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बिहार की बंपर वोटिंग किसके पक्ष में? NDA या महागठबंधन, समझिए गणित

बिहार में दूसरे चरण के चुनाव में बंपर वोटिंग हुई है। पहले चरण में भी वोटिंग काफी ज्यादा हुई थी। बढ़ा हुआ वोट प्रतिशत किसके पक्ष में है?

Nitish Kumar and Tejashvi Yadav । Photo Credit: PTI

नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव । Photo Credit: PTI

संजय सिंह, पटना: विधानसभा चुनाव के दोनों चरणों में बंपर वोटिंग की वजह से राजनीतिक विश्लेषकों का गणित उलझ गया है। सटीक भविष्यवाणी करने से बड़े-बड़े विश्लेषक भी परहेज कर रहे हैं, लेकिन इतना तो तय माना जा रहा है कि महिलाओं की बंपर वोटिंग से राजनीति में बड़ा उलट फेर संभव है। एनडीए और महागठबंधन के नेता महिलाओं के वोट प्रतिशत को बढ़ते देख अपने अपने पक्षों में दावा कर रहे हैं। 

 

जानकारी के अनुसार विधानसभा के पहले चरण के चुनाव में 121 सीटों के लिए वोट डाले गए। जिलों के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार डाले गए वोट 65.08 प्रतिशत थे। इनमें 50.01 प्रतिशत वोट पुरुषों ने और 49.99 प्रतिशत वोट महिलाओं ने डाले थे। इस चरण में कुल 3.75 करोड़ वोटरों में से 2.44 करोड़ ने मतदान किया। वोट देनेवालों में 1 करोड़ 22 लाख 10 हजार 262 पुरुष और 1करोड़ 22 लाख 4 हजार 271 महिलाएं शामिल हैं। जबकि पुरुष वोटरों की कुल संख्या 1.58 करोड़ और महिला वोटरों की कुल संख्या 1.76 करोड़ है।

 

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क्या हैं आंकड़े?

क्षेत्रवार आंकड़ों के विश्लेषणों से पता चलता है कि पहले चरण के 121 विधानसभा क्षेत्रों के 56 विधानसभा सीटों पर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के अधिक वोट पड़े। जिसमें मुख्यतः मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सारण, सीवान, वैशाली, समस्तीपुर, खगड़िया और बेगुसराय की सीटें हैं। इसमें मधेपुरा के सिंघेश्वर और दरभंगा के कुशेश्वर स्थान, गोरा बौराम, अलीनगर तथा गोपालगंज जिले में भोरे और हथुआ और खगड़िया जिले की अलौली सीट पर पुरुषों के मुकाबले 8 प्रतिशत या उससे अधिक महिलाओं ने वोट डाले। सबसे अधिक कुशेश्वर स्थान सीट पर 12.72 प्रतिशत वोट का अंतर है। जबकि अलीनगर में 10.2 प्रतिशत, गौरा बौराम में 9.88 प्रतिशत, भोरे में 9.3 प्रतिशत, सिंघेश्वर में 8.49 प्रतिशत, अलौली में 8.46 प्रतिशत और हथुआ में 8 प्रतिशत महिलाओं ने अधिक वोट डाले। उधर सारण, तिरहुत और कोसी इलाके में भी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के अधिक वोट पड़े।

कुछ क्षेत्रों में पुरुष आगे

ऐसा नही कि वोट डालने में सिर्फ महिलाएं ही आगे रहीं। 65 विधानसभा सीटों पर पुरुषों ने भी महिलाओं से ज्यादा बढ़ चढ़कर वोट डालने का काम किया। पुरुषों ने मुख्य रूप से मुंगेर, शेखपुरा, नालंदा, पटना, लखीसराय, भोजपुर और बक्सर सीटों में अधिक वोट डाले। पटना के फतुहा सीट पर 9.46 प्रतिशत, दानापुर में 9.08 प्रतिशत और पटना साहिब व बांकीपुर में 8.82 प्रतिशत वोट डाले गए। उधर विक्रम में 8.12 प्रतिशत, आरा में 8 प्रतिशत, फुलवारी शरीफ में 7.45 प्रतिशत बख्तियारपुर में 7.45 प्रतिशत बीघा में 7.44 प्रतिशत, मनेर में 6.44 प्रतिशत और बाढ़ में 6.3 प्रतिशत पुरुषों ने अधिक वोट डाले।

 

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इस तरह पूर्व बिहार मगध और शाहाबाद क्षेत्र में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों ने अधिक वोट डाले। बहरहाल राजनीतिक विश्लेषक पुरुषों और महिलाओं के घटते बढ़ते वोट प्रतिशत के गणित में उलझे हैं। प्रत्याशियों के भाग्य ईवीएम में कैद है। 14 नवंबर को जब ईवीएम खुलेगा तब यह स्पष्ट होगा कि महिलाओं के वोट से जनप्रतिनिधियों का भाग्य उजागर हुआ या फिर पुरुषों के वोट से।

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