संजय सिंह, पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में बढ़े वोटिंग की प्रतिशत की चर्चा पूरे देश में हो रही है। शाम के समय अंतिम तीन घंटों में वोटिंग के आंकड़ों में बड़ा उछाल देखने को मिला। हालांकि, बड़े-बड़े राजनीतिक विश्लेषकों को यह पता नहीं चल पा रहा है कि बढ़े हुए वोट प्रतिशत का फायदा एनडीए को मिलेगा या महागठबंधन को। अपने अपने हिसाब से दोनो महागठबंधन के नेता अपने पक्ष में दावा कर रहे हैं।
चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 6 नवंबर को 121 सीटों पर हुए मतदान में 64.69 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने वोट का इस्तेमाल किया। दोपहर तीन बजे तक मतदान 53.77 प्रतिशत हुआ था। शाम में यह पहुंचकर 64.69 प्रतिशत हो गया। सबसे ज्यादा उत्साह समस्तीपुर में देखने को मिला। वहां 3 बजे तक 56.35 प्रतिशत मतदान हुआ। जबकि शाम 6 बजे तक मतदान का प्रतिशत 66.69 पहुंच गया। इसी तरह वैशाली में अंतिम तीन घंटों में 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। पटना का भी वोटिंग प्रतिशत शाम में बढ़ गया। दोपहर तक 48.69 प्रतिशत मतदान हुआ था। शाम में यह बढ़कर 58.40 हो गया। मधेपुरा में यह आंकड़ा 44.16 से बढ़कर 69.03 हो गया। दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, बेगुसराय, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, नालंदा और बक्सर में भी वोटिंग प्रतिशत बढ़ा।
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प्रवासी वोटरों की भी भूमिका
राजनीति के जानकारों का मानना है कि वोटिंग प्रतिशत बढ़ने में प्रवासी मतदाताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। छठ के मौके पर आए प्रवासी वोटरों ने भी जनतंत्र के इस महापर्व में उत्साह पूर्वक भाग लिया। उनके बिहार आने के लिए रेलवे ने 13 हजार फेरे लगाए। उनके वापसी के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। आने जाने के लिए किराए में 20 से 30 प्रतिशत छूट दिया गया था। पांच राज्यों के लिए परिवहन निगम ने बसों की विशेष व्यवस्था की थी। राजनीति के जानकारों का मानना है कि चुनाव के पूर्व से ही पूरे प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई थी।
जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर लगातार पूरे प्रदेश की यात्रा कर रहे थे। उधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव वोट अधिकार यात्रा निकालकर मतदाताओं को जागरुक कर रहे थे। एनडीए ने भी हर जिले में अपने घटक दलों के साथ सम्मेलन आयोजित किया। इसके अलावा कई जिलों में प्रशासन की ओर से मतदाता जागरुकता अभियान चलाया गया। इन सबका असर भी वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने में रहा।
27 सीटों पर 10 और 13 पर 12 प्रतिशत की वृद्धि
18 जिलों के 121 सीटों पर प्रथम चरण का मतदान हुआ। इसमें वैशाली, सहरसा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, मुंगेर, लखीसराय जिलों में मतदान में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। जिलावार मतदान प्रतिशत में सबसे अधिक मुंगेर में 12.38 प्रतिशत तथा समस्तीपुर में 12.26 प्रतिशत का ग्राफ बढ़ा। 6 से 7 प्रतिशत मतदान वृद्धि वाले जिलों में नालंदा, सीवान, पटना, भोजपुर, बक्सर व दरभंगा का नाम शामिल है। शेखपुरा और मधेपुरा में 7 से 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
उधर गोपालगंज, बेगुसराय, खगड़िया जिले में सर्वाधिक 9 से10 प्रतिशत की वृद्धि हुई। विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा वोट समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर सीट पर पड़ा। यहां 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। पटना के 14 विधानसभा सीटों पर मात्र 4 से9 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
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महिलाओं का वोट प्रतिशत अधिक
इस बार महिलाओं ने मतदान का रिकॉर्ड तोड़ डाला। पहले चरण में 121 विधानसभा सीटों पर कुल 65.08 प्रतिशत मतदान हुआ। इसमें 69.04 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान का रिकॉर्ड बनाया। इसकी तुलना में पुरुषों ने सिर्फ 61.56 प्रतिशत मतदान किया। पिछले चुनाव में 59.69 प्रतिशत मतदान का रिकॉर्ड बनाया था। वहीं 54.45 प्रतिशत पुरुषों ने मतदान किया था। महिलाओं के वोटिंग प्रतिशत में इजाफा वर्ष 2010 के चुनाव से ही हो रहा है।
पहले चरण में राज्य में सर्वाधिक मतदान मुजफ्फरपुर के मीनापुर विधानसभा में हुआ। जबकि सबसे कम वोट पटना के कुम्हरार सीट पर डाले गए। वोटिंग प्रतिशत की वृद्धि को लेकर सभी दलों के अपने अपने दावे हैं। मतगणना के बाद ही उनके दावों की सही परीक्षा होगी।