अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ अटैक जारी है। अब उन्होंने ब्राजील पर 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इससे पहले ट्रंप ने 7 देशों पर भी टैरिफ बढ़ा दिया था। तीन दिन में ट्रंप ब्राजील समेत 22 देशों पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान कर चुके हैं। टैरिफ को लेकर ट्रंप ने इन देशों के राष्ट्राध्यक्षों को लेटर भेजा है।
ट्रंप ने ब्राजील पर उसके पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो के साथ किए जा रहे बर्ताव को लेकर 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इसलिए माना जा रहा है कि ट्रंप के टैरिफ के पीछे आर्थिक नीतियों की बजाय 'व्यक्तिगत खुन्नस' है।
ट्रंप और बोल्सोनारो अच्छे दोस्त माने जाते हैं। ब्राजील में बोल्सोनारो पर 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार को पलटने की कोशिश करने के आरोप में मुकदमा चल रहा है। ट्रंप ने टैरिफ बोल्सोनारो के खिलाफ मुकदमा तुरंत खत्म करने को कहा है।
ब्राजील को ट्रंप की धमकी!
ट्रुथ सोशल पर ब्राजील को भेजा लेटर शेयर करते हुए ट्रंप ने ब्राजील को बोल्सोनारो पर चल रहे मुकदमे को खत्म करने को कहा है।
ब्राजील को भेजे लेटर में ट्रंप ने लिखा, 'दुनिया के बाकी नेताओं की तरह ही मैं पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो को अच्छी तरह से जानता हूं और उनका सम्मान करता हूं। ब्राजील अपने पूर्व राष्ट्रपति के साथ जिस तरह से बर्ताव कर रहा है, वह अंतर्राष्ट्रीय अपमान है। यह ट्रायल नहीं होना चाहिए। इसे तुरंत खत्म कर देना चाहिए।'
ट्रंप ने बोल्सोनारो के खिलाफ चल रहे ट्रायल को 'विच हंट' बताया। यानी, उनका दावा है कि बोल्सोनारो पर बिना सबूतों के मुकदमा चलाया जा रहा है।
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ब्राजील का क्या है कहना?
2022 के राष्ट्रपति चुनाव में बोल्सोनारो हार गए थे। उन पर आरोप है कि हार के बावजूद उन्होंने इसे पलटने की साजिश रची थी। इसे लेकर ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है। इस मामले में बोल्सोनारो ने जून में सुप्रीम कोर्ट में गवाही दी थी।
जानकारों का मानना है कि इस साल सितंबर तक इस मामले पर फैसला आ सकता है। बोल्सोनारो पर 2030 तक चुनाव लड़ने पर पहले ही रोक लगाई जा चुकी है।
ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन ने कहा कि उन्हें टैरिफ बढ़ाने का कोई कारण नहीं दिखता। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि उन्हें गलत जानकारी दी गई। राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को दो साल तक जेल में रहना पड़ा था। तब किसी ने कोई सवाल नहीं उठाया। तब किसी ने सवाल नहीं किया कि उनके साथ देश ने क्या किया। यह हमारी ज्यूडीशियरी का मामला है। ट्रंप के लिए टैरिफ निजी हैं। उन्होंने ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट की तरफ से X जैसी सोशल मीडिया कंपनियों पर जुर्माना लगाने पर भी आपत्ति जताई थी।'
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ट्रंप के फैसले पर उठ रहे सवाल
ब्राजील पर 50% टैरिफ लगाने के ट्रंप के फैसले पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वह इसलिए क्योंकि ब्राजील के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा भी नहीं है। बल्कि ब्राजील के साथ कारोबार में अमेरिका फायदे में ही रहता है। यही कारण है कि ब्राजील पर टैरिफ को ट्रंप की 'खुन्नस' माना जा रहा है।
आंकड़ों के मुताबिक, ब्राजील अमेरिका का 15वां बड़ा कारोबारी देश है। 2024 में दोनों के बीच 92 अरब डॉलर का कारोबार हुआ था। इससे अमेरिका का ट्रेड सरप्लस 7.4 अरब डॉलर रहा था।
जानकारों का कहना है कि ब्राजील को भेजे लेटर से माना जा सकता है कि ट्रंप के साथ निजी संबंध मायने रखते हैं। ट्रंप ने 2 अप्रैल को ब्राजील पर 10% टैरिफ का ऐलान किया था लेकिन अब इसे बढ़ाकर 50% करने की बात कही है। ब्राजील से अमेरिका तेल के अलावा ऑरेंज जूस, कॉफी, लोहा और स्टील जैसी चीजें खरीदता है।
जानकार बताते हैं कि ट्रंप का कहना है कि वह 'ट्रेड बैलेंस' को ठीक करने के लिए टैरिफ लगा रहे हैं। उन्होंने कई देशों पर टैरिफ इसलिए बढ़ाया है, क्योंकि उनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा ज्यादा है। हालांकि, इस मामले में यह लागू नहीं होता, क्योंकि अमेरिका ब्राजील को आयात से ज्यादा निर्यात करता है।
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इन देशों पर भी ट्रंप ने बढ़ाया टैरिफ
ब्राजील के अलावा ट्रंप ने 7 और देशों पर भी टैरिफ बढ़ा दिया है। ट्रंप ने लीबिया, इराक, अल्जीरिया और श्रीलंका पर 30% टैरिफ लगाया है। मोल्डोवा और ब्रूनेई पर 25% और फिलीपींस पर 20% टैरिफ लगाया गया है। टैरिफ की यह नई दरें 1 अगस्त से लागू होंगी।
अमेरिकी सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिका का अल्जीरिया के साथ 1.4 अरब डॉलर, इराक के साथ 5.9 अरब डॉलर, लीबिया के साथ 90 करोड़ डॉलर, फिलीपींस के साथ 4.9 अरब डॉलर, श्रीलंका के साथ 2.6 अरब डॉलर, ब्रूनई के साथ 11 करोड़ डॉलर और मोल्डोवा के साथ 8.5 करोड़ डॉलर का व्यापार घाटा है।
इसका मतलब हुआ कि अमेरिका इन देशों को बेचता कम और खरीदता ज्यादा है। हालांकि, यह बहुत छोटा है। जानकारों का कहना है कि इन 7 देशों के साथ व्यापार घाटे का अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर कुछ खास असर नहीं पड़ता है।
ट्रंप लेटर भेजकर बता रहे हैं कि वह टैरिफ इसलिए लगा रहे हैं, क्योंकि व्यापार घाटा अमेरिकी अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। इस लेटर में ट्रंप यह भी धमकी दे रहे हैं कि अगर जवाबी कार्रवाई की जाती है तो अमेरिका और सख्ती करेगा।