बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे 14 नवंबर को घोषित हुए। लगभग सारे एग्जिट पोल ने NDA को पूर्ण बहुमत दिया था। नतीजों में भी यहीं सामने आया। गठबंधन ने कुल 202 सीटें जीतकर ऐतिहासिक बहुमत हासिल किया। जीत के बाद बीजेपी मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सभी बड़े नेता पहुंचे। परिणामों को लेकर बात करते हुए पीएम ने कांग्रेस के बारे में एक बात कह दी जिसे सभी को कांग्रेस के भविष्य के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि मुझे आशंका है कि आगे कांग्रेस का एक और बड़ा विभाजन हो सकता है।
पीएम मोदी ने जीत पर भाषण देते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। पीएम ने कहा कि कांग्रेस की राजनीति का आधार सिर्फ नकारात्मक राजनीति हो गया है। कभी चौकीदार चोर का नारा, संसद का समय बर्बाद करना, ईवीएम पर हमला करना, कभी चुनाव आयोग की गाली, जाति धर्म के आधार पर लोगों को बांटना, अब यहीं कांग्रेस का काम है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास देश के लिए कोई सकारात्मक विजन नहीं है।
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कांग्रेस का एक गुट नकारात्मक राजनीति से नाराज
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस मुस्लिम लीग माओवादी कांग्रेस बन गई है। कांग्रेस का पूरा एजेंडा इसी के आस-पास घूमता है। पार्टी के अंदर एक अलग गुट बन रहा है जो इस नकारात्मक राजनीति से असहज है। यह कांग्रेस के नामदार को जिस रास्ते पर ले जा रहे हैं उससे गहरी निराशा और आक्रोश बढ़ रहा है। मुझे आशंका है कि कांग्रेस का एक और बड़ा विभाजन हो सकता है।
कांग्रेस का विभाजन
आजादी के बाद से प्रमुख रूप से दो बड़े राष्ट्रीय विभाजन (1969 और 1978) हुए हैं और 2021 तक कांग्रेस पार्टी में 61 बार से अधिक दरारें पड़ी जिसमें नेताओं ने अलग होकर नई पार्टियां बनाई। पार्टी का सबसे बड़ा दो बार विभाजन हुआ जो इंदिरा गांधी के समय हुआ-
1. 1969 का विभाजन (Congress (R) और Congress (O)):
इंदिरा गांधी और कांग्रेस के पुराने दिग्गज नेताओं के समूह (जिसे सिंडिकेट कहा जाता था) के बीच तीव्र वैचारिक और नेतृत्व मतभेद हुआ जिसका परिणाम कांग्रेस का दो भागों में बंटना- कांग्रेस (O) जिसे सिंडिकेट या पुरानी कांग्रेस कहा गया।
कांग्रेस (R) जो कि इंदिरा गांधी का गुट था जिसे बाद में असली कांग्रेस के रूप में मान्यता मिली।
2. 1978 का विभाजन (Congress (I) और Congress (S)):
वजह- 1977 के आम चुनावों में हार और आंतरिक खींचतान।
परिणाम- कांग्रेस फिर बंट गई
कांग्रेस (I): 'आई' का मतलब 'इंदिरा' से था।
कांग्रेस (S): 'एस' का मतलब 'समाजवादी' से था। बाद में कांग्रेस (आई) को भारतीय चुनाव आयोग द्वारा मुख्य कांग्रेस दल के रूप में मान्यता दी गई।
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अन्य प्रमुख गुट जो अलग हुए-
इन मुख्य विभाजनों के अलावा, कई बड़े नेताओं ने अलग होकर राष्ट्रीय या क्षेत्रीय स्तर पर नई पार्टियों का गठन किया है, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- 1951 में जे.बी. कृपलानी ने किसान मजदूर प्रजा पार्टी बनाई।
- 1994 में नारायण दत्त तिवारी ने अखिल भारतीय इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) बनाई।
- 1998 में ममता बनर्जी ने अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (TMC) बनाई।
- 1999 में शरद पवार, पी.ए. संगमा और तारिक अनवर ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) बनाई।