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2020, 2015 और 2010 में कितने सही या गलत हुए थे बिहार के एग्जिट पोल्स?

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। नतीजों से पहले आज दूसरे चरण का मतदान खत्म होते ही एग्जिट पोल्स आने लगेंगे। आइए जानते हैं कि पिछले 3 चुनाव में एग्जिट पोल्स सही साबित हुए थे या वे माहौल भांपने में नाकामयाब रहे।

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प्रतीकात्मक तस्वीर, Photo Credit- Social Media

बिहार विधानसभा चुनाव में दो फेज में हुए चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। चुनाव के खत्म होते ही कई एजेंसियां एग्जिट पोल जारी करती है। इसमें यह अनुमान लगाया जाता है कि राज्य में किसकी सरकार बन सकती है या किस पार्टी को कितना सीटें मिल सकती हैं। अक्सर एग्जिट पोल का अनुमान लगभग सही ही आता है पर कई चुनावों से ऐसा देखा जा रहा है कि पोल और नतीजों में बहुत ज्यादा अंतर देखने को मिलता है। खासकर बिहार में तो पिछले कई चुनावों के नतीजे और पोल में काफी अंतर देखने को मिला है।

 

एग्जिट पोल का अनुमान वोटर से बातचीत के आधार पर निकाला जाता है। एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल दो अलग चीजें होती है। ओपिनियन पोल वोटिंग शुरू होने से पहले किए जाते हैं जबकि एग्जिट पोल चुनाव होने के ठीक बाद और नतीजे आने से पहले किए जाते हैं।

 

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2020 के एग्जिट पोल और नतीजों में अंतर

बिहार में 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में NDA और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। NDA से अलग हुए नीतीश कुमार अब गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे थे। विकासशील इंसान पार्टी (VIP) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) भी साथ थे। महागठबंधन की बात करें तो इसमें राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस और बाकी वाम दल शामिल थे। इस चुनाव में एग्जिट पोल में महागठबंधन को पूर्ण बहुमत दिखाया गया था। किसी भी पोल में NDA को बहुमत का आंकड़ा नहीं दिया गया था लेकिन दोनों के बीच कांटे की टक्कर दिखाई गई थी।

 

2020 में तीन चरण में चुनाव हुए थे जिसके नतीजे 10 नवंबर 2020 को सामने आए। इसमें NDA ने बहुमत का आंकड़ा छू लिया थागठबंधन को 243 में से 125 सीटें मिली थीइसमें सबसे ज्यादा 74 सीटें BJP के खाते में गई थीं। महागठबंधन को 110 सीटें मिली थी जिसमें RJD को 75 सीटें मिली थीं।

 

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2015 के पोल और रिजल्ट में अंतर

2015 के चुनाव में महागठबंधन में नीतीश कुमार की पार्टी JDU शामिल हो गई थी। JDU, RJD और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रहे थेवहीं NDA में बीजेपी, राम विलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP), HAM और अन्य दल शामिल थे। एग्जिट पोल में दोनों गठबंधनों को 100 से ज्यादा सीटें दी गई थीं। एग्जिट पोल में बताया गया कि NDA की सीटें कम रहेंगी लेकिन बहुमत मिल सकता है। 

 

2015 में 243 सीटों के लिए पांच चरणों में हुए चुनाव के नतीजे 8 नवंबर को सामने आए थे। 2014 में बीजेपी की लहर के कारण माना जा रहा था कि बिहार में भी बीजेपी अकेले सरकार बनाने में सफल हो जाएगी लेकिन हुआ इसका उल्टा। नतीजों में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा और वह केवल 58 सीटों पर सिमट गई। महागठबंधन को 178 सीटों पर जीत मिली थी। RJD के खाते में 80 सीटें आई थी।

2010 के नतीजे और पोल

2010 के एग्जिट पोल में NDA को 120-150 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था और महागठबंधन को 50-60 के आसपास सीटें दी जा रही थीं। जब नतीजे आए तो NDA को रिकॉर्ड तोड़ जीत मिली। गठबंधन ने 243 में से 206 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की थी। महागठबंधन को कुल 25 सीटें ही मिली थीं।

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