आउटेज कैसे हो गया? बहुत से लोगों को लगता है कि उनके फोन या लैपटॉप और वेबसाइट के बीच कोई नहीं है। मगर ऐसा नहीं होता। इसके बीच में क्लाउडफ्लेयर जैसी कंपनियां होती हैं। क्लाउडफ्लेयर के सर्वर में दुनियाभर की 20% वेबसाइट का कंटेंट उठाकर अपने सर्वर में रखता है। यह सर्वर दुनियाभर में फैले हुए हैं। आप जब भी कोई वेबसाइट खोलते हैं तो वह पहले क्लाउडफ्लेयर के सर्वर से जुड़ता है और वहां से कंटेंट लाकर दिखाता है।
मंगलवार को क्लाउडफ्लेयर के थ्रेट ट्रैफिक मैजन करने वाली एक ऑटोमैटिकली जेनरेटेड कॉन्फिगरेशन फाइल में एरर आ गया था। यह फाइल साइज से कहीं ज्यादा बड़ी हो गई, जिससे सॉफ्टवेयर क्रैश हो गया। इस कारण दुनियाभर में उसके सर्वर गड़बड़ा गए और 20% इंटरनेट धड़ाम हो गया। यह भी साफ हो गया है कि यह कोई साइबर अटैक नहीं था, बल्कि एक इंटरनल सॉफ्टवेयर बग था जिसे अब ठीक कर लिया गया है।
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किस-किस पर पड़ा था इसका असर?
क्लाउडफ्लेयर के सर्वर डाउन होने के कारण दुनियाभर की ढेरों वेबसाइटों पर इसका असर पड़ा। इंटरनेट की दुनिया में आउटेज की समस्या को ट्रैक करने वाली वेबसाइट Downdetector पर मंगलवार को 21 लाख से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गईं। दिलचस्प बात यह है कि Downdetector भी डाउन हो गई थी।
- सोशल मीडिया: X, ट्रुथ सोशल
- AI सर्विसेस: ChatGPT, Claude AI, कैरेक्टर AI, OpenAI
- स्ट्रीमिंग और एंटरटेनमेंट: स्पोटीफाई, लीग ऑफ लीजेंड्स, लेटरबॉक्स्ड
- बिजनेस टूल्स: जूम, स्क्वॉयर, डेफोर्स, इंडीड
- ई-कॉमर्स: IKEA, उबर, गूगल स्टोर
- क्रिएटिव प्लेटफॉर्म: कैन्वा, आर्काइव्स ऑफ अवर ओन
- एजुकेशन टूल्स: क्विजलेट, कैनवास
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आखिर इससे नुकसान कितना होता है?
वैसे तो कोई भी चीज ठप या बंद पड़ जाए तो इससे नुकसान तो होता है। मगर जब बात इंटरनेट की आए तो एक मिनट की रुकावट भी लाखों-करोड़ों का नुकसान पहुंचा सकती है।
'The True Cost of Website Downtime in 2025' की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की टॉप 2000 कंपनियों को इंटरनेट डाउन के कारण 400 अरब डॉलर का घाटा हुआ था। भारतीय करंसी में यह रकम 35.40 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा होती है। इसमें बताया गया था कि इंटरनेट डाउन के कारण हर कंपनी को हर मिनट औसतन 14,056 डॉलर का नुकसान हुआ था।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, 93% कंपनियों ने बताया था कि इंटरनेट डाउन के चलते उन्हें हर घंटे 3 लाख डॉलर का नुकसान हुआ है। वहीं, 48% कंपनियों का दावा था कि उन्हें हर घंटे 10 लाख डॉलर का घाटा हुआ होगा।
द मिरर यूएस की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि मंगलवार को हुए आउटेज में कंपनियों को हर घंटे 5 से 15 अरब डॉलर का नुकसान हुआ होगा।
थोड़ी देर का डाउन भी किस तरह से आर्थिक चोट पहुंचाता है? इसे X के उदाहरण से समझते हैं। फाइनेंस मंथली ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि ग्लोबल आउटेज के कारण X को हर घंटे 2.85 लाख डॉलर का नुकसान हुआ होगा। फाइनेंस मंथली ने यह अनुमान X के रेवेन्यू के आधार पर लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि X सालाना 2.5 अरब डॉलर का रेवेन्यू कमाती है। इस हिसाब से हर एक घंटे उसे 2.85 लाख डॉलर का रेवेन्यू मिलता है। इसलिए अगर एक घंटे के लिए भी X ठप पड़ता है तो इससे 2.85 लाख डॉलर का घाटा हुआ होगा।
इसी तरह, इस साल जनवरी से जून के बीच ChatGPT की पैरेंट कंपनी OpenAI ने कुल 4.3 अरब डॉलर का रेवेन्यू कमाया था। इस हिसाब से उसने हर दिन औसतन 2.37 करोड़ डॉलर का रेवेन्यू कमाया। इस हिसाब से देखें तो OpenAI ने हर घंटे लगभग 9.9 लाख डॉलर कमाए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ChatGPT के डाउन होने से कंपनी को हर घंटे लगभग 9.9 लाख डॉलर का नुकसान हो सकता है।
और तो और, सर्वर डाउन के चलते क्लाउडफ्लेयर के शेयर भी 3% गिर गए। क्लाउडफ्लेयर के एक शेयर की कीमत 202.25 डॉलर से गिरकर 196.53 डॉलर पर आ गई।