उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर शहर में पुलिस ने एक शख्स की उस समय हेकड़ी निकाल दी, जब उसने एक गंभीर महिला मरीज को ले जा रही एम्बुलेंस को लगभग 3 किलोमीटर तक रास्ता नहीं दिया। एम्बुलेंस के बार-बार आगे निकलने की कोशिकों के बावजूद शख्स उसे जाने नहीं दिया। मामले के संज्ञान में आते ही पुलिस ने शख्त के ऊपर 10,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया।
जुर्माना लगाने के दो दिन बाद बरेली जोन के DIG अजय कुमार साहनी ने शुक्रवार को ऐसे सभी लोगों को चेतावनी दी, जो इमरजेंसी गाड़ियों का रास्ता रोकते हैं। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी गाड़ियों को रोकने वाली किसी भी गाड़ी पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
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मरीज की हालत स्थिर
साहनी ने जानकारी देते हुए कहा, 'खुशकिस्मती से, मरीज समय पर अस्पताल पहुंच गई और अब उसकी हालत स्थिर है। हमने इस तरह की परेशानी को रोकने और ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को कड़ा संदेश देने के लिए भारी जुर्माना लगाने का फैसला किया है।'
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बुधवार रात शाहजहांपुर के कच्चा कटारा में जानबूझकर एक कार एक एम्बुलेंस को रोकती ही। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। कार इंद्रपाल सिंह नाम के एक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड है। एम्बुलेंस का ड्राइवर मरीज को अस्पताल पहुंचाने की जल्दी में बार-बार आगे निकलने की कोशिश करता रहा। रास्ता नहीं मिलने पर एम्बुलेंस ड्राइवर ने इसकी वीडियो रिकॉर्ड करली। ड्राइवर ने बताया है कि कार चालक ने लगातार हॉर्न और सायरन बजाने के बाद भी उसे रास्ता नहीं दिया।
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वायरल वीडियो जब पुलिस के संज्ञान में आया तो, पुलिस ने कार के मालिक का पता लगा लिया। शाहजहांपुर ट्रैफिक पुलिस ने कार ड्राइवर को ढूंढ निकाला और उस पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया, साथ ही सख्त चेतावनी भी दी। पुलिस ने कहा कि इस मामले में अभी तक कोई FIR दर्ज नहीं की गई है।
बता दें कि मोटर व्हीकल एक्ट के सेक्शन 194E के मुताबिक, एम्बुलेंस या दूसरी इमरजेंसी गाड़ियों को रोकना एक गंभीर जुर्म है, जिसके लिए 10,000 रुपये तक का जुर्माना और/या छह महीने तक की जेल हो सकती है।