logo

ट्रेंडिंग:

ED का PFI पर बड़ा एक्शन, 67 करोड़ की 8 संपत्तियां की कुर्क

प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने केरल के विभिन्न जिलों में मौजूद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की 8 अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया है। इनका मूल्य 67 करोड़ रुपये से अधिक है।

PFI Property.

पीएफआई पर ईडी का एक्शन। (Photo Credit: ED Press Note)

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा एक्शन लिया है। केंद्रीय एजेंसी ने पीएफआई की करीब 67.03 करोड़ रुपये की आठ अचल संपत्तियों को कुर्क किया है। यह सभी संपत्तियां पीएफआई के कई ट्रस्टों और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के नाम पर थीं। 

 

ईडी ने इससे पहले पीएफआई की करीब 61.98 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति कुर्क की थी। अगर अभी की 67.03 करोड़ रुपये की संपत्ति मिला दे तो ईडी कुल 129 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी कुर्क कर चुकी है। 

इन संपत्तियों को ईडी ने किया कुर्क?

  • ग्रीन वैली फाउंडेशन
  • अलप्पुझा सामाजिक सांस्कृतिक एवं शिक्षा ट्रस्ट
  • पंडलम शैक्षिक एवं सांस्कृतिक ट्रस्ट (पथानामथिट्टा)
  • इस्लामिक सेंटर ट्रस्ट (वायनाड)
  • हरिथम फाउंडेशन (मलप्पुरम)
  • पेरियार वैली चैरिटेबल ट्रस्ट (अलुवा)
  • वल्लुवुनाड ट्रस्ट (पलक्कड़)
  • सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया की त्रिवेंद्रम में जमीन

यह भी पढ़ें: हसीन जहां ने शमी से क्यों मांगा 10 लाख महीना, सुप्रीम कोर्ट में क्या तर्क दिया?

देश-विदेश से जुटाया धन: ईडी

ईडी ने अपने प्रेस नोट में बताया कि जांच से पता चला कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के पदाधिकारी, सदस्य और कार्यकर्ता देशभर में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने और उन्हें फंडिंग करने के उद्देश्य से बैंकिंग चैनलों, हवाला और दान के जरिये देश-विदेश से धन जुटाने की साजिश रच रहे थे।

 

 

'एसडीपीआई सिर्फ मुखौटा'

जांच में यह भी सामने आया है कि एसडीपीआई यानी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया पीएफआई का सियासी मुखौटा है। असल में पीएफआई ही एसडीपीआई की फंडिंग, निगरानी और नियंत्रण का काम देखता हैएसडीपीआई और पीएफआई ने खाड़ी देशों से सामाजिक गतिविधियों और राहत के नाम पर बड़े पैमाने पर धुन जुटाया। 

 

यह भी पढ़ें: 2020 के पहले चरण में NDA पर भारी था महागठबंधन, इस बार क्या उम्मीद है?

'देश की एकता को पीएफआई से खतरा'

ईडी का दावा है कि इस पैसे का इस्तेमाल देश में हिंसक और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम के उद्देश्य से आपराधिक साजिश को रचने में किया गया। ईडी ने बताया कि संगठन का लक्ष्य भारत को एक इस्लामी देश बनाना था। उसके इस इरादे से देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने और एकता-अखंडता को नुकसान पहुंचा। ईडी के मुताबिक अभी तक पीएफआई की करीब 131 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ है। 

कैसे पैदा हुआ पीएफआई?

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एफआईआर के बाद ईडी ने साल 2022 में पीएफआई के खिलाफ जांच शुरू की थी। अब तक पीएफआई से जुड़े आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ईडी ने दावा किया की जांच में पता चला है कि पीएफआई से जुड़े लोग पहले जमात-ए-इस्लामी की छात्र शाखा स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सदस्य थे। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जमात-ए-इस्लामी की संपत्तियों को यूएपीए के तहत जब्त कर लिया गया था। जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगने के बाद नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (एनडीएफ) से जुड़े लोगों ने पूरे केरल में विभिन्न ट्रस्टों का गठन किया और पीएफआई के नाम पर संपत्तियां पंजीकृत करवाईं।

 

 

 

 

Related Topic:

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap