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32 कलाकारों को RJD का नोटिस, गानों से पार्टी की छवि खराब करने का आरोप

आरजेडी ने बिहार के 32 कलाकारों को नोटिस जारी किया है। इन पर गानों के जरिये पार्टी की छवि खराब करने का आरोप है। अपने नोटिस में आरजेडी ने चेतावनी दी कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Tejashwi Yadav

तेजस्वी यादव। (Photo Credit: PTI)

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संजय सिंह, पटना। राष्ट्रीय जनता दल (BJP) ने चुनाव में मिली करारी हार की समीक्षा शुरू कर दी है। बैठक में यह मुद्दा उठा कि कुछ गायकों के गानों के कारण पार्टी की छवि को भारी नुकसान पहुंचा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने जंगलराज और इन गानों का खूब जिक्र किया। इन गानों में लालू यादव और तेजस्वी यादव के नाम तक का जिक्र है। भोजपुरी के अलावा मैथिली और मगही में बने इन गानों ने पार्टी की छवि को काफी नुकसान पहुंचाया।

 

समीक्षा बैठक में बताया गया कि करीब 32 गायकों ने आरजेडी के नाम वाले गीत और रील तैयार कीं। खास बात यह है कि इन गानों को पार्टी की अनुमति के बिना बनाया गया है।अब आरजेडी ने 32 गायकों को नोटिस भेजा है। इसमें कहा गया कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नोटिस में कहा गया कि भविष्य में अगर कोई गाना बनाया तो उसमें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के नाम का जिक्र नहीं होना चाहिए।

 

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आरजेडी ने अपने नोटिस में लिखा कि बिना अनुमति के कोई पार्टी पर गीत नहीं बनाएगा। झंडा और चुनाव चिह्न का इस्तेमाल भी वर्जित है। नोटिस के बाद अगर कोई गाना बनाते मिला तो उसके खिलाफ फौजदारी के अलावा मानहानि का केस दर्ज कराया जाएगा।

 

बीजेपी नेता प्रभात मालाकार का कहना है कि आरजेडी जबरन अपनी हार का ठीकरा लोक कलाकारों पर फोड़ना चाहती है। राजद के पुराने ट्रैक रिकॉर्ड और विचारधारा को जान समझकर ही कलाकारों ने गाना बनाया था। अब अपनी इज्जत बचाने के लिए कलाकारों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। नोटिस मिलने के बाद कुछ लोक कलाकारों की परेशानी बढ़ गई है। 

बागी नेताओं ने दिया नोटिस का जवाब 

उधर, कांग्रेस के भीतर प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ उपजा जन आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। अनुशासन समिति ने जिन 43 नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, अब उन सभी ने अपना जवाब भेज दिया है। बागी नेताओं का कहना है कि उन लोगों पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अपनी मर्जी से पार्टी को चलाना चाहते हैं। वे पार्टी के भीतर लोकतांत्रिक परंपराओं को दरकिनार करके चलते हैं। कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व आरएसएस और भाजपा के हाथों का खिलौना बनकर रह गया है।

 

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अब जवाब मिलने के बाद पार्टी के नेता असमंजस में हैं। उनका मानना है कि पार्टी का संगठनात्मक ढांचा पहले से कमजोर है। अगर इन नेताओं के खिलाफ कोई कारवाई की जाती है तो पार्टी और कमजोर हो जाएगी। 

आरजेडी के पूर्व मंत्री को मिली धमकी

आरजेडी के पूर्व मंत्री मोहम्मद इसराइल मंसूरी को सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी मिली है। उन्होंने एक प्राथमिकी भी दर्ज कराई है। मंत्री का कहना है कि मतगणना के दिन से ही कुछ अंजान चेहरे उनके पीछे पड़े हैं। मतगणना के दिन भी उनके वाहन पर हमला करने की कोशिश हुई थी। मगर मामला किसी तरह से शांत करा दिया गया था। लेकिन कुछ लोग अब भी पीछा कर रहे हैं। पूर्व मंत्री की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

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