समाजवादी पार्टी (SP) के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को इंडिया टुडे पर छपी एक खबर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नोएडा और लखनऊ के अलावा यूपी के कई जिलों में सपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। सपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि खबर के माध्यम से दिवंगत मुलायम सिंह यादव का अपमान किया गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सोशल मीडिया पर दो लंबी चौड़ी पोस्ट के माध्यम से रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है। हालांकि उन्होंने संस्थान के नाम का उल्लेख नहीं किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सपा कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में लखनऊ और नोएडा स्थित इंडिया टुडे के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। भारी संख्या में तैनात पुलिसबल ने कड़ी मशक्कत के बाद सपाइयों को समझा-बुझाकर मामला शांत करवाया। यूपी में कई जगह सपा कार्यकर्ताओं ने मैगजीन की प्रतियां जलाकर अपने गुस्से का इजहार किया और माफी मांगने की मांग की।
यह भी पढ़ें: नीतीश थे और नीतीश ही रहेंगे CM, बिहार में NDA ने चुन लिया नेता
क्या है मामला?
इंडिया टुडे ने अपनी वेबसाइट पर 18 नवंबर को 'How Gandhari’s curse foresaw the succession war in Mulayam Singh Yadav’s clan' शीर्षक से एक लेख प्रकाशित किया। इसका अर्थ यह है, 'गांधारी के श्राप ने मुलायम सिंह यादव के वंश में उत्तराधिकार युद्ध की भविष्यवाणी कैसे की?' समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके कार्यकर्ताओं को इसी अर्टिकल पर आपत्ति है। अखिलेश ने मीडिया हाउस पर परिवार के नाम पर पौराणिक महागाथाओं का मखौल उड़ाने का आरोप लगाया।
क्या शोषित-वंचित समाज से होना अपमान की आधार: अखिलेश
अखिलेश यादव ने अपनी पोस्ट में लिखा, इन मीडिया हाउस और उनके पोषकों के अंदर इतनी नैतिकता तो होनी ही चाहिए कि जो लोग अब दुनिया में नहीं हैं, उनको सम्मान के साथ प्रदर्शित करें। दिवंगतों के प्रति सम्मान की भावना रखना हमारी सांस्कृतिक परंपरा रही है। इन जैसे धनलोभी मीडिया हाउसों से पत्रकारिता के मान, मूल्य, मर्यादा और सैद्धांतिक सीमाओं की अपेक्षा करना तो व्यर्थ है, लेकिन अपने देश की सांस्कृतिक पंरपरा की निरंतरता की रत्ती भर उम्मीद तो की जा सकती है या इनमें इतनी भी नैतिकता नहीं बची कि कम-से-कम गुजरे हुए लोगों को तो अपनी खुदगर्जी का शिकार न बनाएं। सम्मान नहीं कर सकते तो अपमान भी न करें! क्या इस अपमान का आधार ये है कि ऐसे लोग शोषित-वंचित समाज से आते हैं?
यहां नीचे आप सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का पूरा बयान पढ़ सकते हैं-
यह भी पढ़ें: 7 साल में 415 करोड़ कहां से कमाए? अल-फलाह ट्रस्ट के चेयरमैन पर ED ने क्या कहा?
अर्टिकल और फोटो, सपा को किस पर आपत्ति?
समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को खबर के अलावा उसकी तस्वीर पर भी आपत्ति है। इसमें दिवंगत मुलायम सिंह यादव को परिवार के बीच खींचतान के तौर पर चित्रित किया गया है। इसके अलावा पारिवारिक मामले को गंधारी के श्राप के साथ जोड़ने की कोशिश की गई। हालांकि सपा के भारी विरोध प्रदर्शन के बाद इंडिया टुडे का यह आर्टिकल अब बेवसाइट पर उपलब्ध नहीं है।
सपा के प्रदर्शन पर बीजेपी ने क्या कहा?
सपा के प्रदर्शन पर बीजेपी ने भी प्रतिक्रिया दी। बीजेपी नेता और आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने लिखा, 'इंडिया टुडे ने 'गांधारी के श्राप ने मुलायम सिंह यादव के कुनबे में उत्तराधिकार की जंग की भविष्यवाणी कैसे की' शीर्षक से एक लेख प्रकाशित किया। इसमें सपा के इस दिग्गज नेता की तस्वीर परिवार के दो गुटों के बीच फंसी हुई दिखाई गई। लेख भले सवाल उठाने वाला हो, लेकिन प्रतिक्रिया आश्चर्यजनक रही है।'
अमित मालवीय ने आगे लिखा, 'समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं और इंडिया टुडे के नोएडा और लखनऊ स्थित कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और एक लेख के लिए माफी की मांग कर रहे हैं। आज अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के स्वयंभू रक्षक कहां हैं? वे आम कार्यकर्ता कहां हैं जो बिना सोचे-समझे प्रेस की आजादी का राग अलापते हैं? क्या उनका आक्रोश सिर्फ कुछ मामलों तक ही सीमित है, लेकिन जब तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दल किसी मीडिया संस्थान को निशाना बनाता है तो रहस्यमय तरीके से गायब हो जाते हैं? क्या इंडिया टुडे को 'धर्मनिरपेक्षता' की इस विकृत व्याख्या को संतुष्ट करने के लिए माफr मांगने पर मजबूर किया जाएगा?'