मौसम विभाग की मानें तो उत्तर भआरत और मध्य भारत में ठंड का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। 16 और 17 नवंभर को कई इलाकों में शीतलहर चलने की संभावना है। उत्तर और मध्य भारत में ठंड बढ़ गई है और कोहरे की चादर भी दिखाई दे रही है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। नवंबर के महीने में बढ़ती इस ठंड ने दिसंबर और जनवरी के महीने में और ज्यादा ठंड होने की आशंका को बढ़ा दिया है। वहीं, जानकारों का मानना है कि इस साल सर्दी ज्यादा असर दिखा सकती है और लंबे समय तक रह सकती है। इस साल ला-नीला के कारण लंबे समय तक ठंड का असर दिख सकता है।
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी ठंड नए रिकॉर्ड बना रही है। कई जगहों पर तापमान माइनस में दर्ज किया गया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले दिनों में मौसम साफ रहेगा लेकिन रात के समय ठंड ज्यदा हो सकती है। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में सबसे ज्यादा 28.2 डिग्री तापमान शनिवार को दर्ज किया गया। वहीं, उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भी ठंड बढ़ गई है। रात के समय ठंड बहुत ज्यादा होती है और दिन में हल्की धूप से राहत मिलती है।
अगर हम आज के मौसम की बात करें तो आज मौसम विभाग ने कई राज्यों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, थत्तीसगढ़, झारखंड और महाराष्ट्र के कई जिलों में शीतलहर चलेगी। इसके साथ ही मौसम विभाग ने दक्षिण भारत के राज्यों में बारिश का अलर्ट भी जारी किया है। वहीं, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी राजस्थान और उत्तराखंड में अभी कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। पूर्वोत्तर भारत में तापमान कम हो रहा है लेकिन शीत लहर की संभावना नहीं है।
क्या है ला नीना?
ला नीना पूरी दुनिया के मौसम और जलवायु पर असर डालता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह भूमध्य सागक से उठने वाले बर्फीले तूफान को मजबूत बनाता है। यह हवा प्रशांत महासागर के गर्म सतही पानी को धकेलती है, जिससे मौसम में परिवर्तन होता है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि भारत में ला नीना का सबसे ज्यादा असर जनवरी 2026 में दिखेगा और यह असर मार्च तक बना रहेगा। इसका मतलब है इस साल ज्यादा लंबे समय तक सर्दी रह सकती है और वसंत देर से आएगा। ली नीना के कारण पूर्व और उत्तरी भारत में ज्यादा ठंड पड़ सकती है। ला-नीना के कारण उत्तर भआरत में पश्चमि विक्षोभ की ज्यादा संभआवना होती है और उन क्षेत्रों में ज्यादा बारिश और बर्फबारी होती है।
लंबे समय तक रहेगी सर्दी
आम तौर पर मानसून के दौरान ला-नीना अधिक वर्षा लाता है और सर्दियों में यह ठंडी हवाओं को और भी ज्यादा तेज कर देता है। इसके अलावा यह बारिश और बर्फबारी का कारण भी बनता है। मौसम एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस बार सर्दी जल्दी शुरू हो गई है और इसका असर लेट तक रहेगा। अनुमान है कि इस साल फरवरी के अंत तक सर्दी का असर देखने को मिल सकता है।
एक ओर उत्तर भारत में ठंड बढ़ गई हैं वहीं दूसरी ओर दक्षिण भारत में अभी भी बारिश का दौर जारी है। दक्षिण भारत में पूर्वोत्तर मानसून सक्रिय है, जिसके कारण बारिश का दौर जारी है। श्रीलंका के दक्षिणी क्षेत्र और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर बना ऊपरी हवाओं का चक्रवाती प्रसार तथा बांग्लादेश के आसपास मौजूद दूसरा चक्रवात नमी के परिवहन को बढ़ा रहे हैं, जिसके कारण भारी बारिश की परिस्थितियां बन रही हैं। आने वाले दिनों में तमिलनाडु और केरल में भारी बारिश की आशंका है, जबकि तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय कर्नाटक और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश देखी जा सकती है।