भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई है। पाकिस्तान ने अयोध्या के राम मंदिर में हाल ही में हुए झंडा फहराने के कार्यक्रम पर आपत्ति जताई थी। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वाले पाकिस्तान को दूसरों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने का कोई हक नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, 'पाकिस्तान का अल्पसंख्यकों के साथ बुरे बर्ताव और धार्मिक कट्टरता का लंबा इतिहास है। ऐसे देश को दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।' उन्होंने आगे कहा, 'पाकिस्तान को चाहिए कि वह खोखले और पाखंड से भरे उपदेश देने की बजाय अपने अंदर झांके और अपने मानवाधिकार रिकॉर्ड पर ध्यान दे।'
यह भी पढ़ें- जूता कांड, बुलडोजर और राजनीतिक दबाव..., पूर्व CJI गवई ने क्या-क्या बताया?
पाकिस्तान ने क्या कहा था?
पाकिस्तान ने दावा किया था कि राम मंदिर में झंडा फहराना धार्मिक अल्पसंख्यकों पर दबाव बढ़ाने और मुस्लिम विरासत को मिटाने की कोशिश है। भारत ने इस बयान को पूरी तरह खारिज कर दिया।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर ‘धर्म ध्वज’ फहराया था। इसे 'ध्वजारोहण उत्सव' कहा गया। इसी के साथ राम मंदिर के निर्माण कार्य को पूर्ण मान लिया गया।
यह भी पढ़ें- नेली नरसंहार: 1983 में क्या हुआ था जिसकी फाइल अब निकाल लाई असम सरकार?
क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराना उनके लिए बहुत भावुक पल था। उन्होंने कहा, 'यह ध्वज हमें याद दिलाएगा कि प्राण जाय पर वचन न जाई। जो कहा जाए, वही किया जाए।' इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे।