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'सुसाइड बॉम्बिंग शहादत है', आतंकी उमर ने आखिरी वीडियो में क्या-क्या कहा?

दिल्ली ब्लास्ट के लिए जिम्मेदार डॉ. उमर का एक वीडियो का सामने आया जिसमें वह सीधे तौर पर सुसाइड बॉम्बिंग की पैरवी करता दिखाई दे रहा है।

Dr. Umar

डॉ. उमर, Photo Credit- Social Media

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दिल्ली में लाल किला के पास हुए बम धमाके में जांच एजेंसियों की पड़ताल जारी है। इस दौरान सुरक्षा एजेंसी ने कई लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए लोगों में डॉक्टरों की संख्या ज्यादा है। धमाके में शामिल आतंकी डॉ. उमर की बम धमाके में मौत हो गई थी। उमर का एक नया वीडियो सामने आया है जिसमें वह सीधे तौर पर सुसाइड बॉम्बिंग की पैरवी करता दिखाई दे रहा है। उसका कहना है कि लोगों ने सुसाइड बॉम्बिंग को गलत समझा है, असल में यह शहादत है।

 

सूत्रों की मानें तो डॉ. उमर ने धमाके से पहले खुद इस वीडियो को रिकॉर्ड किया था। इस पूरे वीडियो को उसने अंग्रेजी में रिकॉर्ड किया है। इसमें वह सुसाइड बॉम्बिंग को शहादत का नाम देते नजर आ रहा है।

 

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आतंकी उमर का बयान

उमर का दावा है कि सुसाइड बॉम्बिंग के खिलाफ कई तर्क और विरोधाभास हैं। शहादत को इस तरह से बताया जाता है जब कोई यह मान लें कि उसकी मृत्यु किसी विशेष समय या जगह पर होगी तो वह मृत्यु के स्वाभाविक धारणा के खिलाफ काम करता है।

 

इस वीडियो में उसने कहा, 'आत्मघाती बम विस्फोट के खिलाफ कई तर्क मौजूद है। शहादत अभियान को इस तरह से परिभाषित करते हैं कि जब कोई व्यक्ति यह मान लें कि उसकी मृत्यु किसी विशिष्ट स्थान, समय पर निश्चित रूप से होगी, वह उस धारणा के विरुद्ध जाता है कि कोई विशिष्ट व्यक्ति मरने वाला है। वह किसी विशिष्ट परिस्थिति में मरने वाला है।' उसका कहना है कि इस्लाम में इसे शहादत कहा जाता है।

ब्रेनवॉश करने के लिए वीडियो बनाया

लाल किले में हुए विस्फोट की जांच कर रहे अधिकारियों का मानना है कि 10 नवंबर का विस्फोट अचानक हुआ था। डॉ. उमर ने एक बड़े लेवल की आत्मघाती बम विस्फोट करने की योजना बनाई थी। जांचकर्ताओं का मानना है कि लाल किला विस्फोट की योजना बनाने वाले कट्टरपंथी सदस्य उमर ने लोगों का ब्रेनवाश करने के लिए यह वीडियो बनाया है।

 

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लाल किला बम धमाके में कम से कम 14 लोगों की मौत और 20 से ज्यादा घायल हो गए। विस्फोट की तीव्रता से दुकानों के सामने के हिस्से चकनाचूर हो गए। जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े इस मॉड्यूल में करीब 9 से 10 लोग थे जिसमें से 5-6 डॉक्टर भी शामिल थे। ये डॉ. अल फलाल यूनिवर्सिटी में काम करते थे।

 

डॉ. उमर मूल रूप से पुलवामा के कोइल गांव का रहने वाला था। पुलिस के अनुसार वह 9 नवंबर को फरीदाबाद में छापेमारी के बाद लापता हो गया था। इसके बाद एक घर से छापेमारी में 2,900 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ था। ऐसा माना जाता है कि वह धौज गांव के पास कहीं छिप गया था और उसने पांच फोन बंद कर दिए थे।

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