FIDE शतरंज विश्व कप 2025 के फाइनल राउंड-2 का शुभारंभ पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी और ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता सायना नेहवाल ने किया। नेहवाल ने सफेद मोहरों से चाल चलकर खेल का शुभारंभ किया तो स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इस दौरान सायना ने अखिल भारतीय शतरंज महासंघ यानी ऑल इंडिया चेस फेडरेशन (AICF) के अध्यक्ष नितिन नारंग की भी काफी तारीफ की।
हालांकि, यह पहला मौका नहीं था जब किसी गैर-शतरंज हस्ती ने टूर्नामेंट में सेरेमोनियल मूव किया हो। एक दिन पहले ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने भी यही सम्मान पाया था, लेकिन सायना को आमंत्रित किया जाना बैंडमिंटन की रफ्तार और तेजी की शतरंज के धैर्य और गहरी सोच के साथ मिलन जैसा कुछ था।
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चाल चलकर की शुरूआत
मैच उज्बेकिस्तान के 19 वर्षीय ग्रैंडमास्टर जवोखिर सिंडारोव और रूस के आंद्रेय एसिपेंको के बीच था। काफी बड़े स्क्रीन पर एक तरफ समय चल रहा था और इसी बीच लाल-काले ड्रेस में सायना स्टेज पर आईं। कमेंटेटर ने उनका परिचय देते हुए कहा, ‘हमारे बीच हैं भारत की बैडमिंटन लीजेंड, लंदन ओलंपिक कांस्य पदक विजेता, पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 मिस सायना नेहवाल।’
फिर सायना ने बड़ी सहजता से प्यादा दो खाने आगे बढ़ाया। सिंडारोव ने मुस्कुराते हुए सिर झुकाया, दर्शकों ने खड़े होकर तालियां बजाईं।
नितिन नारंग की तारीफ की
इस बीच सायना नेहवाल ने एआईसीएफ के अध्यक्ष नितिन नारंग की तारीफ करते हुए कहा कि हमें एसोसिएशन ऐसे ही और भी प्लेयर चाहिए जो खिलाड़ियों के लिए चिंता करते हैं और काम करते हैं। उन्होंने कहा, 'भारत में इतने बड़े इवेंट को कराने के लिए मैं नितिन नारंग सर को धन्यवाद करती हूं। आपने इतने प्रोफेशनल तरीके से यह टूर्नामेंट करवाया है और इतने प्रोफेशनल तरीके से यह इवेंट भी करवा दिया मेरे लिए। इसके लिए मैं आपका धन्यवाद करती हूं।'
अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (AICF) के अध्यक्ष नितिन नारंग ने बाद में सोशल मीडिया पर लिखा, 'चैंपियन की मौजूदगी हर अखाड़े को रोशन कर देती है। सायना नेहवाल को सेरेमोनियल फर्स्ट मूव के फाइनल राउंड के दूसरे दिन को शानदार बनाने के लिए धन्यवाद।'
शुरू की थी स्टाइपेंड योजना
नितिन नारंग की सायना नेहवाल द्वारा तारीफ किए जाने के पीछे एक और खास वजह है। दरअसल, इसी साल जून महीने में एआईसीएफ ने टॉप नेशनल प्लेयर्स स्टाइपेंड योजना (TNPSS) का ऐलान किया था जिसके तहत प्रतिभाशाली शतरंज खिलाड़ियों को 60 हजार रुपये से 1.5 लाख रुपये तक स्टाइपेंड दिया जाना था।
इस दौरान एआईसीएफ अध्यक्ष नितिन नारंग ने कहा था कि स्टाइपेंड से खिलाड़ियों को उनकी कोचिंग और अन्य जरूरतों में मदद मिलेगी और वे वैश्विक स्तर पर अपने लक्ष्यों को हासिल करने में सफल हो सकेंगे। इस योजना के तहत जून में कुल 42 खिलाड़ियों को स्टाइपेंड की पहली किश्त जारी की गई थी।
इस बारे में बात करते हुए नितिन नारंग ने कहा था, , 'लंबे समय तक पैसों की समस्या के चलते शतंरज के खिलाड़ियों के सपने प्रभावित हुए हैं। ट्रैवल, ट्रेनिंग और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता पर खर्च के चलते कई बार खिलाड़ी इस खेल को छोड़ देते हैं जिससे कि हमारे देश का नुकसान होता है। TNPSS से हम इस चुनौती को खत्म कर सकेंगे और खिलाड़ियों पर केंद्रित नीति के दम पर युवाओं को उस लायक बनाएंगे कि वे सिर्फ चेसबोर्ड पर ध्यान दें और अपने खेल को और बेहतर बनाएं।'
31 अक्टूबर को हुई शुरुआत
टूर्नामेंट के पहले दिन 31 अक्टूबर को विश्वनाथन आनंद के नाम पर ट्रॉफी की शुरूआत हुई थी। उस दिन से लेकर आज तक गोवा का यह शतरंज आयोजन लगातार सुर्खियों में रहा। लेकिन सायना और बिंद्रा जैसे क्रॉस-स्पोर्ट आइकॉनों की मौजूदगी ने इस आयोजन को काफी सफल बनाया है।
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सायना ने बाद में मीडिया से कहा, 'शतरंज मुझे हमेशा से पसंद है। यह खेल आपको सिखाता है कि हार के बाद भी अगली 40 चालें सोचते रहो। बैडमिंटन में भी यही काम आता है – एक पॉइंट हारे तो अगला पॉइंट अभी भी जीता जा सकता है।' फाइनल में अभी भी रोमांच बाकी है। सिंडारोव और एसिपेंको के बीच कड़ा मुकाबला है।