बिहार में नेशनल डेमोक्रैटिक अलायंस (NDA) ने नीतीश कुमार को औपचारिक तौर पर अपना नेता चुन लिया है। इससे उन सभी अटकलों पर विराम लग गया है जिनमें सुगबुगाहट थी कि किसी और नेता को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। बुधवार को बिहार की राजधानी पटना में कई बैठकें हुईं। पहले जनता दल (यूनाइटेड) ने नीतीश कुमार को और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सम्राट चौधरी को अपने-अपने विधायक दल का नेता चुना। इसके बाद NDA के विधायकों ने एकसाथ बैठकर तय किया कि नीतीश कुमार ही अगले मुख्यमंत्री होंगे। शपथ ग्रहण समारोह पटना के गांधी मैदान में गुरुवार को होगा। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के साथ दो उपमुख्यमंत्री और कुछ मंत्री भी शपथ ले सकते हैं।
माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के साथ-साथ बीजेपी के सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा भी उपमुख्यमंत्री बनेंगे। पिछली सरकार में भी यही दोनों उपमुख्यमंत्री रहेंगे। बीजेपी और जेडीयू के नेताओं ने कहा है कि मंत्रिमंडल का फैसला नीतीश कुमार लेंगे। रोचक बात है कि इन चुनावों में भी बीजेपी के विधायकों की संख्या जेडीयू से ज्यादा है। इस बार बीजेपी के 89 तो जेडीयू के कुल 85 विधायक जीते हैं। एनडीए में इन दोनों पार्टियों के अलावा चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी (राम विलास), जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (लोकतांत्रिक) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं।
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विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद नीतीश कुमार अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ राजभवन पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसी के साथ उन्होंने मौजूदा कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा भी दे दिया है। शपथ ग्रहण तक वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर कामकाज देखते रहेंगे।
क्या बोले चिराग पासवान?
NDA के विधायक दल की मीटिंग के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के मुखिया चिराग पासवान ने कहा, 'एक बार फिर से एनडीए विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार जी को विधायक दल का नेता चुना गया है। जिस तरह से प्रचंड बहुमत के साथ बिहार की जनता ने एनडीए के प्रत्याशियों पर, मेरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सोच पर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के अनुभव पर, बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट पर विश्वास करते हुए, जो प्रचंड जीत देने का काम किया है, ऐसे में हम सब पर बड़ी जिम्मेदारी है कि हम जनता के भरोसे पर खरे उतरें। कल शपथ ग्रहण के बाद प्रयास किया जाएगा कि हम लोगों ने जो वादे किए हैं, उन सबको एक-एक करके पूरा करने का प्रयास किया जाए।'
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नीतीश कुमार की 10वीं शपथ
आपको बता दें कि नीतीश कुमार साल 3 मार्च 2000 को पहली बार बिहार के सीएम बने थे लेकिन तब सिर्फ 7 दिन में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद 5 साल तक रबड़ी देवी की सरकार चली। दूसरी बार 2005 में सीएम बने और तब बीजेपी के सुशील कुमार मोदी डिप्टी सीएम बने थे। 2010 में वह फिर से चुनाव जीते और तीसरी बार बिहार के सीएम बने। इसी कार्काल के आखिर में यानी मई 2014 में नीतीश कुमार ने पद छोड़कर जीतन राम मांझी को सीएम बना दिया था। हालांकि, आखिरी वक्त में मांझी को हटाकर फिर से नीतीश सीएम बने और चौथी बार शपथ ली।
2015 में उनकी पार्टी फिर से सत्ता में आई और नीतीश कुमार ने पांचवीं बार सीएम पद की शपथ ली। तब तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने थे। 2017 में नीतीश कुमार फिर से बीजेपी के साथ गए और छठी बार शपथ ली। एक बार फिर से सुशील मोदी डिप्टी सीएम बने। 2020 में फिर से नीतीश सत्ता में आए और सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस बार तारकिशोर प्रसाद और रेणू देवी को डिप्टी सीएम बनाया गया।
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2022 में नीतीश कुमार फिर से आरजेडी के साथ चले गए। खुद 8वीं बार सीएम पद की शपथ ली और इस बार तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने। डेढ़ साल में फिर से उनका मोहभंग हुआ और बीजेपी के साथ चले गए। खुद 9वीं शपथ ली और विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी डिप्टी सीएम बने। अब वह 10वीं बार शपथ लेने जा रहे हैं।