logo

ट्रेंडिंग:

खराब सेहत, ज्यादा उम्र, आलोचनाएं, फिर भी नीतीश ही क्यों बनेंगे मुख्यमंत्री?

बिहार विधानसभा चुनावों में महागठबंधन के नेताओं ने नीतीश कुमार की सेहत को लेकर खूब सवाल उठाए हैं। चुनाव के नतीजे एनडीए के पक्ष में हैं और नीतीश कुमार की पार्टी जमीनी स्तर पर खूब मजबूत हुई है।

Nitish Kumar

बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते नीतीश कुमार की तस्वीरें। (Photo Credit: PTI)

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

बिहार विधानसभा चुनावों में 'सुशासन' की वापसी हुई है। बिहार के लोगों ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशियों को विधानसभा चुनावों में प्रंचड बहुमत से जिताया है। जेडीयू और बीजेपी दोनों दल, बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक दलों में शुमार हो गए हैं। यह जीत, दशकों की राजनीति में अप्रत्याशित जीत की तरह देखी जा रही है। एनडीए गठबंधन की 202 सीटें आईं हैं। यह ऐसे वक्त में हुआ है, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेहत के बारे में महागठबंधन के नेताओं ने कई सवाल उठाए। यहां तक कहा गया कि वह डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के इशारे पर काम कर रहे हैं, बीजेपी उन्हें कठपुतली की तरह इस्तेमाल कर रही है, अब बिहार में वह प्रतीकात्मक तौर पर मुख्यमंत्री रह गए हैं।

महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार रहे तेजस्वी यादव ने अपनी जनसभाओं में कहा है कि नीतीश कुमार अब बीमारियों की वजह से ऐसी-वैसी हरकते करते हैं, उनकी मानसिक सेहत ठीक नहीं है, वह अब भूल जाते हैं, सार्वजनिक मंचों पर अजीब हरकते करते हैं, लोगों को माला पहनाते हैं, हाथ जोड़ते हैं, अजीब तरीके की प्रतिक्रियाएं देते हैं। बिहार के चुनावी जनसभाओं में भी यह मुद्दा छाया रहा। अलग बात है कि नीतीश कुमार के चेहरे पर ही लोगों ने जमकर वोटर दिया, बिहार में मोदी और नीतीश कुमार की जोड़ी ने ऐसा कमाल किया कि जगह-जगह 'कमल' खिले, जगह-जगह 'तीर' ने विपक्ष को धराशायी किया। 

यह भी पढ़ें: SIR की बदौलत NDA को 128 सीटों पर मिली जीत? कांग्रेस ने अब कौन सा 'बम' फोड़ा

 

प्रशांत किशोर:-
मुख्यमंत्री बिहार चलाने लायक नहीं हैं। अगर वह स्वस्थ हैं तो मुझ पर मानहानि का केस करें। वह साबित करें कि मानसिक तौर पर स्वस्थ हैं।

बिहार में NDA की कितनी सीटें आईं?

  • बीजेपी: 89
  • जेडीयू: 85
  • लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास): 19
  • हिंदुस्तान आवाम मोर्चा: 5
  • राष्ट्रीय लोक मोर्चा: 4 
बिहार के सीएम नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (Photo Credit: PTI)


नीतीश ही बनेंगे सीएम, चिराग का इशारा समझिए 

चिराग पासवान, अध्यक्ष, लोक जनशक्ति पार्टी (RV):-
मैंने सुबह मुख्यमंत्री से मुलाकात की। पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल सीएम से मिला। हमने उनके नेतृत्व में एनडीए द्वारा चुनाव लड़ने के तरीके के लिए उन्हें बधाई दी। मैंने कल ही उन्हें फोन पर बधाई दी थी। लेकिन मैंने आज उनसे औपचारिक रूप से मुलाकात की और हमने न केवल उन्हें बधाई दी, बल्कि आने वाले दिनों में सरकार और गठबंधन की रूपरेखा पर भी चर्चा की।

सेहत की अफवाहें धरी रह गईं, बाजी मार ले गए नीतीश कुमार

बुजुर्ग नीतीश कुमार बनाम युवा तेजस्वी का नैरेटिव लोगों ने एक सिरे से खारिज कर दिया। बमुश्किल बिहार विधानसभा में वह नेता प्रतिपक्ष पद हासिल करने लायक सीटें जीत पाए। सिर्फ 25 सीटें आईं हैं, वरना इस पद के लिए भी उन्हें गठबंधन करना पड़ा। तेजस्वी के लाखों नौकरियों के वादे, सरकारी नौकरी के वादे, जीविका और आंगनवाड़ी दीदियों को स्थाई करने के वादे धरे के धरे रह गए। लोगों ने एनडीए के पक्ष में बहुमत से वोट दिया। 

एनडीए की जीत के बाद सीएम आवास गए चिराग पासवान। (Photo Credit: PTI)

यह भी पढ़ें: वोटिंग खूब की लेकिन MLA कितनी बनीं? बिहार में महिलाएं कितनी कामयाब

कितनी सीटें जीत पाया महागठबंधन?

  • RJD: 25
  • कांग्रेस: 5
  • CPI ML L: 2
  • IIP: 1
  • CPI (M): 1 

क्या अफवाहें फैलाई गईं?

 नीतीश कुमार की आलोचना के केंद्र में उनकी योजनाओं और नीतियों से ज्यादा उनकी सेहत रही। राष्ट्रीय जनता दल के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार की मानसिक सेहत बिगड़ गई है, वह अजीब हरकतें कर रहे हैं। जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने कहा कि वह मानसिक तौर पर अस्थिर हो चुके हैं। दोनों नेताओं ने नीतीश कुमार की सेहत पर खूब चर्चा की लेकिन इनकी चुनावी सेहत खुद खराब हाल में पहुंच गईं। 

 तेजस्वी यादव, नेता विपक्ष, बिहार:-
एक प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस दयनीय स्थिति में देख आपको कैसा लग रहा है? क्या अजीब हरकतें करते माननीय मुख्यमंत्री जी, आपको मानसिक रूप से स्वस्थ दिखाई दे रहे हैं?

नीतीश कुमार के बारे में विपक्ष ने खराब सेहत का हवाला दिया, ज्यादा उम्र को लेकर तंज कसा, कार्यशैली पर सवाल उठाए। जिस नीतीश कुमार की सरकार को बिहार के लोगों ने 'सुशासन' कहा, वही सरकार 2023 से ही अलग-अलग आपराधिक गतिविधियों को न रोक पाने की वजह से विपक्ष के निशाने पर रही। कहा गया कि अब बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर कमान नीतीश कुमार नहीं संभाल पा रहे हैं, सब कुछ बीजेपी के इशारे पर हो रहा है। वह पहले की तरह सक्रिय रूप से फैसले नहीं ले पा रहे हैं।

यह भी पढ़ें: BJP से 14.64 लाख वोट ज्यादा मिले, फिर भी RJD की सीटें कम; कैसे हुआ ऐसा?

क्यों लगीं ऐसी अटकलें?

कई बार नीतीश कुमार के बयान, सार्वजनिक कार्यक्रमों में उनकी थकान या असहजता वायरल हुई है, जिसे विपक्ष ने चुनावी मुद्दे के तौर पर भुनाने की कोशिश की। उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर सवाल उठाया। प्रशांत किशोर और तेजस्वी यादव जैसे नेताओं ने उनके फैसलों और सार्वजनिक मंचों के क्रिया-कलापों को लेकर आलोचना की है। 

सम्राट चौधरी और नीतीश कुमार। (Photo Credit: PTI)

 

और कौन सी आलोचनाएं हुईं?

विपक्ष ने मुफ्त की योजनाओं को लेकर उन पर निशाना साधा। महिला रोजगार योजना के तहत चुनाव से ठीक पहले महिला वोटरों के खाते में 10-10 हजार रुपये सीधे भेजे गए, जिसे लेकर विपक्ष ने कहा कि यह वोट खरीदने की कोशिश है। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाए कि नीतीश कुमार की हर योजना, महागठबंधन के घोषणा पत्र से प्रभावित हैं, उन्हें एनडीए ने चोरी किया है।  तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि वह बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं, उन्हें अपमानित किया जा रहा है, मुख्यमंत्री पद लायक अब वह नहीं बचे हैं। बीजेपी उन्हें 2025 में मुख्यमंत्री नहीं बनने देगी, मुख्यमंत्री चेहरा कोई और होगा। 

क्या जमीन पर आलोचनाओं का असर हुआ?

नहीं। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने 2020 में सिर्फ 43 सीटों पर जीत हासिल की थी, इस बार 85 सीटों पर जीत दर्ज की है। नीतीश कुमार की आलोचनाएं बेअसर रहीं। लोगों ने नीतीश कुमार की शासन व्यवस्था पर मोहर लगाई, वह सत्ता में आए। नीतीश कुमार के बारे में विपक्ष ने कहा कि वह जीते तो मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। अमित शाह ने चुनाव से पहले कहा कि बिहार के जीते विधायक ही तय करेंगे कि सीएम कौन बनेगा, वह नहीं तय कर सकते हैं। बाद में नीतीश कुमार के दबदबे का असर ही था कि सम्राट चौधरी जैसे नेता को कहना पड़ा कि एनडीए का नेतृत्व नीतीश कुमार ही कर रहे हैं। 

कितने सक्रिय हैं नीतीश कुमार?

बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार सबसे बड़े सियासी चेहरे हैं। वह मुख्यमंत्री बन सकते हैं। उन्होंने 84 से ज्यादा जनसभाएं कीं, 85 सीटें आईं। उन्होंने एनडीए के खेमे के लिए प्रचार किया, जमीन पर नतीजे भी दिखे। बिहार के लोगों ने उनकी साफ-सुथरी छवि पर भरोसा जताया, उनकी सभाओं में खूब भीड़ हुई। महागठबंधन के पक्ष में लहर सोशल मीडिया पर तो दिखी लेकिन कांग्रेस, लेफ्ट, विकास शील इंसान पार्टी और आरजेडी जैसी पार्टियां मिलकर भी 35 से ज्यादा विधानसभा सीटें नहीं जीत सकीं।

बिहार में चुनाव प्रचार के दौारन एनडीए के नेता एक मंच पर। (Photo Credit: PTI)

आलोचनाओं के बाद भी क्यों बनेंगे मुख्यमंत्री?

बिहार में नीतीश कुमार के चेहरे पर सार्वजनिक सहमति है। लोक जनशक्ति पार्टी (RV) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का भी रुख नीतीश कुमार के प्रति नरम है। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार को ही सीएम होना चाहिए। जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा पहले ही नीतीश कुमार को सीएम बनाने की बात कह चुके हैं। अब फैसला बीजेपी को करना है। नीतीश कुमार मजबूत स्थिति में हैं, केंद्र में भी किंग मेकर की भूमिका में हैं। 

अगर नीतीश कुमार ने समर्थन वापस लिया तो केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार अल्पमत में भी आ सकती है। बिहार में मुख्यमंत्री वही होगा, जिसे नीतीश कुमार चाहेंगे। वह खुद संन्यास के मूड में भी नहीं हैं। एनडीए में उनके नाम पर सार्वजनिक सहमति है। बीजेपी भी नीतीश कुमार की नाराजगी मोल लेना नहीं चाहेगी। 

क्या होगा अगर नीतीश कुमार को नाराज करेगी बीजेपी?

केंद्र में लोकसभा सीटों की कुल सीटें 543 है। बहुमत के लिए 272 का आंकड़ा अनिवार्य है। बीजेपी अपने दम पर बहुमत के आंकड़ों से दूर है, पार्टी के पास सिर्फ 240 सीटें हैं। जेडीयू और टीडीपी की मदद से केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार है। अगर नीतीश कुमार अपना समर्थन वापस लेते हैं तो केंद्र में सरकार गिर सकती है। 


और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap