दुबई एयर शो 2025 में रूस ने भारत को पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट Su-57 देने का बड़ा प्रस्ताव दिया है। रूस ने कहा है कि वह भारत की हर मांग मानने को तैयार है और बिना किसी पाबंदी के पूरी तकनीक हस्तांतरण (टेक्नोलॉजी ट्रांसफर) करेगा।
रूसी रक्षा कंपनी रोस्टेक के सीईओ सर्गेई चेमेज़ोव ने कहा, 'भारत और रूस कई दशकों से साथ हैं। जब भारत पर पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगाए थे, तब भी हमने हथियार दिए ताकि भारत सुरक्षित रहे। आज भी हमारी नीति वही है – भारत को जो चाहिए, हम देने को तैयार हैं।'
रूस की संयुक्त विमान निगम (UAC) के महानिदेशक वादिम बादेखा ने बताया कि भारत ने Su-57 को लेकर जो तकनीकी मांगें रखी हैं, उन सबको रूस ने स्वीकार कर लिया है। दोनों देशों के अधिकारी लगातार बातचीत कर रहे हैं।
रूस क्या-क्या दे रहा है?
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Su-57 को रूस में बनाकर देना या भारत में धीरे-धीरे उत्पादन शुरू करना
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इंजन, AESA रडार, ऑप्टिक्स, AI तकनीक, स्टील्थ तकनीक और हवा से हवा में मार करने वाले हथियारों की पूरी तकनीक भारत को देना
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भारत में इनके पुर्ज़े बनाने की पूरी छूट
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दो सीट वाला (टू-सीटर) Su-57 भी साथ में विकसित करने का प्रस्ताव
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भविष्य में सॉफ्टवेयर और सिस्टम अपग्रेड करने की सुविधा
खास बात यह है कि इस डील से भारत को विदेशी प्रतिबंधों की कोई चिंता नहीं रहेगी, क्योंकि सारे महत्वपूर्ण पार्ट्स भारत में ही बन सकेंगे।
60 साल पुराना भरोसेमंद रिश्ता
रूस ने इसे दोनों देशों के 60 साल से ज्यादा पुराने रक्षा सहयोग का हिस्सा बताया और कहा कि हमारा तकनीक हस्तांतरण हमेशा पारदर्शी और भरोसेमंद रहा है। यह प्रस्ताव अगले महीने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से ठीक पहले आया है। हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर मॉस्को गए थे और पुतिन व विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिले थे। वहीं 18 नवंबर को पुतिन के सहयोगी निकोलाई पात्रुशेव दिल्ली आए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समुद्री सहयोग, जहाज़ निर्माण और ब्लू इकॉनमी पर बात की।