अयोध्या में 25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण समारोह के लिए सुरक्षा और व्यवस्थाओं में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि उस दिन राम मंदिर आम लोगों के लिए पूरी तरह बंद रहेगा। किसी भी श्रद्धालु को मंदिर परिसर या उसके आसपास जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह कार्यक्रम बेहद खास और उच्च सुरक्षा श्रेणी का है, जिसमें देशभर से आने वाले हजारों विशेष अतिथि और टीमें शामिल होंगी। भीड़ को देखते हुए रामपथ के दोनों ओर बैरिकेडिंग की जाएगी और बिना पास के गाड़ियों और व्यक्तियों को आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा।
सुरक्षा एजेंसियों ने रामपथ पर साकेत महाविद्यालय से लेकर लता चौक तक डिवाइडर और फुटपाथों पर भी बैरिकेड लगाने की तैयारी की है। आसपास की दुकानों और मकानों की छतों पर भी सुरक्षा बलों की तैनाती होगी। कार्यक्रम के दौरान रामपथ पर यातायात पूरी तरह रोकने की योजना है।
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ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि 25 नवंबर को अयोध्या आने की कोशिश न करें, क्योंकि उस दिन कड़े रूट डायवर्जन, पार्किंग नियंत्रण और सुरक्षा जांच की वजह से भारी परेशानी हो सकती है। उन्होंने बताया कि ध्वजारोहण समारोह का सीधा प्रसारण घर बैठे देखा जा सकेगा, साथ ही शहर के 30 से ज्यादा स्थानों पर एलईडी स्क्रीन भी लगाई जा रही हैं।
कलश यात्रा से शुरू हुआ पंचदिवसीय अनुष्ठान
राम मंदिर के शिखर पर 25 नवंबर को ध्वजा फहराने से पहले पांच दिन का वैदिक अनुष्ठान शुरू हो गया है। पहले दिन कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। इस कलश यात्रा में सरयू नदी से लाया गया पवित्र जल रामलला के अभिषेक के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
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ट्रस्ट के सदस्य और अनुष्ठान के यजमान डॉ. अनिल मिश्र के अनुसार, इस यात्रा के लिए 551 कलशों की व्यवस्था की गई है। काशी के विख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ पूरे अनुष्ठान का मार्गदर्शन कर रहे हैं। 25 नवंबर के शुभ मुहूर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 फीट लंबी और 11 फीट चौड़ी केसरिया ध्वजा मंदिर के शिखर पर फहराएंगे।
मेहमानों के लिए 500 किलो लड्डू का प्रसाद
अनुष्ठान शुरू होते ही प्रसाद तैयार करने का काम भी शुरू हो गया है। करीब 500 किलो लड्डू बनाए जा रहे हैं। पहले इन्हें रामलला को अर्पित किया जाएगा और फिर कार्यक्रम में शामिल मेहमानों को प्रसाद के रूप में दिया जाएगा। ये लड्डू शुद्ध बेसन, घी और चीनी से बनाए जा रहे हैं।
पांच दिन तक धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम
इन पांच दिनों के दौरान अयोध्या में कई धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होंगे, जिसमें लोक नृत्य, संगीत प्रस्तुतियां, सांस्कृतिक झांकियां और पारंपरिक विधियों से सजे कार्यक्रम शामिल हैं। इस विशेष अवसर पर अयोध्या को रोशनी, फूलों, रंगोली और वॉल पेंटिंग से भव्य रूप दिया जा रहा है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या 25 नवंबर को एक और ऐतिहासिक और दिव्य क्षण की गवाह बनने जा रही है।