प्रवर्तन निदेशालय (ED) को फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी की 13 दिन की कस्टडी मिल गई है। जवाद अहम सिद्दीकी 1 दिसंबर तक ED की कस्टडी में रहेंगे। अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी के बाद मंगलवार रात सिद्दीकी को ED ने गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें बुधवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 13 दिन की कस्टडी में भेज दिया गया।
बुधवार को जब सिद्दीकी को अदालत में पेश किया गया तो ED ने आरोप लगाया कि अल-फलाह ट्रस्ट और यूनिवर्सिटी ने झूठे और भ्रामक दावे कर कम से कम 415 करोड़ रुपये की कमाई की थी। ED ने इसे 'प्रोसिड्स ऑफ क्राइम' बताया है। यानी अल-फलाह ट्रस्ट ने 415 करोड़ रुपये आपराधिक तरीके से कमाई की।
लाल किला ब्लास्ट के बाद से अल-फलाह यूनिवर्सिटी केंद्र में आ गई है। फरीदाबाद की इस यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉ. मुजम्मिल गनई और डॉ. शाहीन सईद को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। लाल किला के बाहर जिस ह्युंडई i20 कार में ब्लास्ट हुआ था, उसे डॉ. उमर मोहम्मद चला रहा था। डॉ. उमर भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा था। वह डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन के साथ भी जुड़ा हुआ था।
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ दो FIR दर्ज की हैं। इसी आधार पर 14 नवंबर को ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया था।
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7 साल में 415 करोड़ कमा लिए!
ED ने बुधवार को अदालत में बताया कि उसने अल-फलाह ट्रस्ट के 2014-15 से 2024-25 तक दाखिल ITR का एनालिसिस किया है। इससे पता चला है कि ट्रस्ट ने 2014-15 में 30.89 करोड़ रुपये और 2015-16 में 29.48 करोड़ रुपये की कमाई थी। ट्रस्ट ने इसे 'वॉलेंटियरी कंट्रीब्यूशन' बताया था।
आगे ED ने कहा कि 2016-17 के बाद से ट्रस्ट की कमाई खूब बढ़ी और इसे 'शैक्षणिक आय' बताया। ED ने बताया कि अल-फलाह ट्रस्ट को 2018-19 में 24.21 करोड़, 2019-20 में 41.97 करोड़, 2020-21 में 55.49 करोड़, 2021-22 में 55.15 करोड़, 2022-23 में 89.28 करोड़, 2023-24 में 68.87 करोड़ और 2024-25 में 80.10 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। इसका मतलब हुआ कि सिर्फ 7 साल ही में ट्रस्ट ने 415 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाए।
ED ने आरोप लगाया कि जिन सालों में यूनिवर्सिटी के पास मान्यता नहीं थी, उस दौरान कुल 415.10 करोड़ रुपये की कमाई हुई। ED ने अदालत को बताया कि सिद्दीकी का अल-फलाह ट्रस्ट पर पूरा नियंत्रण था। ED ने यह भी कहा कि अपराध से हुई कमाई का यह केवल एक हिस्सा है।
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ED ने क्यों मांगी कस्टडी?
अदालत में सिद्दीकी की कस्टडी मांगते हुए ED ने कई दलीलें रखीं। ED ने कहा कि फीस स्ट्रक्चर, डोनेशन, फंड फ्लो और अवैध कमाई से बनाई गई किसी भी बेनामी संपत्ति का पता लगाने के लिए आरोपी की कस्टडी जरूरी है।
ED ने कहा कि सिद्दीकी का अल-फलाह ट्रस्ट पर नियंत्रण है और वह जांच को बाधित करने के लिए पैसे को डायवर्ट कर सकता है या हेराफेरी कर सकता है। ED ने कहा कि परिवार के सदस्यों और सहयोगियों की भूमिका तय करने के लिए हिरासत में पूछताछ करना जरूरी है।
जांच एजेंसी ने कहा कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मैकेनिज्म में परिवार के सदस्य और सहयोगिय ट्रस्ट्री और डायरेक्टर हैं लेकिन सबूत बताते हैं कि 'कंट्रोलिंग माइंड' सिद्दीकी ही था।
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छापेमारी में 48 लाख की जब्ती की थी
मंगलवार को ED ने अल-फलाह ट्रस्ट से जुड़े 19 ठिकानों पर छापा मारा था। यह छापेमारी दिल्ली-एनसीआर में हुई थी। इस दौरान ED ने 48 लाख रुपये की नकदी जब्त की थी।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने भी FIR दर्ज की है। FIR में आरोप है कि यूनिवर्सिटी ने NAAC मान्यता का झूठा और भ्रामक दावा करते माता-पिता और बच्चों को ठगने की कोशिश की।
एक दूसरी FIR में यह आरोप लगाया है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने UGC ऐक्ट की धारा 12(B) के तहत मान्यता का झूठा दावा किया, ताकि माता-पिता, छात्रों और लोगों को धोखा देकर अनुचित लाभ कमाया जा सके।