सियासत में कब कौन साथ आ जाए और कब कौन अलग हो जाए? कुछ कहा नहीं जा सकता है। दो अलग-अलग धड़ों के करीब आने का नया मामला महाराष्ट्र के कोल्हापुर में सामने आया है, जहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दोनों गुट साथ आ गए हैं। एनसीपी के शरद पवार और अजीत पवार के गुट ने कोल्हापुर में नगर परिषद का चुनाव साथ लड़ने के लिए हाथ मिला लिया है।
दोनों गुट मिलकर कोल्हापुर के चांदगढ़ नगर परिषद का चुनाव लड़ेंगे। जुलाई 2023 में अजीत पवार के अलग होने के बाद दोनों गुटों में यह पहला गठबंधन है। दिलचस्प बात यह है कि कोल्हापुर में एनसीपी के दोनों गुट मिलकर बीजेपी का मुकाबला करेंगे।
जुलाई 2023 में अचानक अजित पवार ने तत्कालीन एकनाथ शिंदे वाली महायुति सरकार को समर्थन दे दिया था। इसके बाद एनसीपी दो गुटों- अजीत पवार और शरद पवार में बंट गई थी। चुनाव आयोग ने भी अजीत पवार वाली एनसीपी को ही असली एनसीपी माना था। अब ढाई साल बाद दोनों गुट स्थानीय चुनाव के लिए साथ आ गए हैं और वह भी बीजेपी का मुकाबला करने के लिए।
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क्यों साथ आए दोनों एनसीपी?
कोल्हापुर की चांदगढ़ नगर परिषद का चुनाव 2 दिसंबर को होना है। शरद पवार के गुट वाली एनसीपी ने हाल ही में बीजेपी को छोड़कर किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन करने की अनुमति दे दी थी।
दोनों के साथ आने की कड़ी विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखी जा रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान चांदगढ़ सीट से बीजेपी के बागी नेता शिवाजी पाटिल ने एनसीपी विधायक राजेश पाटिल के खिलाफ चुनाव लड़ा था। इस कारण राजेश पाटिल 24 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए थे। इस कारण यहां पहले ही बीजेपी और एनसीपी के बीच तनाव बना हुआ था।
एनसीपी के एक सीनियर नेता ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, 'ऐसा कोई नियम नहीं है कि हम एनसीपी (एसपी)के साथ गठबंधन नहीं कर सकते। इससे दूसरी जगहों, खासकर पश्चिमी महाराष्ट्र में एनसीपी के दोनों के बीच गठबंधन के रास्ते खुल जाएंगे। हालांकि, ऐसा तभी किया जाएगा, जब गठबंधन करना बेहद जरूरी होगा।'
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पहली बार साथ आए दोनों गुट
2023 में अलग-अलग होने के बाद पहली बार है जब एनसीपी के दोनों गुट साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले साल लोकसभा और विधानसभा में दोनों गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा था।