राम मंदिर पर लहराई 'धर्मध्वजा', PM मोदी बोले- 'सदियों के घाव आज भरे'
अयोध्या में राम मंदिर अब पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है। मंगलवार को पीएम मोदी ने राम मंदिर के शिखर पर धर्मध्वजा फहराई। पीएम मोदी ने कहा कि आज सदियों के घाव भर गए हैं।

पीएम मोदी ने किया ध्वजारोहण। (Photo Credit: PTI)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर वैदिक मंत्रोच्चार और 'जय श्री राम' के नारों की गूंज के बीच भगवा ध्वज फहराया। इसके साथ ही मंदिर का निर्माण औपचारिक रूप से पूरा हो गया है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अनुसार ध्वज पर भगवान श्री राम की प्रतिभा और वीरता का प्रतीक चमकते सूर्य की तस्वीर है। इस पर कोविदार वृक्ष की तस्वीर के साथ ओम लिखा है। ट्रस्ट का कहना है कि भगवा ध्वज रामराज्य के आदर्शों को दिखाते हुए गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देगा।'
ध्वजारोहण के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। इस दौरान मोहन भागवत ने कहा, 'आज हम सभी के लिए एक अच्छा दिन है; बहुत से लोगों ने इसका सपना देखा, इसके लिए अपनी जान दी, आज उनकी आत्मा को शांति मिली।' वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'आज सभी भारतीयों के लिए आत्म-गौरव और राष्ट्रीय गौरव का दिन है।'
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पूरा हुआ राम मंदिर का निर्माण
शिखर पर ध्वजारोहण के साथ ही राम मंदिर का निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है। अयोध्या में 5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने भूमि पूजन किया था। इसके बाद 22 जनवरी 2024 को मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि इस समारोह के साथ राम मंदिर का निर्माण औपचारिक रूप से पूरा हो गया।
उन्होंने कहा कि यह ध्वज पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर शैली में बने शिखर पर फहराया गया, जबकि मंदिर के चारों ओर बना 800 मीटर का परकोटा मंदिर की शिल्पविविधता को दिखाता है। उन्होंने बताया कि यह ध्वज भगवा रंग का है, जिसकी चौड़ाई 10 फुट और लंबाई 20 फुट है और यह तिकोने आकार का है। उन्होंने कहा कि इस पर 'सूर्य', 'ओम' और 'कोविदार वृक्ष' के चिह्न बने हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर भगवान श्रीराम और मां सीता की 'विवाह पंचमी' के अभिजीत मुहूर्त पर तिकोने झंडे का आरोहण किया।
अयोध्या में जो राम मंदिर बना है, उसके परिसर में मुख्य मंदिर की बाहरी दीवारों पर वाल्मीकि रामायण पर आधारित भगवान श्री राम के जीवन से जुड़े 87 प्रसंग बारीकी से पत्थरों पर उकेरे गए हैं। घेरे की दीवारों पर भारतीय संस्कृति से जुड़े 79 कांस्य-ढाल वाले प्रसंग अंकित हैं।
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मोदी बोले- सदियों के घाव आज भरे
ध्वजारोहण के बाद पीएम मोदी सप्त मंदिर पहुंचे और महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुह और माता शबरी मंदिर में भी शीश झुकाए। मोदी ने मां अन्नपूर्णा के भी दर्शन किए। उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में पहुंचकर भगवान राम लला की आरती और पूजन किया।
इसके बाद पीएम मोदी ने 'सियावर रामचंद्र की जय' के नारे के साथ अपने भाषण की शुरुआत की। पीएम मोदी ने कहा, 'सदियों के घाव आज भर रहे हैं। सदियों की वेदना आज विराम पा रही है। सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है। आज उस यज्ञ की पूर्णाहुति है, जिसकी अग्नि 500 वर्ष तक प्रज्वलित रही, जो यज्ञ एक पल भी आस्था से डिगा नहीं, एक पल भी विश्वास से टूटा नहीं।'
उन्होंने कहा, 'आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और उत्कर्ष-बिंदु की साक्षी बन रही है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर ध्वजारोहण उत्सव का यह क्षण अद्वितीय और अलौकिक है। अयोध्या अपने इतिहास में एक और अहम घटना देख रही है; पूरा देश, दुनिया भगवान राम में डूबी हुई है।'
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पीएम मोदी ने कहा, 'यह धर्मध्वजा केवल एक ध्वजा नहीं, ये भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है। इसका भगवा रंग, इसपर रचित सूर्यवंश की ख्याति, वर्णित ओम शब्द और अंकित कोविदार वृक्ष रामराज्य की कीर्ति को प्रतिरूपित करता है।'
उन्होंने कहा, 'यह ध्वज...संकल्प है, सफलता है। यह ध्वज... संघर्ष से सृजन की गाथा है, सदियों से चले आ रहे स्वप्नों का साकार स्वरूप है। यह ध्वज...संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणीति है।'
उन्होंने आगे कहा, 'यह धर्मध्वज प्रेरणा बनेगा कि प्राण जाए, पर वचन न जाए अर्थात जो कहा जाए, वही किया जाए। यह धर्मध्वज संदेश देगा - कर्मप्रधान विश्व रचि राखा अर्थात विश्व में कर्म और कर्तव्य की प्रधानता हो। यह धर्मध्वज कामना करेगा - बैर न बिग्रह आस न त्रासा, सुखमय ताहि सदा सब आसा यानी भेदभाव, पीड़ा, परेशानी से मुक्ति और समाज में शांति एवं सुख हो।'
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पीएम मोदी बोले- झूठ पर सत्य की जीत हुई
पीएम मोदी ने कहा कि 'यह पवित्र ध्वज इस बात का सबूत होगा कि आखिर में झूठ पर सत्य की जीत होती है।'
उन्होंने कहा, 'मुझे बहुत खुशी है कि राम मंदिर का यह दिव्य प्रांगण भारत के सामूहिक सामर्थ्य की भी चेतना स्थली बन रहा है। यहां सप्त मंदिर बने हैं। यहां माता शबरी का मंदिर बना है, जो जनजातीय समाज के प्रेमभाव और आतिथ्य की प्रतिमूर्ति है। यहां निषादराज का मंदिर बना है, ये उस मित्रता का साक्षी है, जो साधन नहीं, साध्य को और उसकी भावना को पूजती है।'
उन्होंने कहा, 'यहां एक ही स्थान पर माता अहिल्या है, महर्षि वाल्मीकि हैं, महर्षि वशिष्ठ हैं, महर्षि विश्वामित्र हैं, महर्षि अगस्त्य हैं और संत तुलसीदास हैं। रामलला के साथ-साथ इन सभी ऋषियों के दर्शन भी यहीं पर होते हैं। यहां जटायु जी और गिलहरी की मूर्तियां भी हैं। जो बड़े संकल्पों की सिद्धि के लिए हर छोटे से छोटे प्रयास के महत्व को दिखाती हैं।'
पीएम मोदी ने कहा, 'हम सब जानते हैं कि हमारे राम भेद से नहीं भाव से जुड़ते हैं। उनके लिए व्यक्ति का कुल नहीं, उसकी भक्ति महत्वपूर्ण है। उन्हें वंश नहीं, मूल्य प्रिय है। उन्हें शक्ति नहीं, सहयोग महान लगता है। आज हम भी उसी भावना से आगे बढ़ रहे हैं।'
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उन्होंने कहा कि 'मैं इस खास मौके पर राम भक्तों को बधाई देता हूं, उन सभी को बधाई देता हूं जिन्होंने राम मंदिर निर्माण में दान दिया या किसी भी तरह से मदद की।'
पीएम मोदी ने कहा कि 'हम सब जानते हैं कि हमारे राम भेद से नहीं भाव से जुड़ते हैं। उनके लिए व्यक्ति का कुल नहीं, उसकी भक्ति महत्वपूर्ण है। उन्हें वंश नहीं, मूल्य प्रिय है। उन्हें शक्ति नहीं, सहयोग महान लगता है। आज हम भी उसी भावना से आगे बढ़ रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि 'आज अयोध्या फिर से वह नगरी बन रही है, जो दुनिया के लिए उदाहरण बनेगी। त्रेता युग की अयोध्या ने मानवता को नीति दी। 21वीं सदी की अयोध्या मानवता को विकास का नया मॉडल दे रही है। तब अयोध्या मर्यादा का केंद्र थी। अब अयोध्या विकसित भारत का मेरुदंड बनकर उभर रही है।'
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