logo

ट्रेंडिंग:

मुनीर ने मांगे $10 हजार, इजरायल बोला- $100; क्या बिक रही है पाकिस्तानी आर्मी?

दावा किया जा रहा है कि गाजा में सैनिक तैनात करने के लिए पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने इजरायल से हर एक सैनिक के 10 हजार डॉलर की डिमांड की है।

pakistan army

प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

क्या पाकिस्तान की सेना बिक गई है? कुछ दिनों से इस तरह की चर्चाएं सोशल मीडिया पर खूब हो रही हैं। दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर अपनी सेना का सौदा कर रहे हैं। उन्होंने एक सैनिक का सौदा 10 हजार डॉलर में किया है लेकिन इजरायल का कहना है कि वह 100 डॉलर ही देगा। 


ये सारा माजरा क्या है? असल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'गाजा पीस प्लान' पर इजरायल और हमास दोनों राजी हो गए थे। इस प्लान के तहत एक स्पेशल फोर्स भी बनेगी, जो गाजा में तैनात होगी। इस फोर्स में पाकिस्तानी सैनिक भी होंगे। और इन्हीं सब के लिए यह पूरी सौदेबाजी हो रही है।


अब इसमें सौदेबाजी का खुलासा भी पाकिस्तान की मशहूर पत्रकार आस्मा शिराजी ने किया है। उन्होंने हाल ही में X पर एक पोस्ट लिखी थी, जिसमें दावा किया था कि असीम मुनीर पाकिस्तानी सैनिकों की सौदेबाजी कर रहे हैं।

 

यह भी पढ़ें-- टैरिफ घटा, कारोबार बढ़ेगा; ट्रंप-जिनपिंग की '100 मिनट की मीटिंग' की कहानी

क्या है पूरा मामला?

ट्रंप के 'गाजा पीस प्लान' के तहत एक अस्थायी फोर्स बननी है। इसे इंटरनेशनल स्टैब्लाइजेशन फोर्स (ISF) नाम दिया गया है।


यह फोर्स गाजा में तैनात होगी। इसका काम फिलिस्तीनी पुलिस को मिलिट्री वाली ट्रेनिंग देना है। इसके अलावा, यह फोर्स इजरायल और मिस्र के साथ भी मिलकर काम करेगी, ताकि बॉर्डर एरिया को सिक्योर किया जा सके। यह फोर्स गाजा में चरमपंथी गुटों को आने से रोकेगी, ताकि यहां रहने वालों की जिंदगी बेहतर हो सके।


इस पीस प्लान के तहत जो फोर्स बनेगी, उसमें अमेरिकी सैनिक नहीं होंगे। हालांकि, इसमें कई अरब देशों के सैनिक भी शामिल होंगे। पाकिस्तान भी इस फोर्स का हिस्सा होगा। बताया जा रहा है कि इस डील के तहत गाजा में पाकिस्तान अपने 20 हजार सैनिकों को तैनात करेगा।

 

यह भी पढ़ें-- ₹88 लाख करोड़... एलन मस्क के पैकेज को मिला अप्रूवल, अब करना होगा ये सब   

ये सौदेबाजी का मामला क्या है?

पाकिस्तानी सैनिकों की इस सौदेबाजी का खुलासा पाकिस्तान की पत्रकार आस्मा शिराजी ने किया था। आस्मा शिराजी मशहूर पत्रकार हैं और जियो टीवी और समा टीवी जैसे कई बड़े चैनलों में काम कर चुकी हैं।


आस्मा शिराजी ने खुलासा किया था कि नए-नए फील्ड मार्शल बने पाकिस्तानी आर्मी के चीफ जनरल असीम मुनीर मिस्र के दौरे पर गए थे। यहां उन्होंने इजरायली और अमेरिकी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों के साथ एक सीक्रेट मीटिंग की थी।

 

 

उन्होंने बताया था कि इस मीटिंग में असीम मुनीर ने गाजा में एक पाकिस्तानी सैनिक को तैनात करने के लिए 10 हजार डॉलर (लगभग 9 लाख रुपये) की मांग की है। हालांकि, इजरायल ने मुनीर की इस डिमांड को खारिज कर दिया। इसके बदले इजरायल ने एक पाकिस्तानी सैनिक की तैनाती पर 100 डॉलर (लगभग 9 हजार रुपये) का ऑफर दिया है। 


अगर आस्मा शिराजी की पोस्ट पर यकीन किया जाए तो यह पाकिस्तान की खुद को 'मुस्लिमों का रक्षक' बताने वाले दावे की पोल खोलता है। उन्होंने एक सैनिक के लिए 10 हजार डॉलर मांगे हैं। यानी 20 हजार सैनिकों के लिए कुल 20 करोड़ डॉलर। इससे यह भी पता चलता है कि पाकिस्तान की सेना शांति के बजाय सिर्फ अपना फायदा देखती है।

 

यह भी पढ़ें-- 1.5 लाख लोगों की हत्या, 40 लाख ने देश छोड़ा, सूडान में क्या चल रहा?

पहले भी कर चुका है ऐसा

जानकारों का मानना है कि सैनिकों की तैनाती के बदले में हजारों डॉलर की डिमांड करने की बात को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता। क्योंकि पाकिस्तान पहले भी ऐसा कर चुका है।


पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का साथ देने के लिए उससे अरबों डॉलर लिए थे। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन युद्धों में मदद करने के बदले में पाकिस्तान को अमेरिका से लगभग 5 अरब डॉलर की मदद मिली थी।


इसी तरह, 2022 के फीफा वर्ल्ड कप के लिए कतर ने सुरक्षा के लिए पाकिस्तान से सैनिकों की तैनाती करने की मांग की थी। इसके बदले में कतर ने पाकिस्तान में लगभग 2 अरब डॉलर का निवेश करने का वादा किया था।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap