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कौन है 17 साल से लापता मुजाहिदीन का मिर्जा शादाब बेग? दिल्ली केस से जुड़ा नाम

मिर्जा शादाब बेग मूल रूप से आजमगढ़ का रहने वाला है। इंडियन मुजाहिदीन में वह नए लड़कों की भर्ती करता है, उसने अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से पढ़ाई की है।

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अल फलाह यूनिवर्सिटी। Photo Credit- PTI

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दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेल नंबर एक पास हुए बम ब्लास्ट को लेकर देश की केंद्रीय एजेंसियां युद्धस्तर पर जांच कर रही हैं। इसी सिलसिले में दिल्ली ब्लास्ट में मिर्जा शादाब बेग का नाम जुड़ा है। मिर्जा शादाब बेग इंडियन मुजाहिदीन का एक ऑपरेटिव है, जो साल 2008 से ही लापता है। इसकी एजेंसियों को काफी समय से तलाश है।

 

मगर अब, मिर्जा शादाब बेग फिर से एजेंसियों के रडार पर है। जांचकर्ताओं को शादाब और दिल्ली लाल किला ब्लास्ट केस के बीच लिंक मिले हैं। अधिकारियों का कहना है कि हाल ही में सामने आए जैश-ए-मोहम्मद के 'व्हाइट कॉलर मॉड्यूल' ने आजमगढ़ इंडियन मुजाहिदीन नेटवर्क का डर भी वापस ला दिया है। डर है कि दिल्ली ब्लास्ट में आजमगढ़ मुजाहिदीन नेटवर्क शामिल हो। यह नेटवर्क 2008 के बटला हाउस एनकाउंटर के दौरान भी सामने आया था।

आजमगढ़ का रहने वाला है बेग

अधिकारियों ने बताया है कि मिर्जा शादाब बेग मूल रूप से आजमगढ़ का रहने वाला है। इंडियन मुजाहिदीन में वह नए लड़कों की भर्ती करता है, उसने अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से पढ़ाई की है। शादाब मिर्जा ने 2007 में अल-फलाह से इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन में BTech किया था। पढ़ाई पूरी करने के बाद शादाब अपने असली पासपोर्ट पर यात्रा करते हुए एकदम से गायब हो गया।

 

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1 लाख का इनाम, कई केसों में वॉन्टेड

एक अधिकारी ने बताया कि मिर्जा शादाब बेग 19 सितंबर, 2008 को बटला हाउस एनकाउंटर के दिन से ही लापता है। अधिकारी ने बताया कि शादाब बेग पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित है। वह भारत में हुए कई बम धमाकों में वॉन्टेड है। 2008 जयपुर सीरियल ब्लास्ट, अहमदाबाद-सूरत बम धमाके और 2007 गोरखपुर धमाके में वह शामिल रहा है।

 

2008 में जयपुर बम धमाकों में जयपुर में अलग-अलग जगहों पर 15 मिनट के अंदर नौ धमाके हुए थे। ऑफिशियल रिपोर्ट में 63 मौतें और 216 से ज्यादा घायल हो गए थे। शादाब बेग पर एक्सप्लोसिव खरीदने और इंडियन मुजाहिदीन मॉड्यूल की मदद करने का आरोप है।

 

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अधिकारी ने क्या कहा?

अधिकारी ने कहा, 'इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक, शादाब बेग ने एक्सप्लोसिव स्पेशलिस्ट के तौर पर काम किया है। उसने जयपुर हमले के लिए कर्नाटक के उडुपी से डेटोनेटर और बॉल बेयरिंग मंगाए और इंडियन मुजाहिदीन के फाउंडर रियाज और यासीन भटकल की मदद की। गुजरात धमाकों में, उसने जासूसी की, एक्सप्लोसिव तैयार किए और नए लोगों को ट्रेनिंग दी थी। 2007 के गोरखपुर सीरियल धमाकों में उसका नाम सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने पहले उसकी प्रॉपर्टी अटैच की थी। खबर है कि बेग को आखिरी बार 2019 में अफगानिस्तान में देखा गया था।'

अल-फलाह पर कसता जा रहा शिकंजा

हरियाणा के फरीदाबाद जिले में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी कथित तौर पर व्हाइट कॉलर मॉड्यूल और मुजाहिदीन मॉड्यूल मॉड्यूल को एक साथ जोड़ रहा है। क्योंकि लाल किला ब्लास्ट मामले में जो आरोपी गिरफ्तार हुए हैं उनका संबंध जैश-ए-मोहम्मद से है। वहीं, शादाब मिर्जा बेग मुजाहिदीन मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है।

 


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