उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए महाकुंभ पर इस बार करोड़ों लोगों ने संगम में स्नान किया। इस बीच काफी आग लगने से लेकर भगदड़ के साथ साथ काफी खबरें आईं। देश दुनिया में इसकी पूरी कवरेज की गई। इस बीच यह बात भी निकल के आई कि काफी लोगों को रोजगार मिला और व्यापार को काफी बढ़ावा मिला। अब सरकार द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक महाकुंभ में भारी संख्या में भक्तों की भीड़ की वजह से जीएसटी कलेक्शन मार्च में 10,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। आंकड़े के मुताबिक यह 11 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर रहा।

 

बढ़ा कलेक्शन
मार्च में हुए कलेक्शन ने जनवरी से मार्च की तिमाही में होने वाले कलेक्शन को बढ़ा दिया। हालांकि, पिछले साल अप्रैल महीने के कलेक्शन ने अप्रैल से जून तक के तिमाही में होने वाले कलेक्शन को बढ़ा दिया था। हालांकि, यह जुलाई सितंबर की तिमाही में गिरकर 8400 करोड़ हो गया और अक्तूबर से दिसंबर की तिमाही में गिरकर 9000 करोड़ रुपये हो गया। जबकि अंतिम तिमाही में यह 9500 करोड़ रुपये था।

 

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इकॉनमी को मिला बूस्ट

एक्सपर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था जुलाई से दिसंबर 2025 के बीच सिंगल डिजिट में चल रही थी। उनका कहना है कि महाकुंभ की वजह से यूपी की अर्थव्यवस्था को डबल डिजिट में पहुंचने में सहायता मिली, जो कि जनवरी से मार्च के बीच 12.5 प्रतिशत रहा। हालांकि, महाकुंभ के बाद भी अर्थव्यवस्था में यही रफ्तार देखने को मिली।

 

12 साल में आता कुंभ

बता दें कि इस साल यूपी के प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच महाकुंभ का आयोजन किया गया था। कुंभ हर 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है। इस दौरान दुनिया भर के साधु एकत्रित होते हैं साथ ही अलग अलग अखाड़े भी शाही स्नान के लिए इकट्ठे होते हैं।