समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गई हैं। दरअसल, पैन कार्ड मामले में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। कुछ दिनों पहले ही आजम खान जमानत पर जेल से बाहर आए थे और अपने परिवार के साथ रामपुर स्थित घर में रह रहे थे।
कोर्ट ने आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दोषी करार देते हुए सात-सात जेल की सजा सुनाई। साथ ही 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। पूर्व मंत्री को कोर्ट से मिले इस झटके से ऊबर पाना काफी मुश्किल होगा। कोर्ट का फैसला सामने आते ही यूपी पुलिस ने दोनों नेताओं को अपनी कस्टडी में ले लिया है।
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बीजेपी विधायक ने दर्ज कराया था केस
आजम और उनके बेटे के खिलाफ रामपुर से बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने यह केस दर्ज करवाया था। आज की सुनवाई को देखते हुए मुरादाबाद कचहरी परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। अब्दुल्ला आजम पर आरोप था कि उन्होंने चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र पूरी न होने के बावजूद विधायक बनने के लिए कूटरचना की।
वहील ने क्या कहा?
सजा सुनाए जाने के बाद विधायक आकाश सक्सेना के वकील संदीप सक्सेना ने कहा, 'यह मामला 2019 में आजम खान और अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ दर्ज हुआ था। यह अब्दुल्ला आजम खान के दो फर्जी पैन कार्ड से जुड़ा मामला था। आज उसका फैसला आया है, जिसमें दोनों मुजलिमों को ही धारा 467 में सात-सात साल की सजा दी गई है। दोनों यहां से सीधे जेल जाएंगे।'
100 से ज्यादा मामले में आरोपी
कोर्ट ने आजम खान को ऐसे समय में सजा सुनाई है, जब वह 100 से भी ज्यादा मामलों में आरोपों का सामना कर रहे हैं। आजम लगभग 23 महीने जेल में सजा काटकर इसी साल सितंबर महीने में रामपुर जेल से जमानत पर रिहा हुए थे।
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बता दें कि हाल ही में, उन्हें बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए अपने आधिकारिक सरकारी लेटरहेड और मुहर का कथित रूप से दुरुपयोग करने के एक मामले में भी बरी कर दिया गया था।