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वोटिंग से पहले ही जीत गए BJP के 100 पार्षद! महाराष्ट्र में ये क्या हो गया?

महाराष्ट्र में 2 दिसंबर को स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं। इससे पहले ही बीजेपी ने 100 से ज्यादा पार्षदों के निर्विरोध जीतने का दावा कर दिया है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (Photo Credit: PTI)

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महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव से पहले बड़ा खेला हो गया है। बीजेपी ने दावा किया है कि उसके 100 से ज्यादा पार्षद निर्विरोध जीत गए हैं। महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण ने यह दावा किया है। उन्होंने नगरपालिका परिषदों और नगर पंचायतों में बीजेपी के 100 पार्षदों के निर्विरोध चुने जाने का दावा किया है। चह्वाण ने बताया कि तीन उम्मीदवार नगरपालिका परिषदों के अध्यक्ष पद पर निर्विरोध चुने गए हैं।


शुक्रवार को नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख थी। इसके बाद रविंद्र चव्हाण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में मतदान से पहले ही 100 से ज्यादा पार्षद निर्विरोध चुने गए हैं। 


महाराष्ट्र की 246 नगरपालिका परिषदों और 42 नगर पंचायतों के लिए चुनाव दो दिसंबर को होने हैं और वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी।

कहां-कहां निर्विरोध जीती बीजेपी?

बीजेपी ने जिन 100 से ज्यादा पार्षदों के निर्विरोध जीतने का दावा किया है, उनमें से चार तटीय कोंकण क्षेत्र से, 49 उत्तरी महाराष्ट्र से, 41 पश्चिमी महाराष्ट्र से और तीन-तीन मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों से हैं।

 

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कैसे निर्विरोध जीती बीजेपी?

आरोप लग रहे हैं कि स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी के बड़े-बड़े नेताओं के रिश्तेदार मैदान में हैं। इसलिए उनके सामने कोई मुकाबला करने वाला ही नहीं है। 


विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि बीजेपी की वंशवादी राजनीति की परंपरा अब जमीनी स्तर के चुनावों तक पहुंच गई है और नेताओं के रिश्तेदारों की निर्विरोध जीत सुनिश्चित करने के लिए पुलिस तंत्र पर दबाव डाला गया।

 

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कौन-कौन निर्विरोध जीता चुनाव?

जामनेर में जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन की पत्नी साधना महाजन, कांग्रेस उम्मीदवार रूपाली लालवानी और दो एनसीपी उम्मीदवारों के चुनाव से हटने के बाद नगरपालिका परिषद अध्यक्ष के पद पर निर्विरोध चुनी गईं।


विपणन मंत्री जयकुमार रावल की मां नयन कुंवर रावल, धुले जिले में दोंडाइचा-वरवडे नगरपालिका परिषद की अध्यक्ष चुनी गईं क्योंकि विपक्षी उम्मीदवार शरयू भावसार का नामांकन खारिज कर दिया गया था।


भावसार ने आरोप लगाया कि मंत्री के दबाव में नामांकन खारिज किया गया। एक और प्रमुख निर्विरोध जीत चिखलदरा नगरपालिका परिषद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के चचेरे भाई अल्हड कलोटी की है। अमरावती जिले से कांग्रेस नेता यशोमति ठाकुर ने प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों को नाम वापस लेने के लिए धमकाने और प्रलोभन देने का आरोप लगाया था।


श्रम मंत्री आकाश फुंडकर, कपड़ा मंत्री संजय सावकारे, मंत्री अशोक उइके, पूर्व सांसद रामदास तड़स, विधायक मंगेश चव्हाण और विधायक प्रकाश भारसाकले सहित कई मंत्रियों, विधायकों और सांसदों के रिश्तेदार या तो चुनाव मैदान में हैं या स्थानीय नगर निकायों के पदों के लिए निर्विरोध चुने जा चुके हैं।


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