गौतम गंभीर के कोचिंग कार्यकाल में भारतीय टेस्ट टीम का बुरा दौर जारी है। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार के बाद टीम इंडिया को साउथ अफ्रीका के हाथों भी शिकस्त झेलनी पड़ी है। टेम्बा बावुमा की कप्तानी वाली टीम ने गुवाहाटी में भारत को 408 रन से रौंद दिया है। साउथ अफ्रीका ने कोलकाता में खेले गए पहले टेस्ट में 30 रन से जीत दर्ज की थी। अब उसने गुवाहाटी टेस्ट अपने नाम कर टीम इंडिया का सूपड़ा साफ कर दिया है।
भारतीय टीम को साल भर के अंदर दूसरी बार घर में शर्मसार होना पड़ा है। पिछले साल न्यूजीलैंड ने 3 टेस्ट मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप किया था, जिसके बाद गंभीर की काफी आलोचना हुई थी। गुवाहाटी में हार के बाद उन्हें सीधे हेड कोच के पद से हटाने की मांग की जा रही है। एक्सपर्ट्स से लेकर फैंस तक गंभीर की रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं। गंभीर के कोच बनने के बाद से भारतीय टेस्ट टीम की प्लेइंग-XI में ऑलराउंडर्स की संख्या बढ़ी है, जिस पर सबसे ज्यादा बवाल हो रहा है।
यह भी पढ़ें: टेस्ट क्रिकेट में भारत की सबसे बड़ी हार, साउथ अफ्रीका ने किया व्हाइट वॉश
लोगों का मानना है कि टेस्ट में 1-2 ऑलराउंडर्स के अलावा स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों को ही खिलाना चाहिए। हालांकि तमाम आलोचनाओं के बाद भी गंभीर ने याद दिलाया कि इंग्लैंड में कैसे उनकी रणनीति सफल रही थी। भारत ने इस साल जून से अगस्त के बीच इंग्लैंड में 5 टेस्ट मैचों की सीरीज को 2-2 से ड्रॉ कराया था।
'BCCI को करना है फैसला...'
आलोचनाओं से घिरे गंभीर ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली करारी हार के बाद कहा कि उनके भविष्य पर फैसला भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) को करना है। साथ ही गंभीर यह याद दिलाना नहीं भूले कि उनके कार्यकाल में टीम ने कितनी सफलता हासिल की है। गंभीर ने बुधवार (26 नवंबर) को मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मेरे भविष्य का फैसला BCCI को करना है लेकिन मैं वही आदमी हूं जिसने इंग्लैंड में आपको अच्छे परिणाम दिलाए और मैं चैंपियंस ट्रॉफी में भी कोच था।'
यह भी पढ़ें: जिस वेन्यू पर पाकिस्तान से होगी भिड़ंत, वहां कैसा है टीम इंडिया का टी20 रिकॉर्ड?
गंभीर ने आगे कहा, 'दोष सभी का है और इसकी शुरुआत मुझसे होती है। हमें बेहतर खेल दिखाना होगा। पहली पारी में एक समय हमारा स्कोर एक विकेट पर 95 रन था, जो 122/7 हो गया। यह स्वीकार्य नहीं है। आप किसी एक व्यक्ति या किसी खास शॉट को दोष नहीं दे सकते। दोष सबका है। मैंने कभी किसी एक व्यक्ति को दोष नहीं दिया और आगे भी ऐसा नहीं करूंगा।'
गंभीर की कोचिंग में भारत ने 18 टेस्ट मैचों में से 10 में हार का सामना किया है। गुवाहाटी में साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत की हार टेस्ट क्रिकेट में रनों के लिहाज से उसकी सबसे बड़ी हार है। गंभीर ने कहा, 'टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए आपको बेहद तेजतर्रार और प्रतिभाशाली क्रिकेटरों की ज़रूरत नहीं है। हमें सीमित कौशल वाले मज़बूत मानसिकता वाले खिलाड़ियों की ज़रूरत है। वे अच्छे टेस्ट क्रिकेटर बनते है।'