एग्जिट पोल में एनडीए को भारी बहुमत का दावा, जन सुराज को 10 से कम सीटें
बिहार विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं और 14 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। एग्जिट पोल एनडीए की बंपर जीत का दावा कर रहे हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: Khabargaon
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का मतदान संपन्न हो चुका है। दो चरणों में हुए इस चुनाव में रिकॉर्ड तोड़ मतदान हुआ, जो बिहार के राजनीतिक इतिहास में एक उदाहरण बन गया है। 6 नवंबर को पहले चरण में 121 सीटों पर 65.7 प्रतिशत और 11 नवंबर को दूसरे चरण में 122 सीटों पर लगभग 68.52 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। कुल मिलाकर, बिहार ने अब तक का सबसे ऊंचा मतदान प्रतिशत देखा, जो मतदाताओं में इस बार के चुनाव को लेकर उत्साह को दिखाता है। 243 सीटों वाली इस विधानसभा में बहुमत के लिए 122 सीटें जरूरी हैं।
चुनावी मैदान में मुख्य मुकाबला नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और तेजस्वी यादव के महागठबंधन (MGB) के बीच रहा। इसमें बीजेपी-जेडीयू की जोड़ी ने विकास, सुशासन और मोदी की गारंटी पर जोर दिया, जबकि आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन ने बेरोजगारी, महंगाई और युवा वादों पर फोकस किया। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने पहली बार मैदान उतरकर बिहार की राजनीति को नई दिशा देने की कोशिश की, लेकिन एग्जिट पोल उनके लिए निराशाजनक हैं।
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किसके कितने वोट प्रतिशत
मतदान खत्म होते ही शाम 6:30 बजे के बाद विभिन्न सर्वे एजेंसियों ने एग्जिट पोल जारी किए। ज्यादातर पोल में NDA को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है, जो 133 से 167 सीटों के दायरे में है। महागठबंधन 70 से 108 सीटों तक सिमटता नजर आ रहा है, जबकि जन सुराज को अधिकतम 0-5 सीटें ही मिलने का अनुमान है। यह 2020 के चुनाव से उलट है, जब एग्जिट पोल महागठबंधन को आगे बता रहे थे, लेकिन NDA ने 125 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी थी। इस बार रिकॉर्ड मतदान हुआ है और महिलाओं का रुझान NDA की ओर बताया जा रहा है, जबकि कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि युवाओं में कुछ का झुकाव महागठबंधन की तरफ तो कुछ का एनडीए की तरफ रहा। मैट्रिज के अनुसार, NDA को 48 प्रतिशत वोट शेयर मिल सकता है, जबकि महागठबंधन को 37 प्रतिशत। पीपुल्स पल्स ने NDA को 46.2 प्रतिशत वोट शेयर दिया है।
एग्जिट पोल मतदान के मुताबिक इसका कारण नीतीश कुमार का सुशासन मॉडल, मोदी की लोकप्रियता और जातीय समीकरणों का संतुलन बताया जा रहा है। इसके अलावा कहा जा रहा है कि NDA ने कुर्मी, ईबीसी और तथाकथित उच्च जातियों को भी को साधने की पूरी कोशिश की, जबकि महागठबंधन MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण पर निर्भर रहा। महिलाओं का वोट NDA की ओर झुकाव (मैट्रिज के अनुसार 65 प्रतिशत महिलाएं NDA को) बड़ा फैक्टर है।
NDA की बढ़त का कारण
एक्सपर्ट्स के मुताबिक NDA की इस प्रचंड बढ़त के कई कारण हैं। पहला, नीतीश कुमार का सुशासन। 20 साल से सत्ता में रहते हुए उन्होंने शराबबंदी, महिलाओं के लिए आरक्षण और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया। दूसरा, मोदी फैक्टर। कहा जा रहा है कि PM मोदी की रैलियों ने भी एनडीए के पक्ष में वोट बटोरने में काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। जेडीयू के कुर्मी-कोईरी और बीजेपी के वैश्य- तथाकथित उच्च जाति वोट बेस मजबूत रहा। महिलाओं का झुकाव NDA की ओर (65% मैट्रिज में) बड़ा फैक्टर है, क्योंकि बिहार में महिलाएं बढ़-चढ़कर मतदान करती हैं।
इसके अलावा तेजस्वी द्वारा हर घर के व्यक्ति को एक सरकारी नौकरी देने का वादा जमीनी रूप से संभवतः लोगों के गले नहीं उतर सका क्योंकि वह उसका गणित नहीं समझा सके। वहीं बीजेपी इस बात को लगातार जनता को समझाने की कोशिश करती रही कि यह चुनावी वादा है और धरातल पर इसे अमली जामा पहनाना असंभव है।
एक बार को कहा जा रहा था कि जन सुराज भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है लेकिन समय के साथ उसकी भी चमक धीमी पड़ती हुई दिखी। एग्जिट पोल के मुताबिक जन सुराज को काफी कम सीटें मिलने की संभावना है।
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प्रमुख एग्जिट पोल
एग्जिट पोल में NDA की जीत का औसत अनुमान 147 सीटों का है। यहां कम से कम दस महत्वपूर्ण एग्जिट पोल के डेटा दिए जा रहे हैं:
| Exit Poll | NDA | MGB | Jan Suraj | Others |
| Matrise-IANS | 147-167 | 70-90 | 0-2 | 2-8 |
| Dainik Bhaskar | 145-160 | 73-91 | 0-3 | 5-7 |
| Peoples Pulse | 133-159 | 75-101 | 0-5 | 2-8 |
| PMARQ | 142-162 | 80-98 | 1-4 | 0-3 |
| Chanakya Strategies | 130-138 | 100-108 | 00 | 3-5 |
| TIF Research | 145-163 | 76-95 | 00 | 3-5 |
| JVC-Times Now | 135-150 | 88-103 | 0-1 | 3-6 |
| News18 Mega | 140-150 | 85-95 | 0-5 | 5-10 |
| Polstrat | 133-148 | 87-102 | --- | 3-5 |
| DV Research | 137-152 | 83-98 | 2-4 | 00 |
| Peoples Insigh | 133-148 | 87-102 | 0-2 | 3-6 |
इन आंकड़ों से साफ है कि NDA हर पोल में बहुमत से आगे है। औसतन NDA को 140+ सीटें मिल रही हैं।
यह चुनाव बिहार के भविष्य के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है। अगर NDA जीतता है, तो नीतीश कुमार दसवीं बार CM बनेंगे और विकास की रफ्तार बनी रहेगी। महागठबंधन की हार तेजस्वी के लिए झटका होगी, जो 2020 में उप-मुख्यमंत्री रह चुके हैं। प्रशांत किशोर की पार्टी का खाता न खुलना रणनीतिकारों के लिए सबक है। कुल मिलाकर, एग्जिट पोल बिहार में स्थिरता और विकास की जीत का संकेत दे रहे हैं। लेकिन अंतिम फैसला 14 नवंबर को मतगणना से ही होगा।
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