logo

ट्रेंडिंग:

सूर्य, ओम और कोविदार का पेड़, रामलला के धर्म ध्वज में खास क्या है?

रामलला मंदिर के शिखर पर अब धर्म ध्वज फहरा रहा है। ध्वज में तीन संकेत हैं, सूर्य, ओम और कोविदार का पेड़। इनके अलग-अलग अर्थ क्या हैं, आइए जानते हैं।

Ayodhya

अयोध्या के राम मंदिर पर फहराता धर्म ध्वज। (Photo Credit: PTI)

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

अयोध्या के रामलला मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ध्वजारोहण किया है। राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच ध्वजा फहराई गई है। ध्वजारोहण के साथ ही राम मंदिर औपचारिक रूप से पूरा हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर भगवान श्रीराम और मां सीता की विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त पर तिकोने झंडे का आरोहण किया है। 

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने बताया है कि भगवान राम की प्रतिभा और वीरता का प्रतीक चमकते सूर्य की तस्वीर है। भगवान राम सूर्य वंश के हैं। इसलिए यह चिह्न ध्वज पर है। इस पर कोविदार वृक्ष की तस्वीर के साथ ओम लिखा है। यह राम राज्य के आदर्शों को दिखाने वाला ध्वज है। 

यह भी पढ़ें: राम मंदिर परिसर में पीएम, शिखर पर धर्म ध्वज, मंत्रोच्चार के बीच हुआ ध्वजारोहण

ध्वज में खास क्या है?

  • ओम: ओम का चिह्न ॐ है। यह हिन्दू धर्म, योग और भारतीय आध्यात्मिक परम्परा का सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण मंत्र एवं प्रतीक है। इसे प्रणव मंत्र कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि यह ब्रह्मांड की मूल ध्वनि है। इसे ब्रह्मांड की पहली कंपन कहते हैं। वेदों में ओम को शब्द-ब्रह्म कहते हैं।
  • सूर्य: भगवान राम का वंश, सूर्य वंश के तौर पर भी जाना जाता है। वे सूर्यवंशी क्षत्रिय थे। सूर्य उनके कुल के प्रतीक पुरुष हैं। 
  • कोविदार: यह पुष्प पौराणिक है। पारिजात और मंदार के मिश्रण से इस पौधे का जन्म बताया जाता है। रामायण और हरिवंश पुराण जैसे ग्रंथों में भी इस पुष्प का उल्लेख मिलता है। ऐसी मान्यता है कि अयोध्या के राजकीय चिह्न में भी यह पुष्प अंकित था। 

राम मंदिर निर्माण पूरा 

राम मंदिर निर्माण पूरा हो गया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि इस समारोह के साथ राम मंदिर का निर्माण औपचारिक रूप से पूरा हो गया।

यह भी पढ़ें: अयोध्या: 2024 में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई, ध्वजारोहण अब क्यों हो रहा है?

ध्वजारोहण करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। 

कैसे फहराया गया है ध्वज?

यह ध्वज नागर शैली में बने शिखर पर फहराया गया है। मंदिर के चारों ओर बना 800 मीटर का परकोटा दक्षिण भारतीय वास्तु शैली में बना है। मंदिर में भारतीय शिल्प कला की झलक मिल रही है। 

मंदिर परिसर में क्या है?

मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर की बाहरी दीवारों पर वाल्मीकि रामायण पर आधारित भगवान श्री राम के जीवन से जुड़े 87 प्रसंग बारीकी से पत्थरों पर उकेरे गए हैं। घेरे की दीवारों पर भारतीय संस्कृति से जुड़े 79 कांस्य-ढाल वाले प्रसंग अंकित हैं।

सप्त मंदिर में किसकी मूर्तियां हैं?

सप्त मंदिर में महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुह और माता शबरी मंदिर आते हैं। यहां अन्नपूर्णा माता का भी मंदिर है। 

Related Topic:#Ayodhya Ram Mandir

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap