गौतम अदाणी के भतीजे प्रणव अदाणी, इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोपों में घिर गए हैं। सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने आरोप लगाया है कि प्रणव ने साल 2021 में अदाणी ग्रीन एनर्जी की एक प्रोजेक्ट की जानकारी लीक की, जो इनसाइड ट्रेडिंग के नियमों का उल्लंघन है। गौतम अदाणी की कंपनी सॉफ्टबैंक की मदद से SB एनर्जी खरीदने वाली थी। इस गोपनीय डील को वह अपने बहनोई कुणाल शाह से छिपा नहीं सके। यह जानकारी कंपनी की ओर से सार्वजनिक नहीं की गई, उससे पहले ही लीक कर दी गई।

SEBI के मुताबिक ऐसा करना, इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के खिलाफ है। SEBI ने बीते साल भी प्रणव अदाणी को इसके संबंध में नोटिस भेजा था। यह केस पहले सार्वजनिक नहीं हुआ था, अब इस पर विवाद मचा है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट बताती है कि प्रणव अदाणी ने मई 2021 में अदाणी ग्रीन की SB एनर्जी को खरीदने की गोपनीय जानकारी लीक की, जिसका लाभ कुणाल शाह और नृपाल शाह को मिला। शाह बंधुओं ने इस जानकारी का लाभ उठाकर 90 लाख रुपये का मुनाफा कमाया। 

प्रणव अदाणी कौन हैं?
प्रणव अदाणी, गौतम अदाणी के भतीजे हैं। वह अदाणी ग्रुप की कई कंपनियों के निदेशक हैं। वह अदाणी ग्रुप के लीडिंग बिजनेस कंपनियों से जुड़े हैं। वह अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी पोर्ट्स के कामकाज पर नजर रखते हैं और अहम पद पर हैं। प्रणव अदाणी ग्रुप के लिए रणनीति तैयार करते हैं, कंपनी का आंतरिक मैनेजमेंट संभालते हैं। प्रणव अदाणी के पिता विनोद शांतिलाल अदाणी हैं, जो गौतम अदाणी के बड़े भाई हैं। उनकी पत्नी का नाम नम्रता अदाणी है। 

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प्रणव अदाणी ने क्या कहा है?
प्रणव अदाणी ने न अपनी गलती मानी है, न ही उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है। वह अब SEBI के साथ समझौता चाहते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कोई भी गारंटी कानून नहीं तोड़ा है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट दावा किया गया है कि वह सेटलमेंट की शर्तों पर वह SEBI के अधिकारियों संग चर्चा भी कर रहे हैं। 
 
SEBI की नजर में कैसे आई धांधली?
SEBI इस बात पर अड़ी है कि साल 2021 में प्रणव अदाणी ने अदाणी ग्रीन एनर्जी की ओर से SB एनर्जी खरीदने की बात अपने बहनोई कुणाल शाह को बता दी। भारतीय कानून में यह इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों का उल्लंघन है। SEBI ने कॉल रिकॉर्ड और ट्रेडिंग पैटर्न के बारे में पड़ताल की, फिर आरोप लगाए।

कुणाल शाह और नृपाल शाह ने क्या कहा?
कुणाल और नृपाल शाह ने अपने वकील के जरिए कहा कि उनकी ट्रेडिंग किसी गोपनीय जानकारी पर आधारित नहीं थी और न ही उनका कोई गलत इरादा था। उनका कहना है कि यह जानकारी पहले से ही सार्वजनिक थी।

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जिस डील की बात हुई लीक, वह क्या थी?
अदाणी ने ग्रीन SB एनर्जी को 30 हजार करोड़ रुपये) में खरीद लिया था। यह भारत के रिन्युएबल एनर्जी सेक्टर की अब तक की सबसे बड़ी डील थी। इसी डील को लीक करने के आरोप प्रणव अदाणी पर लगे हैं। 17 मई 2021 को अदाणी ग्रीन ने 3.5 बिलियन डॉलर (करीब 30 हजार करोड़ रुपये) में SB एनर्जी का अधिग्रहण किया था। SEBI का कहना है कि प्रणव अदाणी को इस सौदे की जानकारी 16 मई से दो-तीन दिन पहले मिली थी। प्रणव अदाणी ने कहा कि वह बिना गलती स्वीकार किए इस मामले को सेटलमेंट के जरिए खत्म करना चाहते हैं। SEBI ने शाह बंधुओं को भी सेटलमेंट का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया, क्योंकि शर्तें उन्हें बहुत सख्त लगीं। अब वे इन आरोपों को चुनौती देंगे।

इनसाइडर ट्रेडिंग क्या है?
जब कंपनी की किसी बड़ी डील, मुनाफा, विलय या आर्थिक स्थिति से जुड़ी जानकारियों को लीक कर दिया जाता है, जिसका इस्तेमाल करके शेयर बाजार में शेयर खरीदे या बेचे जाते हैं, जिससे अनुचित लाभ होता है, तब यह प्रक्रिया, इनसाइडर ट्रेडिंग कहलाती है।

कैसे होती है इनसाइडर ट्रेडिंग?
अगर किसी को पता है कि कंपनी किसी बड़ी कंपनी को खरीदने वाली है, वह पहले से ही उस कंपनी के शेयर खरीद ले तो उसे मुनाफा भी ज्यादा होगा। यह गैरकानूनी है।

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इनसाइड ट्रेडिंग के खिलाफ कानून क्या है?
 भारत में इसे रोकने के लिए SEBI ने नियम बनाए हैं। भारत में यह गंभीर अपराधों की श्रेणी में आता है। SEBI (प्रोहिबिशन ऑफ इनसाइडर ट्रेडिंग) रेगुलेशन 2015 के तहत दोषी शख्स पर 25 करोड़ रुपये तक जुर्माना लग सकता है या लाभ का 3 गुना हिस्सा देना पड़ सकता है। इसमें दोषी शख्स को 7 साल तक की सजा हो सकती है। 
  
अदाणी समूह के लिए नई आफत कैसे?
अमेरिका में भी अदाणी समूह पर धांधली के आरोप लग चुके हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया था कि भारत के सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट को हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 2100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी। इस प्रोजेक्ट से 20 साल में 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा मुनाफा कमाने का अनुमान जताया गया था। गौतम अदाणी, सागर और विनीत एस जैन पर आरोप लगे थे। जब जांच हुई तो गौतम अदाणी को राहत मिली। जो बाइडेन सरकार में उनकी कंपनी पर संकट के बादल मंडरा रहे थे, जब डोनाल्ड ट्रम्प आए तो राहत मिल गई।