निवेश करने के अपने कुछ रिस्क होते हैं, तो कुछ फायदे भी। निवेश में जब दूसरों का मुनाफा देखते हैं तो मन में यही सवाल आता है कि काश हमने भी निवेश कर दिया होता। और जब दूसकों का घाटा देखते हैं तो मन ही मन राहत लेते हुए कहते हैं कि अच्छा हुआ कि हमने इसमें पैसा नहीं नहीं लगाया।

 

एक सच तो यह भी है कि निवेश करने को सोचते तो बहुत लोग हैं लेकिन इनमें से कुछ ही होते हैं जो सच में निवेश करते हैं। सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने हाल ही में एक सर्वे किया था। इसमें सामने आया था कि भारत में 63% परिवारों को निवेश के बारे में पता है लेकिन इनमें से सिर्फ 9.5% ही निवेश करते हैं। यह दिखाता है कि निवेश के बारे में पता होने के बावजूद लोग निवेश करने से बचते हैं।

 

मगर अब 2025 जाने वाला है और एक सवाल सबके मन में यही आ रहा होगा कि अगर एक साल पहले 1 लाख रुपये लगाए होते तो अब तक कितने हो गए होते? सवाल यह भी आता है कि सोना-चांदी खरीदना ज्यादा फायदे का सौदा रहा या फिर शेयर मार्केट में पैसा लगाना?

 

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किसने दिया ज्यादा रिटर्न?

आमतौर पर निवेश को ज्यादातर लोग शेयर मार्केट से ही जोड़कर देखते हैं। भारत की एक बड़ी आबादी शेयर मार्केट में ही अपनी किस्मत आजमाती है। चाहे अमीर हो या फिर मिडिल क्लास, वह शेयर मार्केट से ही खूब सारे पैसा कमाने का सोचती है।

 

सितंबर 2025 में SEBI का 'इन्वेस्टर सर्वे 2025' आया था। इसमें सामने आया था कि सिर्फ 5.3% परिवार ही शेयर मार्केट में निवेश करते हैं। इसकी एक वजह यह है कि शेयर मार्केट में रिस्क ज्यादा बड़ा होता है। इतना ही नहीं, भारत में 20 करोड़ से ज्यादा डिमैट अकाउंट हैं लेकिन इनमें से सिर्फ 3-4 करोड़ ही ऐक्टिव हैं। यानी, सिर्फ 3-4 करोड़ से ही ट्रेडिंग होती है।

 

भारत में शेयर मार्केट के दो ही एक्सचेंज हैं। पहला- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE। और दूसरा- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE। इन दोनों पर ही शेयरों की खरीद और बिक्री होती है।

 

 

एक साल में BSE और NSE, दोनों ने ही 10% से भी कम का रिटर्न दिया है। 31 दिसंबर 2024 तक BSE का सेंसेक्स 78,139.01 था, जो 30 दिसंबर 2025 को 84,675.08 पर बंद हुआ। यानी, सेंसेक्स ने एक साल में 8.36% का रिटर्न दिया।

 

इसी तरह, NSE का निफ्टी 50 31 दिसंबर 2024 को 23,644.80 पर बंद हुआ था। 30 दिसंबर 2025 को यह 25,933.90 पर बंद हुआ। इस हिसाब से निफ्टी ने 9.68% का रिटर्न दिया।

 

इसका मतलब हुआ कि अगर आपने 31 दिसंबर 2024 को सेंसेक्स के किसी स्टॉक में 1 लाख रुपये लगाए होते तो 30 दिसंबर 2025 तक यह 1.08 लाख रुपये हो गए होते। जबकि, निफ्टी में यह 1.09 लाख रुपये से ज्यादा हो चुके होते।

 

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गोल्ड और सिल्वर ने कितना दिया?

भारतीय परिवार गोल्ड और सिल्वर को सुरक्षित निवेश के तौर पर देखते हैं। इस साल गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

 

31 दिसंबर 2024 तक दिल्ली में 24 कैरेट के 10 ग्राम गोल्ड की कीमत 75,710 रुपये थी, जो 30 दिसंबर 2025 तक बढ़कर 1,36,200 रुपये हो गई। वहीं, पिछले साल 31 दिसंबर को एक किलो चांदी की कीमत 87,310 रुपये थी। यह 30 दिसंबर 2025 तक बढ़कर 2.40 लाख रुपये हो गई।

 

 

इस हिसाब से एक साल में गोल्ड की कीमतें लगभग 80% और चांदी की 175% तक बढ़ गई हैं। अगर आपने 31 दिसंबर 2024 को 1 लाख रुपये का गोल्ड खरीदा होता तो आज उसकी कीमत लगभग 1.80 लाख रुपये होती है। इसी तरह अगर पिछले साल 1 लाख रुपये की चांदी खरीदी होती तो आज वह 2.75 लाख रुपये की होती।