दोहा में खेले गए एशिया कप राइजिंग स्टार्स मुकाबले में इंडिया-ए को पाकिस्तान शाहीन्स ने न सिर्फ करारी शिकस्त दी, बल्कि मैच के बीच में एक ऐसा विवाद भी सामने आया जिसने क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों दोनों को हैरान कर दिया। 137 रन का छोटा लक्ष्य पाकिस्तान ने महज 13 ओवर में हासिल कर लिया लेकिन असली चर्चा उस तीसरे अंपायर के फैसले की हो रही है जिसने एक साफ दिखने वाला बाउंड्री रिले कैच नॉट आउट करार दे दिया।
भारतीय खिलाड़ी जश्न मनाने लगे थे, बल्लेबाज भी पवेलियन लौटने लगे थे लेकिन अचानक फैसला उनके खिलाफ चला गया। रिप्ले देखने में मिनटों का समय लगा और न विकेट मिला, न छक्का बल्कि गेंद को डॉट बॉल दे दिया गया।
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भारत के लिए ये पल मैच का टर्निंग प्वाइंट बन सकता था लेकिन विवादित फैसला और टीम की खराब बल्लेबाजी दोनों ने मिलकर मुकाबले को एकतरफा बना दिया। यही नहीं, एलबीडब्ल्यू और रनआउट जैसे दो और फैसलों पर भी सवाल उठे, जिससे भारतीय टीम की निराशा और बढ़ गई।
नियम क्या कहते हैं?
आईसीसी के टी20 नियमों के मुताबिक, अगर कोई फील्डर बाउंड्री के बाहर से हवा में कूदकर गेंद को छुए और फिर जब तक गेंद डेड न हो जाए, वह खिलाड़ी दोबारा जमीन पर सिर्फ मैदान के अंदर ही गिरे, तभी कैच वैध माना जाता है। अगर वह बाउंड्री से बाहर जमीन पर गिरा तो गेंद छक्का मानी जाती है।
यहां तीसरे अंपायर ने ऐसा माना जैसे नियम का दूसरा हिस्सा लागू हो रहा है, जबकि असल में वढेरा ने गेंद दोबारा हवा में पकड़कर खुद को सही स्थिति में नहीं लाया था। उन्होंने गेंद को बिना छुए ही आगे फेंक दिया था, इसलिए वह खेले से बाहर हो गए। नमन धीर ने कैच साफ पकड़ा था, इसलिए उसे आउट देना चाहिए था।
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मैच में कई और विवाद भी हुए
यह अकेला विवाद नहीं था। इससे पहले अशुतोष शर्मा को एलबीडब्ल्यू दे दिया गया था जबकि रिप्ले में गेंद स्टंप से दूर लग रही थी। रमनदीप सिंह का रनआउट भी साफ दिखाई दे रहा था लेकिन एंगल सही न होने पर उन्हें नॉट आउट दिया गया।
हालांकि विवादों के बावजूद यह साफ है कि भारत इस हार के लिए बहाना नहीं बना सकता, क्योंकि उस समय पाकिस्तान को जीत के लिए सिर्फ 44 रन चाहिए थे और काफी ओवर बचे हुए थे।
माज सदाकत ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 79 रन बनाए और पाकिस्तान को आसानी से सेमीफाइनल में पहुंचा दिया। भारत के लिए यह मैच मैदान पर बेहद खराब रहा और टीम को अब टूर्नामेंट में आगे बढ़ने के लिए अपनी गलतियों पर गहराई से विचार करना होगा।