जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के बयान पर सियासी हंगामा मच गया है। बीजेपी ने मदनी के बयान पर आपत्ति जताई तो वहीं कांग्रेस नेताओं ने समर्थन किया। अरशद मदनी ने कहा, 'ममदानी न्यूयॉर्क का मेयर बन सकता है। लंदन का मेयर एक खान बन सकता है। मगर हिंदुस्तान के अंदर कोई मुस्लिम वाइस चांसलर नहीं बन सकता। अगर बनेगा तो आजम खान की तरह जेल में डाल दिया जाएगा। आज देखिए अल-फलाह का क्या है, जेल में पड़ा है। कितने साल जेल के अंदर गुजरेंगे, कोई नहीं जानता है। सरकार चाहती है कि मुसलमानों के पैरों के नीचे से जमीन निकल जाए और जमीन निकल चुकी है।'
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने मदनी के बयान पर कहा, 'उन्होंने जो कहा, उससे पहले महाराष्ट्र में बीजेपी का एक बड़ा नेता कह चुका है कि हम किसी भी मुस्लिम को मुंबई का मेयर नहीं बनने देंगे। क्य होगा इसका रिएक्शन, आप कैसे कह सकते हैं कि हम इसको चुनने नहीं देंगे, फैसला बीजेपी करेगी या जनता करेगी? जो लोग जिम्मेदार हैं, आतंकी हैं और आतंक फैला रहे हैं, कानून तोड़ रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कीजिए। वह कोई भी हों। मगर इसका मतलब यह नहीं है कि आप पूरी यूनिवर्सिटी को तबाह कर दें। आप ये कैसे कर सकते हैं।'
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आतंकी को आतंकी नहीं कह सकती कांग्रेस: बीजेपी
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने मदनी के बयान का समर्थन किया। इससे साफ है कि वोट बैंक पॉलिटिक्स से प्रेरित कांग्रेस आतंकी को आतंकी नहीं कह सकती और उनका समर्थन करती है। चाहे राहुल गांधी हों या सोनिया गांधी, उनका अप्रोच नेशनल सिक्योरिटी से अधिक वोट बैंक को तरजीह देना है। कांग्रेस ने पहले भी पाकिस्तान के 26/11 आतंकी हमले पर आरएसएस साजिश जैसी थ्योरी को आगे बढ़ाया था।
'अब्दुल कलाम मुस्लिम समुदाय के सच्चे रोल मॉडल'
मदनी के बयान पर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'भारत के पास अब्दुल कलाम जैसे राष्ट्रपति हुए, यह मुस्लिम समुदाय के लिए एक सच्चे रोल मॉडल हैं। हम उनके सम्मान में अपना सिर झुकाते हैं। उन्होंने हमेशा अपना सिर ऊंचा करके अपनी जिंदगी जी, उन्हें एक रोल मॉडल के तौर पर पेश किया जाना चाहिए।
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मदनी का बयान गैर-जिम्मेदाराना: शाहनवाज हुसैन
मदनी के बयान पर बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'उनका बयान गैर-जिम्मेदाराना है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद भारत के आजादी के आंदोलन का हिस्सा था। हमें उनसे ऐसे बयान की उम्मीद नहीं थी। मदनी का यह बयान कि भारतीय मुसलमान संस्थाओं में टॉप पोस्ट पर नहीं रह सकते, गुमराह करने वाला है। उन्हें पता होना चाहिए कि एक भारतीय मुसलमान भारत का राष्ट्रपति बन सकता है। भारतीय हॉकी टीम का कैप्टन हो सकता है। भारत का चीफ जस्टिस बन सकता है। एक भारतीय मुसलमान को संविधान किसी भी पद पर होने का हक देता है।